पिछले दस साल तक BJP में रहे और विधानसभा चुनाव से पहले 'घर वापसी' करने वाले पूर्व मंत्री प्रोफेसर लक्ष्मण ढोबले को शरद पवार की NCP में बड़ी जिम्मेदारी दी गई है। उन्हें पार्टी का क्षेत्रीय उपाध्यक्ष बनाया गया है। जहां एक तरफ पिता को पार्टी में सम्मान मिला है, तो वहीं दूसरी तरफ उनके बेटे अभिजीत ढोबले ने पार्टी के खिलाफ आवाज उठाई है, जो महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में चर्चा का विषय बन गया है। विधानसभा चुनाव के चलते प्रोफेसर ढोबले ने BJP से दस साल पुराना रिश्ता तोड़ दिया और राष्ट्रवादी शरद पवार की पार्टी में शामिल हो गए थे।
उनके बेटे अभिजीत ढोबले और बेटी कोमल सालुंखे-ढोबले दोनों ने मोहोल रिजर्व विधानसभा सीट से NCP शरद पवार पार्टी से टिकट मांगा था, लेकिन पार्टी ने राजू खरे को उम्मीदवार बनाया है।
BJP में कोई खास तवज्जो नहीं मिली
इस बीच, राज्य की राजनीति में दलित चेहरे के रूप में जाने जाने वाले और कई सालों तक शरद पवार के वफादार रहे पूर्व मंत्री प्रोफेसर लक्ष्मण ढोबले की 'घर वापसी' होते ही उन्हें राष्ट्रवादी शरद पवार पार्टी के क्षेत्रीय उपाध्यक्ष के रूप में स्वीकार कर लिया गया है।
पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल ने उन्हें अप्वाइंटमेंट लेटर भी दिया है। 2014 के बाद प्रोफेसर ढोबले ने शरद पवार का साथ छोड़ दिया और बीजेपी में एंट्री ले ली। उन्हें पार्टी के क्षेत्रीय प्रवक्ता की जिम्मेदारी सौंपी गई, लेकिन उन्हें BJP में कोई खास तवज्जो नहीं मिली और वे अपनी पुरानी पार्टी में लौट आए।
अभिजीत ढोबले ने राजू खरे पर लगाए गंभीर आरोप
हालांकि, दूसरी ओर, मोहोल रिजर्व विधानसभा क्षेत्र से टिकट न दिए जाने से नाराज प्रोफेसर ढोबले के बेटे अभिजीत ढोबले ने शरद पवार की पार्टी के खिलाफ आवाज उठानी शुरू कर दी है।
उन्होंने पार्टी के उम्मीदवार राजू खरे से खुलकर अपनी नाराजगी जाहिर की है और आरोप लगाया कि खरे के चारों ओर शिवसेना एकनाथ शिंदे गुट के सदस्य हैं। अभिजीत ढोबले ने इस बात पर नाराजगी जताई है कि जो लोग पार्टी के सदस्य थे, उन्हें दरकिनार कर दिया गया और जो पार्टी के सदस्य नहीं थे, उन्हें अपना लिया गया।
राजू खरे को मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का करीबी माना जाता है। ढोबले ने कहा कि हम 14 नवंबर को कार्यकर्ताओं की बैठक में इस बात पर फैसला लेंगे कि उनके लिए प्रचार किया जाए या नहीं।