Madhya Pradesh Assembly Elections 2023: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल की 7 विधानसभा सीटों पर 21 उम्मीदवारों ने अपना नामांकन वापस ले लिया है। इसके बाद अब कुल 96 उम्मीदवार मैदान में रह गए हैं। भारतीय जनता पार्टी (BJP) द्वारा भोपाल उत्तर सीट पर कांग्रेस के वोट बैंक में सेंध लगाने की आशंका है, जिसे भगवा पार्टी ने लगभग तीन दशकों से नहीं खोया है। जिले की सभी 7 विधानसभा क्षेत्रों के लिए विधायक प्रत्याशियों की स्थिति अब स्पष्ट हो गई है। अब कुल 96 प्रत्याशी विधानसभा पहुंचने की दौड़ में शामिल हैं ।पांच घंटे चली नामांकन वापसी प्रक्रिया के दौरान कुल 21 प्रत्याशियों ने अपने नामांकन वापस ले लिए हैं।
भोपाल उत्तर मे निर्दलीय उम्मीदवार नासिर इस्लाम और अमीर अकील हर हाल में जीत हासिल करना चाहते हैं जो छह बार के विधायक आरिफ अकील ने किया था। 1990 में उन्होंने कांग्रेस उम्मीदवार दिवंगत हसनत सिद्दीकी को हराया था। अकील ने निर्दलीय जीत हासिल की थी। इस साल अकील के बेटे आतिफ उत्तरी भोपाल से कांग्रेस के उम्मीदवार हैं। फिलहाल बीजेपी उम्मीदवार आलोक शर्मा सबसे आगे चल रहे हैं।
एक अन्य प्रमुख दावेदार भोपाल उत्तर में आम आदमी पार्टी (AAP) के उम्मीदवार मोहम्मद सऊद हैं। इस निर्वाचन क्षेत्र लगभग 51% अल्पसंख्यक वोट है। यहां जीत का अंतर कुछ हजार वोटों से तय होता है। टिकट की आस में कांग्रेस में शामिल हुए बीजेपी के पूर्व हुजूर विधायक जितेंद्र डागा ने सोमवार को हुजूर से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में पर्चा भरा और गुरुवार को नाम वापस ले लिया। बाद में उन्हें पार्टी प्रत्याशी नरेश ज्ञानचंदानी के साथ देखा गया।
बुधवार को बीजेपी प्रत्याशी और विधायक रामेश्वर शर्मा ने भी डागा से मुलाकात की। नरेला में निर्दलीय बाबू मस्तान और AAP पार्टी की उम्मीदवार रायसा मलिक के कांग्रेस पार्टी के वोटों में सेंध लगाने की उम्मीद है, जिसके आधिकारिक उम्मीदवार मनोज शुक्ला को इस स्थिति से निकलने का कोई रास्ता नहीं सूझ रहा है। शुक्ला उस निर्वाचन क्षेत्र में बीजेपी नेता विश्वास सारंग के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं, जो 2008 में विधायक सीट बनने के बाद से कभी चुनाव नहीं हारे हैं। मस्तान की पत्नी ने पिछले साल के नगर निगम चुनावों में निर्दलीय के रूप में 3,060 वोटों से जीत हासिल की थी। मल्लिक पूर्व कांग्रेस पार्षद हैं।