Maharashtra Election 2024: चुनाव आते ही मनोज जरांगे के दर पर पहुंचने लगे नेता, मराठवाड़ा में जीत के लिए चाहते हैं उनका साथ
Maharashtra Vidhav Sabha Chunav 2024: विश्लेषकों का कहना है कि मराठा आरक्षण की मांग एक ऐसा मुद्दा है, जिसने लोकसभा चुनावों में BJP के नेतृत्व वाले गठबंधन महायुति को नुकसान पहुंचाया था। यह मुद्दा मतदाताओं के बीच काफी महत्वपूर्ण है। जरांगे ने कहा है कि सरकार को मराठा समुदाय की मांगों को पूरा करना चाहिए, नहीं तो उसे 20 नवंबर को होने वाले राज्य विधानसभा चुनाव में परिणाम भुगतने होंगे
Maharashtra Election 2024: चुनाव आते ही मनोज जरांगे के दर पर पहुंचने लगे नेता
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव नजदीक आने के मद्देनजर समर्थन जुटाने या टिकट हासिल करने के लिए अलग-अलग दलों के नेताओं का मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे से मिलने का सिलसिला जारी है, जिन्हें पिछले साल तक बहुत कम लोग जानते थे। मराठों को अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के तहत आरक्षण देने की मांग को लेकर पिछले साल सितंबर में आंदोलन करने के बाद जरांगे चर्चा में आए थे। तब से, वह मराठवाड़ा इलाके के जालना जिले में अंतरवाली सरती गांव में कम से कम छह बार भूख हड़ताल कर चुके हैं।
न्यूज एजेंसी PTI के मुताबिक, विश्लेषकों का कहना है कि मराठा आरक्षण की मांग एक ऐसा मुद्दा है, जिसने लोकसभा चुनावों में BJP के नेतृत्व वाले गठबंधन महायुति को नुकसान पहुंचाया था। यह मुद्दा मतदाताओं के बीच काफी महत्वपूर्ण है।
जरांगे ने दी सरकार को चेतावनी
जरांगे ने कहा है कि सरकार को मराठा समुदाय की मांगों को पूरा करना चाहिए, नहीं तो उसे 20 नवंबर को होने वाले राज्य विधानसभा चुनाव में परिणाम भुगतने होंगे।
सरकार और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के खिलाफ उनकी कड़ी टिप्पणियों के बावजूद, अलग-अलग दलों के कई नेताओं और चुनाव उम्मीदवारों ने हाल के दिनों में उनसे मुलाकात की है, और कई ने तो उनके आंदोलन को समर्थन भी दिया है।
NCP का टूटना बनेगा बड़ा चुनावी मुद्दा
एक राजनीतिक विश्लेषक के अनुसार, शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) का विभाजित होना आगामी महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में एक बड़ा मुद्दा बन सकता है।
जानकार ने कहा, "BJP के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) और कांग्रेस के नेतृत्व वाले महा विकास आघाडी (MVA) में तीन-तीन प्रमुख दल शामिल हैं, इसलिए अगर किसी क्षेत्र से मौजूदा विधायक गठबंधन की किसी एक पार्टी का है, तो गठबंधन के दूसरे दलों के इच्छुक व्यक्ति के टिकट पाने की संभावना कम हो जाती है। इस स्थिति में पार्टी में विद्रोह का जोखिम बढ़ जाता है।”
मराठवाड़ा के उम्मीदवार चाहेंगे जरांगे का साथ
PTI के मुताबिक, राजनीतिक विश्लेषक अभय देशपांडे ने कहा कि चुनाव में खतरा महसूस करने वाले उम्मीदवार मराठवाड़ा क्षेत्र में जरांगे जैसे प्रभावशाली नेताओं से मिलकर अपने मतदाताओं की सहानुभूति हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि अगर बगावत की संभावना ज्यादा है, तो इससे वोटों का विभाजन हो सकता है और जीत का अंतर कम हो सकता है।
देशपांडे ने कहा, “ऐसी स्थिति में सभी छोटी-छोटी चीजों पर गौर करना जरूरी हो जाता है। जरांगे के साथ विधायकों और इच्छुक उम्मीदवारों की बैठकों को ऐसे ही एक प्रयास के तौर पर देखा जा रहा है।”
जरांगे के चलते वोटों में बड़ा विभाजन
साल 2019 के संसदीय चुनावों में, BJP ने मराठवाड़ा क्षेत्र की सभी लोकसभा सीट पर जीत हासिल की थी। लेकिन इस साल हुए लोकसभा चुनाव में, जरांगे के नेतृत्व में हुए आंदोलन के बाद मराठवाड़ा क्षेत्र में वोटों का महत्वपूर्ण विभाजन देखा गया। वोटों के इस विभाजन को बीड से BJP की ओबीसी नेता पंकजा मुंडे की मामूली हार का एक कारण माना जाता है।
गौरतलब है कि BJP किसान मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष रमेश पोकले ने विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए अगस्त में जरांगे से मुलाकात की थी।
शिंदे के करीबी ने जरांगे से की मुलाकात
महाराष्ट्र के उद्योग मंत्री और मुख्यमंत्री व शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे के करीबी माने जाने वाले उदय सामंत ने भी हाल ही में अंतरवाली सरती में जरांगे से मुलाकात की थी।
अगले दिन जरांगे ने राज्य सरकार से मराठा समुदाय को आरक्षण देने के लिए ठोस कदम उठाने को कहा था।
AIMIM नेता भी मिले
AIMIM के नेता इम्तियाज जलील ने मंगलवार को जरांगे से मुलाकात की और मराठा व मुसलमानों के हित के लिए उनके साथ गठबंधन करने का संकेत दिया।
जरांगे ने जलील की मौजूदगी में पत्रकारों से कहा, 'अगर लोगों का कल्याण जुड़ा है, तो कुछ भी हो सकता है। सही समय पर महत्वपूर्ण निर्णय लेंगे।'
पिछले महीने, महाराष्ट्र के कैबिनेट मंत्री और शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना के नेता अब्दुल सत्तार ने भी जरांगे से मुलाकात की थी।
पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पृथ्वीराज चव्हाण और पार्टी के विधायक धीरज देशमुख ने भी जरांगे से अलग-अलग मुलाकात की है।