हरियाणा की 90 सीटों पर एक ही चरण में 5 अक्टूबर को मतदान हो रहा है। हरियाणा और जम्मू-कश्मीर दोनों के नतीजे 8 अक्टूबर को घोषित किए जाएंगे। वोटों की गिनती होने से पहले, सभी की निगाहें हरियाणा और जम्मू-कश्मीर दोनों के लिए अलग-अलग पोल एजेंसी की ओर से जारी एग्जिट पोल के नतीजों पर होंगी। चुनाव आयोग के नोटिफिकेशन के मुताबिक, हरियाणा में वोटिंग खत्म होने के बाद ही एग्जिट पोल के अनुमान जारी किए जा सकेंगे।
कब आएंगे हरियाणा Exit Poll के नतीजे?
चुनाव आयोग ने टीवी चैनल को निर्देश दिया है कि 5 अक्टूबर (शनिवार) को शाम 6 बजे से पहले एग्जिट पोल के नतीजे जारी न करें। इस प्रकार, एग्जिट पोल की भविष्यवाणी शनिवार शाम 6 बजे के बाद जारी की जाएगी।
जब भी विधानसभा या लोकसभा चुनावों की घोषणा होती है, तो प्रतिबंध लगाया जाता है और उस चुनावी चक्र में भाग लेने वाले सभी राज्यों में मतदान खत्म होने के बाद इसे हटा लिया जाता है।
कहां देखें Exit Poll के नतीजे?
हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए एग्जिट पोल के नतीजे Network18 के सभी चैनल और Moneycontrol Hindi पर भी दिखाए जाएंगे। लेटेस्ट अपडेट के लिए आप Moneycontrol Hindi के लाइव ब्लॉग, Youtube: https://www.youtube.com/@MoneyControlHindi18 , Facebook: https://www.facebook.com/moneycontrolhindi पर लाइव देख सकते हैं।
तीन चरण वाले जम्मू-कश्मीर चुनाव 1 अक्टूबर को खत्म हुए। शनिवार को हरियाणा में विधानसभा चुनाव के लिए एक ही फेज में मतदान हो रहा है।
इसी दिन सर्वे एजेंसी के साथ-साथ कई न्यूज चैनलों की ओर से हरियाणा और जम्मू-कश्मीर में चुनाव परिणामों के बारे में अपनी भविष्यवाणियां करने की उम्मीद है।
एग्जिट पोल पर चुनाव आयोग के दिशानिर्देश क्या हैं?
चुनाव आयोग के दिशानिर्देशों के अनुसार, इसके दिशानिर्देशों के उल्लंघन पर जुर्माना और कारावास सहित कई कानूनी कार्रवाई हो सकती है।
EC के एक बयान में पहले कहा गया था, “यह प्रतिबंध सभी तरह के मीडिया पर लागू होता है, जिसमें अखबार, टेलीविजन चैनल, रेडियो, ऑनलाइन न्यूज पोर्टल, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और WhatsApp, Telegram, Facebook, Youtube, Instagram आदि जैसी मैसेजिंग सर्विस शामिल हैं। यह राजनीतिक दलों, उम्मीदवारों, पोलिंग एजेंसियों और चुनाव-संबंधी गतिविधियों में लगे किसी भी व्यक्ति पर भी लागू होता है।"
इसमें कहा गया है कि CEO, जिला चुनाव अधिकारियों, रिटर्निंग अधिकारियों और कानून-प्रवर्तन एजेंसियों के साथ अनुपालन की निगरानी करेंगे। इसमें कहा गया है, "किसी भी उल्लंघन से कानून के अनुसार सख्ती से निपटा जाएगा।"
बयान में कहा गया है कि इस उपाय का मकसद चुनावी प्रक्रिया की अखंडता को बनाए रखना और एक स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव माहौल बनाना है और यह सुनिश्चित करना है कि मतदाता समयपूर्व भविष्यवाणियों या चुनावी परिणामों के विश्लेषण से प्रभावित हुए बिना अपने निर्णय लें।