20 नवंबर को होने वाले 288 सीटों वाला महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव अपने चरम स्तर तक पहुंच चुका है। इस बार विधानसभा चुनाव में महा विकास अघाडी बनाम महायुति के बीच जोरदार टक्कर देखने को मिल रही है। जहां पूरे प्रदेश भर में पक्ष और विपक्ष के बीच जोरदार चुनावी मुकाबला होना कड़ा दिख रहा है, तो वहीं कुछ ऐसी भी सीट हैं, जिसपर मुकाबला और भी दिलचस्प है।
इन्हीं में से एक है नांदेड़ जिले का भोकर विधानसाभा क्षेत्र। यहां से BJP और सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन की ओर से महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री शंकरराव चव्हाण की पोती और राज्यसभा सांसद अशोक चव्हाण की बेटी श्रीजया चव्हाण मैदान में हैं, तो वहीं दूसरी तरफ विपक्ष की ओर से कांग्रेस के उम्मीदवार तिरुपति उर्फ पप्पू कोंढेकर चुनावी मैदान में ताल ठोक रहे हैं।
चव्हाण परिवार का गढ़ रहा है भोकर विधानसाभा क्षेत्र
नांदेड़ जिले का भोकर विधानसाभा क्षेत्र आजादी के बाद से ही कांग्रेस का गढ़ रहा है। यहां से देश की सबसे पुरानी पार्टी 1952 के बाद तीन मौकों पर ही चुनाव हारी है। यहां से अशोक चव्हाण ने पिछले तीन चुनाव कांग्रेस के टिकट पर जीते थे। हालांकि, अशोक चव्हाण के कांग्रेस छोड़ BJP में शामिल होने के बाद पूरा मामला ही बदल चुका है। BJP ने सीट पर खाता खोलने की उम्मीद के साथ अशोक चव्हाण की बेटी श्रीजया चव्हाण को सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन के संयुक्त उम्मीदवार के रूप में मैदान में उतारा है।
पिछले चुनावों में ऐसा रहा था भोकर विधानसाभा चुनाव का परिणाम
वहीं पिछले चुनावों की बात करें, तो अशोक चव्हाण ने 2009 में भोकर से विधायक के रूप में विधानसभा में प्रवेश किया। 2014 के लोकसभा चुनाव में अपनी जीत के बाद, अशोक चव्हाण ने अपनी पत्नी अमिता चव्हाण के लिए सीट खाली कर दी थी। इस सीट से बाद में उपचुनाव में चव्हाण की पत्नी ने जीता दर्ज की थी, लेकिन फिर अशोक चव्हाण ने राज्यसभा के लिए इस सीट पर वापसी कर ली थी।
वहीं आपको बताते चलें कि श्रीजया तीसरी पीढ़ी की चव्हाण हैं, जो भोकर विधानसभा सीट का प्रतिनिधित्व करना चाहती हैं। इससे पहले उनके दादा और महाराष्ट्र के पूर्व सीएम शंकरराव चव्हाण 1967 से 1978 तक तीन बार इस सीट से चुनाव जीते चुके हैं।
25 उम्मीदवार भोकर से आजमा रहे हैं अपनी किस्मत
BJP ने जहां इस सीट से श्रीजया चव्हाण को चुनावी मैदान में उतारा है, तो वहीं कांग्रेस की तरफ से तिरुपति कोंढेकर मैदान में हैं। इनके साथ ही इस सीट पर 25 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमाएंगे। प्रकाश अंबेडकर के नेतृत्व वाली वंचित बहुजन आघाड़ी ने सुरेश टीकाराम राठौड़ को मैदान में उतारा है।
2019 में इस सीट से अशोकराव चव्हाण ने जीता था चुनाव
2019 चुनाव में इस सीट से कांग्रेस की टिकट पर अशोकराव ने 1,40,559 वोटों के साथ चुनाव जीता था तो वहीं दूसरे स्थान पर बीजेपी के श्रीनिवास उर्फ बापूसाहेब देशमुख रहे थे। देशमुख को 43,114 ही वोट मिले थे। वहीं वोटों के गणित की बात करें तो इस सीट पर कुल मतदाताओं की संख्या 2,63,518 है जिसमें पुरुष मतदाता 1,37,694 और महिला मतदाताओं की संख्या 1,25,819 है। अब देखना यह होगा कि इस बार के मुकाबले में क्या अशोकराव चव्हाण की बेटी अपने परिवार की राजनीतिक गढ़ बचा पाती हैं या फिर कांग्रेस के बाबूराव कदम बाजी मार जाते हैं?