Maharashtra Cabinet: महाराष्ट्र में भारतीय जनता पार्टी (BJP) की अगुवाई वाली 'महायुति' सरकार ने शनिवार (21 दिसंबर) को विभागों के आवंटन की घोषणा कर दी। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को गृह मंत्रालय तथा राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के प्रमुख एवं डिप्टी सीएम अजित पवार को वित्त और योजना विभाग दिया गया है। इसके अलावा शिवसेना प्रमुख एवं डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे को शहरी विकास विभाग मिला है।
चंद्रशेखर बावनकुले को राजस्व, राधाकृष्ण विखे पाटिल को जल संसाधन औरर हसन मुश्रीफ को चिकित्सा शिक्षा विभाग मिला है। चंद्रकांत पाटिल को उच्च एवं तकनीकी शिक्षा, गणेश नाइक को वन और दादा भुसे को स्कूल शिक्षा मंत्रालय मिला है।
उदय सामंत को उद्योग, पंकजा मुंडे को पर्यावरण जबकि माणिकराव कोकाटे को कृषि विभाग दिया गया है। इसके अलावा धनंजय मुंडे को खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति, अशोक उइके को आदिवासी विकास, आशीष शेलार को आईटी और संस्कृति विभाग मिला है।
बताया जा रहा है कि तनावपूर्ण बातचीत के बाद अंतिम लिस्ट में बीजेपी के देवेंद्र फडणवीस को गृह मंत्रालय के साथ-साथ ऊर्जा (नवीकरणीय ऊर्जा को छोड़कर), कानून और न्यायपालिका, सामान्य प्रशासन, सूचना और प्रचार (और किसी अन्य मंत्री को आवंटित नहीं किए गए विभाग) का प्रभार दिया गया। शिवसेना के एकनाथ शिंदे को शहरी विकास, आवास और लोक निर्माण (सार्वजनिक उद्यम) का प्रभार मिला।
उपमुख्यमंत्री अजित पवार वित्त और योजना के अलावा राज्य आबकारी विभाग की भी देखरेख करेंगे। देवेंद्र फडणवीस ने शनिवार को पत्रकारों से बात करते हुए कहा था कि विभागों के आवंटन को अंतिम रूप दे दिया गया है और लिस्ट आज रात या कल जारी की जाएगी।
फडणवीस और उनके उप-मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे एवं अजित पवार ने 5 दिसंबर को शपथ ली थी। इसके बाद 15 दिसंबर को शीतकालीन सत्र से पहले 39 मंत्रियों को शामिल किया गया था। बीजेपी, शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी से मिलकर बनी 'महायुति' अलायंस ने 20 नवंबर को हुए विधानसभा चुनावों में 288 में से 230 सीटें जीतकर शानदार जीत हासिल की।
विपक्षी दलों ने शनिवार को आरोप लगाया कि महाराष्ट्र विधानमंडल का शीतकालीन सत्र केवल औपचारिकता के लिए आयोजित किया गया, क्योंकि विभाग आवंटन के अभाव में मंत्री किसानों और अन्य के मुद्दों को हल नहीं कर सके। नागपुर में सत्र के छठे और अंतिम दिन पत्रकारों को संबोधित करते हुए विधान परिषद में विपक्ष के नेता अंबादास दानवे ने कहा कि सरकार ने विधानमंडल में केवल पुरानी योजनाओं और वादों को ही बताया है।
दानवे ने कहा, "हालांकि, महायुति सरकार का गठन 15 दिन पहले ही हो गया था और मंत्रिमंडल का विस्तार भी हो गया था, लेकिन विभागों का आवंटन अब तक नहीं हुआ है। इस सत्र में मंत्री बिना मंत्रालय के विधानमंडल में बैठे रहे। यह सत्र महज औपचारिकता थी।" उन्होंने कहा कि सरकार किसानों, श्रमिकों और उद्योगों को आश्वस्त करने में विफल रही है।
संविधान की प्रतिकृति को नुकसान पहुंचाने को लेकर परभणी शहर में हुई हिंसा, न्यायिक हिरासत में एक आरोपी की संदिग्ध मौत, बीड में एक सरपंच की हत्या और कल्याण में एक मराठी परिवार पर हमले का जिक्र करते हुए दानवे ने कहा कि सरकार कानून- व्यवस्था बनाए रखने में नाकाम रही है।