Rajasthan Election 2023: बीजेपी की देर रात हुई बैठक में क्यों नाराज हुए अमित शाह और जेपी नड्डा? RSS नेताओं वाली मीटिंग भी हुई कैंसिल
Rajasthan Election 2023: इस बैठक में बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी, नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़, पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, केंद्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल, गजेन्द्र सिंह शेखावत, कैलाश चौधरी, प्रदेश चुनाव प्रभारी प्रहलाद जोशी, चुनाव प्रभारी अरुण सिंह, प्रदेश सह चुनाव प्रभारी विजया राहटकर, कुलदीप बिश्नोई, उप नेता प्रतिपक्ष सतीश पूनिया और सांसद राज्यवर्धन सिंह राठौड़ मौजूद रहे
Rajasthan Election 2023: बीजेपी की देर रात हुई बैठक में क्यों नाराज हुए अमित शाह और जेपी नड्डा
Rajasthan Election 2023:राजस्थान विघानसभा चुनाव (Rajasthan Assembly Election) में सत्ता वापसी के लिए भारतीय जनता पार्टी (BJP) पूरा जोर लगा रही है। इसी कड़ी में गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा (JP Nadda) बुधवार रात को जयपुर पहुंचे। दोनों ने देर रात यहां पार्टी के शीर्ष नेताओं के साथ बैठक की। इसके बाद खबर आई कि शाह और नड्डा ने मीटिंग में काफी नाराजगी भी जताई। होटल में देर रात हुई इस बैठक में राष्ट्रयीय संगठन महामंत्री बीएल संतोश के साथ प्रदेश के कई बड़े नेता भी शामिल हुए।
इस बैठक में बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी, नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़, पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, केंद्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल, गजेन्द्र सिंह शेखावत, कैलाश चौधरी, प्रदेश चुनाव प्रभारी प्रहलाद जोशी, चुनाव प्रभारी अरुण सिंह, प्रदेश सह चुनाव प्रभारी विजया राहटकर, कुलदीप बिश्नोई, उप नेता प्रतिपक्ष सतीश पूनिया और सांसद राज्यवर्धन सिंह राठौड़ मौजूद रहे।
क्यों नाराज हुए अमित शाह और जेपी नड्डा?
दैनिक भास्कर की एक रिपोर्ट के मुताबिक, राज्य में बीजेपी की परिवर्तन यात्रओं में कई जगहों में भीड़ काम होने पर अमित शाह और जेपी नड्डा ने काफी नाराजगी जताई। इसके अलावा नेताओं की गुटबाजी, कई जगहों पर नेताओं के विरोध जैसी घटनाओं पर भी दोनों नेता नाराज हुए। इतना ही नहीं शाह और नड्डा ने प्रदेश के नेताओं के बीच आपसी प्रतिस्पर्धी पर भी नसीहत दी।
इसके बाद ये भी मालूम पड़ा कि अमित शाह और जेपी नड्डा की गुरुवार को राष्ट्रीय स्वयं संघ (RSS) के पदाधिकारियों के साथ होने वाली बैठक भी रद्द हो कर दी गई। हालांकि, इस बैठक के अचानक कैंसिल होने का कारण अभी तक सामने नहीं आया है।
सियासी गलियारों में ऐसी चर्चा है कि संघ के वरिष्ठ प्रचारक प्रकाशचंद को आगामी विधानसभा चुनाव में पार्टी कोई बड़ी जिम्मेदारी दे सकती है। इसे लेकर ही शाह और नड्डा स्थानीय संघ नेताओं के साथ चर्चा करने वाले थे।
राजस्थान में भी केंद्रीय मंत्रियों को उतारेगी BJP?
मध्य प्रदेश के लिए उम्मीदवारों की अपनी दूसरी लिस्ट में बीजेपी ने तीन केंद्रीय मंत्रियों और चार सांसदों को भी विधानसभा चुनाव का टिकट दिया है। इसके बाद से ही कयास लगाए जाने लगे हैं कि राजस्थान में भी पार्टी दो केंद्रीय मंत्रियों का चुनावी मैदान में उतार सकती है।
न्यूज एजेंसी PTI के मुताबिक, BJP की राजस्थान इकाई के सूत्रों ने कहा कि केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल को कुछ दूसरे सांसदों के साथ विधानसभा चुनाव में उतारा जा सकता है।
हालांकि, मीटिंग से निकलने बाद केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत विधानसभा चुनाव लड़ने के सवाल को टाल गए। मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि ये पार्टी नेतृत्व को तय करना है, बैठक में इस पर चर्चा नहीं हुई है।
वहीं, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी ने कहा कि पार्टी के आगामी कार्यक्रमों पर चर्चा हुई है। सांसदों को चुनाव लड़ाने का फॉर्मूला राजस्थान में लागू होता है या नहीं, केंद्रीय चुनाव समिति तय करेगी।
सबसे पहले वसुंधरा राजे सिंधिया के साथ हुई बैठक
न्यूज एजेंसी PTI की रिपोर्ट के अनुसार, बैठक बुधवार देर शाम एक होटल में शुरू हुई और देर रात दो बजे तक चली। ये बैठक करीब तीन घंटे तक चली। पार्टी सूत्रों ने बताया कि अमित शाह और जेपी नड्डा ने सबसे पहले पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के साथ बैठक की, जो करीब 15 मिनट तक चली।
इसके बाद वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक हुई, जिसमें निर्वाचन क्षेत्रों और पार्टी की चुनावी रणनीति पर चर्चा की गई। पहले चरण की बैठक के बाद सबसे पहले पूनिया और सांसद राज्यवर्धन राठौड़ होटल से बाहर निकले।
पार्टी सूत्रों ने बताया कि नड्डा और शाह ने बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव (संगठन) बीएल संतोष, केंद्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी, नितिन पटेल, अरुण सिंह, कुलदीप विश्नोई और विजया रहाटकर समेत दूसरे लोगों के साथ अगले दौर की बैठक की।
एक सूत्र ने कहा, "नेताओं ने विधानसभा क्षेत्रों पर चर्चा की और मेवाड़, वागड़, शेखावाटी, हाड़ौती और मारवाड़ क्षेत्रों और पूर्वी राजस्थान में विधानसभा और लोकसभा चुनावों में अधिकतम सीटें जीतने के तरीकों पर मंथन किया।"
उन्होंने कहा, "बैठक में साफ संदेश दिया गया कि पार्टी संगठन सर्वोच्च है और चुनाव में पार्टी की जीत सुनिश्चित करने के लिए सभी को मिलकर काम करना होगा।" कुछ नेताओं ने कहा कि बैठक में टिकट वितरण और चुनाव से जुड़े दूसरे मुद्दों पर भी चर्चा हुई।