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MP Election 2023: मध्य प्रदेश के गुना विधायक का कटा टिकट, विदिशा सीट पर BJP ने किसे घोषित किया प्रत्याशी

MP Election 2023: BJP के संरक्षक और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने 1991 में विदिशा लोकसभा सीट जीती थी, लेकिन उन्होंने इसे छोड़ दिया क्योंकि उन्होंने लखनऊ भी जीत लिया था। इसके बाद हुए उपचुनाव में पहली बार विधायक बने शिवराज सिंह चौहान को बीजेपी ने मैदान में उतारा और जीत हासिल की। चौहान ने 1991 से 2005 तक पांच बार लोकसभा में विदिशा का प्रतिनिधित्व किया

अपडेटेड Oct 30, 2023 पर 11:59 AM
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MP Election 2023: गुना के मौजूदा विधायक का टिकट काट दिया गया है

MP Election 2023 Date: भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने मध्य प्रदेश की गुना और विदिशा विधानसभा सीट के लिए अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। इसके साथ ही सत्तारूढ़ बीजेपी ने राज्य की सभी 230 विधानसभा सीट के लिए अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। राज्य में 17 नवंबर को विधानसभा चुनाव होने हैं। BJP ने गुना से पन्नालाल शाक्य और विदिशा विधानसभा सीट से मुकेश टंडन को मैदान में उतारा है। गुना में पूर्व विधायक पन्नालाल शाक्य का मुकाबला कांग्रेस के युवा चेहरे पंकज कनोरिया से है।

पार्टी सूत्रों के मुताबिक, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष टंडन को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का करीबी माना जाता है। बीजेपी ने रविवार को जारी अपनी छठी और अंतिम लिस्ट में विदिशा और गुना की अंतिम दो सीटों के लिए उम्मीदवारों की घोषणा की। इसमें से गुना के मौजूदा विधायक का टिकट काट दिया गया है।

शाक्य 2013 में गुना सीट से BJP के टिकट पर चुने गए थे। टंडन 2018 के विधानसभा चुनाव में विदिशा से कांग्रेस उम्मीदवार शशांक भार्गव से हार गए थे। कांग्रेस ने विदिशा सीट से मौजूदा विधायक भार्गव को फिर से मैदान में उतारा है। गुना में पंकज कनेरिया कांग्रेस के उम्मीदवार हैं।


विदिशा से लड़ चुके हैं शिवराज

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 2013 का विधानसभा चुनाव विदिशा और बुधनी से लड़ा था। दोनों सीट पर उन्होंने जीत हासिल की थी। हालांकि, बाद में चौहान ने बुधनी विधानसभा सीट बरकरार रखने के लिए विदिशा से इस्तीफा दे दिया था।

चौहान ने पांच बार विदिशा लोकसभा सीट का प्रतिनिधित्व किया। सत्तारूढ़ बीजेपी और विपक्षी कांग्रेस दोनों ने राज्य की सभी 230 विधानसभा सीट के लिए अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। सत्तारूढ़ दल ने 17 अगस्त को अपनी पहली लिस्ट की घोषणा की और अंतिम दो सीटों के लिए अपने उम्मीदवारों की घोषणा करने में लगभग ढाई महीने लग गए।

क्यों अहम है विदिशा सीट?

BJP के संरक्षक और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने 1991 में विदिशा लोकसभा सीट जीती थी, लेकिन उन्होंने इसे छोड़ दिया क्योंकि उन्होंने लखनऊ भी जीत लिया था। इसके बाद हुए उपचुनाव में पहली बार विधायक बने शिवराज सिंह चौहान को बीजेपी ने मैदान में उतारा और जीत हासिल की।

चौहान ने 1991 से 2005 तक पांच बार लोकसभा में विदिशा का प्रतिनिधित्व किया, जब उन्हें मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में कार्यभार संभालने के लिए पार्टी आलाकमान द्वारा भेजा गया था।

2009 में पूर्व केंद्रीय मंत्री सुषमा स्वराज ने विदिशा लोकसभा सीट जीती, जिसमें उन्हें 78.8% वोट मिले। पार्टी पूर्व वित्त मंत्री राघवजी भाई की बेटी ज्योति शाह को मैदान में उतारने पर विचार कर रही थी, लेकिन अंतत: मुकेश टंडन को मैदान में उतारा गया। टंडन कांग्रेस के मौजूदा विधायक शशांक भार्गव से मुकाबला करेंगे।

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गुना में उम्मीदवार के नाम घोषित करने में इसलिए देरी हुई क्योंकि यह केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का क्षेत्र होने के साथ-साथ वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह का प्रभाव वाला भी क्षेत्र है। बीजेपी ने मौजूदा विधायक गोपीलाल जाटव को हटाकर पूर्व विधायक पन्नालाल शाक्य को मैदान में उतारा है, जिन्होंने 2013 में 45,111 वोटों से सीट जीती थी। पार्टी के सूत्रों ने कहा कि शाक्य पिछले चुनाव में मैदान में नहीं उतारे जाने के बावजूद निर्वाचन क्षेत्र में सक्रिय हैं।

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