Manipur Violence News: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मणिपुर में हिंसक प्रदर्शन के बाद अस्थिर हालात के मद्देनजर चुनावी राज्य महाराष्ट्र में अपनी रैलियां रद्द कर दीं और वह दिल्ली लौट रहे हैं। सूत्रों ने पीटीआई को बताया कि गृह मंत्री इस पूर्वोत्तर राज्य में स्थिति की समीक्षा के लिए एक बैठक कर सकते हैं। मणिपुर में उग्र भीड़ ने इंफाल घाटी के विभिन्न जिलों में शनिवार (16 नवंबर) रात भारतीय जनता पार्टी (BJP) के तीन और विधायकों तथा कांग्रेस के एक विधायक के आवास में आग लगा दी। साथ ही, सुरक्षाबलों ने मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह के पैतृक आवास में घुसने की प्रदर्शनकारियों की कोशिश को नाकाम कर दिया।
सूत्रों ने बताया कि अमित शाह को महाराष्ट्र में बीजेपी के प्रचार अभियान के तहत कुछ चुनावी रैलियों में भाग लेना था। लेकिन उन्होंने रैलियां रद्द कर दीं और वह दिल्ली लौट रहे हैं। उनकी रैलियां रद्द करने के पीछे कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। लेकिन सूत्रों ने बताया कि यह मणिपुर में अस्थिर हालात की वजह से हो सकता है। सूत्रों ने कहा कि गृह मंत्री मणिपुर में स्थिति की समीक्षा के लिए दिल्ली में शीर्ष अधिकारियों के साथ बैठक कर सकते हैं।
उन्होंने बताया कि केंद्रीय सुरक्षा अधिकारियों का एक दल स्थिति का आकलन करने और स्थिति से निपटने में राज्य सरकार की मदद करने के लिए जल्द ही मणिपुर का दौरा कर सकता है। हिंसा की ताजा घटनाएं शनिवार रात हुईं जब जिरीबाम जिले में उग्रवादियों द्वारा तीन महिलाओं तथा तीन बच्चों की हत्या से नाराज लोगों ने राज्य के तीन मंत्रियों और छह विधायकों के आवास पर हमला कर दिया। इसके बाद राज्य में अनिश्चितकालीन कर्फ्यू लागू किया गया है।
अधिकारियों के अनुसार, उग्र भीड़ ने निंगथोखोंग में लोक नर्माण मंत्री गोविंदास कोन्थुजाम, लंगमेइदोंग बाजार में हियांगलाम से बीजेपी विधायक वाई राधेश्याम, थौबल जिले में वांगजिंग टेंथा से बीजेपी विधायक पी. ब्रोजेन तथा इंफाल पूर्वी जिले में खुंद्राकपाम से कांग्रेस विधायक थोकचोम लोकेश्वर के आवास को आग के हवाले कर दिया।
पीटीआई के मुताबिक, रविवार (17 नवंबर) सुबह इंफाल घाटी के सभी पांच जिलों में स्थिति शांत लेकिन तनावपूर्ण रही। जिरिबाम में छह लोगों के शव मिलने पर हिंसक प्रदर्शनों के बाद कर्फ्यू लगाया गया है और इंटरनेट सेवाएं निलंबित कर दी गई हैं।
पीटीआई के मुताबिक, मणिपुर के जिरीबाम जिले में दो महिलाओं और एक बच्चे के शव बराक नदी से शनिवार को बरामद किए गए। जबकि एक महिला एवं दो बच्चों के शव शुक्रवार रात मिले। ऐसा आरोप है कि उग्रवादियों ने ही अपहरण के बाद इनकी हत्या की है। दरअसल, जिरीबाम जिले में सुरक्षाबलों और उग्रवादियों के बीच इस सप्ताह सोमवार को मुठभेड़ हुई थी जिसके बाद से राहत शिविर में रहने वाली तीन महिलाएं और तीन बच्चे लापता हो गए थे। इस मुठभेड़ में 10 उग्रावादी भी मारे गए थे।
इंफाल घाटी में एक दिन पहले लोगों ने इस हत्या के विरोध में हिंसक प्रदर्शन किए और राज्य के तीन मंत्रियों तथा छह विधायकों के आवास पर भी हमला किया। पुलिस ने बताया कि प्रदर्शनकारियों ने मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के दामाद एवं भारतीय जनता पार्टी के विधायक आर के इमो सहित तीन विधायकों के घरों में तोड़फोड़ की और उनकी संपत्तियों में आग लगा दी। वहीं, सुरक्षाबलों ने इंफाल के विभिन्न हिस्सों में प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े।
एक अधिकारी ने बताया कि प्रदर्शनकारियों ने मंत्री सपाम रंजन, एल सुसिंद्रो सिंह और वाई खेमचंद के आवास पर हमला किया। उन्होंने बताया कि इंफाल घाटी में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए इंफाल पूर्व एवं पश्चिम, बिष्णुपुर, थौबल और काकचिंग जिले में अनिश्चितकाल के लिए कर्फ्यू लगा दिया गया है। एक अन्य अधिकारी ने बताया कि मणिपुर के मंत्रियों और विधायकों के आवासों पर प्रदर्शनकारियों के धावा बोलने के बाद प्रशासन ने सात जिलों में इंटरनेट अस्थायी रूप से निलंबित कर दी हैं।