महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार चरम पर पहुंच गया है। 20 नवंबर को वोटिंग होगी और 23 नवंबर को इस चुनाव का नतीजा घोषित किया जाएगा। ऐसे में सबकी नजर 23 नवंबर के नतीजे पर है। यह विधानसभा चुनाव महा विकास अघाड़ी बनाम महा युति होने जा रहा है। हालांकि, राज्य में कुछ और पार्टियां भी इस चुनाव में उतरी हैं। कई विधानसभा सीटें, उन पर होने वाले हाई प्रोफाइल मुकबलों के चलते काफी चर्चाओं में हैं, इन्हीं में से एक है मुंबई की माहिम सीट।
महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के अध्यक्ष राज ठाकरे के बेटे अमित ठाकरे इसी माहिम सीट से अपने चुनावी कैरियर की शुरुआत कर रहे हैं। अमित ठाकरे पहली बार चुनाव लड़ रहे हैं। साथ ही, वह ठाकरे परिवार से दूसरे सदस्य हैं, जो चुनावी राजनीति में उतरते हैं।
माहिम विधानसभा में, अमित ठाकरे का मुकाबला मौजूदा विधायक और एकनाथ शिंदे की शिवसेना के उम्मीदवार सदा सरवणकर और उनके चाचा उद्धव ठाकरे की पार्टी के उम्मीदवार महेश सावंत से होगा।
सावंत महाविकास अघाड़ी के आधिकारिक उम्मीदवार हैं। तो, सरवणकर महायुति के उम्मीदवार हैं। हालांकि, महायुति में भारतीय जनता पार्टी ने माहिम में अमित ठाकरे का ही समर्थन किया है।
अमित ठाकरे के खिलाफ चाचा ने उतारा उम्मीदवार
2019 का विधानसभा चुनाव शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे ने लड़ा था। तब पहली बार ठाकरे परिवार से कोई चुनाव लड़ रहा था। उस वक्त MNS अध्यक्ष और आदित्य के चाचा राज ठाकरे ने उनके खिलाफ कोई उम्मीदवार नहीं उतारा था।
अब इस बार अमित ठाकरे पहली बार चुनाव लड़ रहे हैं। ऐसे में कई लोगों ने उम्मीद जताई थी कि अमित ठाकरे के चाचा उद्धव ठाकरे भी अपने भतीजे के खिलाफ उम्मीदवार नहीं उतारेंगे। हालांकि, उद्धव ठाकरे ने ऐसा नहीं किया। इस वजह से उद्धव ठाकरे की आलोचना भी हुई।
इस बीच मीडिया ने शिवसेना (ठाकरे) सांसद संजय राउत से सवाल किया कि आखिर शिवसेना (UBT) ने माहिम में उम्मीदवार क्यों उतारा? इस पर राउत ने कहा, "किस सीट से किसे टिकट देना है, ये पार्टी और पार्टी के नेता ही तय करते हैं। हर कोई अपनी समस्या खुद ही सुलझा रहा है। हमने इस पर कोई राय व्यक्त नहीं की है। हमने तो यही कहा था कि शिवसेना का जन्म दादर, माहिम, प्रभादेवी में हुआ था। यह शिव सेना की जन्म भूमि है।"
उन्होंने आगे कहा, "शिवसेना का जन्मस्थान किसी और को नहीं दिया जा सकता। यह हमारे लिए एक भावनात्मक विषय है। राजनीति में कई भावनात्मक मुद्दे होते हैं. दादर हमारे लिए एक भावनात्मक विषय है, क्योंकि हमारी पार्टी का जन्म यहीं हुआ था। शिवतीर्थ उसी निर्वाचन क्षेत्र 77A में है, रानाडे रोड शिवसेना का पुराना पता था।"
राउत ने इसे शिवसेना की भूमिका बताते हुए कहा, "हमारी शिव सेना वहीं पली बढ़ी। इसलिए हमें उस निर्वाचन क्षेत्र में लड़ना होगा। हमें उस निर्वाचन क्षेत्र से लड़ना है, जहां हमारी पार्टी का जन्म हुआ है। यह हमारी भूमिका है। अगर उस निर्वाचन क्षेत्र से कोई और चुनाव लड़ता है, तो हमें कोई आपत्ति नहीं है।"