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Rajasthan Election 2023: पूर्वी राजस्थान में वोट शेयर मजबूत करने के लिए ERCP के भरोसे कांग्रेस

Rajasthan Election 2023: 2018 के चुनाव में क्षेत्र के 13 जिलों की 83 विधानसभा सीटों में से कांग्रेस ने 49 पर जीत हासिल की, जबकि BJP ने 25 पर जीत हासिल की। आठ सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवारों ने जीत हासिल की थी, जबकि बाकी पर राष्ट्रीय लोकदल (RLD) ने जीत हासिल की थी। राजस्थान में विधानसभा चुनाव 25 नवंबर को होंगे, जबकि वोटों की गिनती 3 दिसंबर को होगी

अपडेटेड Oct 15, 2023 पर 5:10 PM
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Rajasthan Election 2023: पूर्वी राजस्थान में वोट शेयर मजबूत करने के लिए ERCP के भरोसे कांग्रेस

Rajasthan Election 2023: कांग्रेस (Congress) ने सोमवार को पूर्वी राजस्थान में अपने चुनाव अभियान की शुरुआत करते हुए पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ERCP) को राष्ट्रीय दर्जा देने की अपनी मांग पर जोर देने की योजना बनाई है। इसके जरिए पार्टी का लक्ष्य इस इलाके की 83 विधानसभा सीटों में से पर्याप्त संख्या में सीटें हासिल करना है। 2018 के चुनाव में क्षेत्र के 13 जिलों की 83 विधानसभा सीटों में से कांग्रेस ने 49 पर जीत हासिल की, जबकि BJP ने 25 पर जीत हासिल की। आठ सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवारों ने जीत हासिल की थी, जबकि बाकी पर राष्ट्रीय लोकदल (RLD) ने जीत हासिल की थी। राजस्थान में विधानसभा चुनाव 25 नवंबर को होंगे, जबकि वोटों की गिनती 3 दिसंबर को होगी।

कांग्रेस ने पूर्वी राजस्थान में अपना अभियान बारां से शुरू करने की योजना बनाई है, जो प्रस्तावित पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ERCP) के तहत आने वाले जिलों में से एक है।

ERCP एक महत्वाकांक्षी परियोजना है, जो मूल रूप से पिछली BJP सरकार की तरफ क्षेत्र के 13 जिलों के निवासियों की सिंचाई और पीने के पानी की समस्याओं के स्थायी समाधान के लिए प्रस्तावित की गई थी।


पूर्वी राजस्थान में झालावाड़, बारां, कोटा, बूंदी, सवाई माधोपुर, अजमेर, टोंक, अजमेर, दौसा, करौली, अलवर, भरतपुर और धौलपुर जिले शामिल हैं।

कांग्रेस का अभियान हर दिन पूर्वी राजस्थान के दो जिलों को कवर करेगा। पार्टी के एक नेता ने कहा कि यह हर जिले में एक सार्वजनिक बैठक भी आयोजित करेगी, जिसमें राज्य और राष्ट्रीय स्तर के नेता लोगों से जुड़ने और BJP पर निशाना साधने के लिए संबोधित करेंगे।

ERCP का क्या है फायदा?

2018 में राजस्थान में कांग्रेस सरकार बनने के बाद से, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ERCP को राष्ट्रीय दर्जा देने की मांग करते हुए BJP के नेतृत्व वाले केंद्र को घेर रहे हैं।

इस परियोजना पर 40,000 करोड़ रुपए से ज्यादा की लागत आने का अनुमान है, जिससे 13 जिलों में दो लाख हेक्टेयर में सिंचाई सुविधाएं बढ़ाने में मदद मिलेगी।

गहलोत ने शुक्रवार को संवाददाताओं से कहा, "हम ERCP पर केंद्र के विश्वासघात के खिलाफ यात्रा निकाल रहे हैं। हम 16 अक्टूबर को बारां जिले से अपना चुनाव अभियान शुरू कर रहे हैं। कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे आ रहे हैं और प्रियंका गांधी वाड्रा 20 अक्टूबर को सिकराय में एक रैली को संबोधित करेंगी।"

वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने कहा कि पार्टी BJP को ''बेनकाब'' करने के लिए छोटी और बड़ी सार्वजनिक बैठकें आयोजित करेगी।

उन्होंने कहा, "देश में राष्ट्रीय महत्व की 16 परियोजनाएं चल रही हैं। 17वीं भी हो सकती है। अगर परियोजना तेज गति से पूरी होती तो इलाके में जल संकट कम हो सकता था। लेकिन उन्होंने (केंद्र) पांच साल तक इसमें बाधाएं पैदा कीं।"

मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने उस प्रोजेक्ट को नहीं रोका, जिसे पिछली BJP सरकार ने प्रस्तावित किया था। इसके बजाय, इसने इसे आगे बढ़ाया।

उन्होंने पिछली BJP सरकार की तरफ से तत्कालीन कांग्रेस सरकार की तरफ से 2008 और 2013 के बीच प्रस्तावित रिफाइनरी और जयपुर मेट्रो समेत, कई परियोजनाओं को रोकने की ओर भी इशारा किया।

कांग्रेस ने दावा किया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2018 में चुनावी रैलियों के दौरान ERCP को राष्ट्रीय दर्जा देने का वादा किया था।

हालांकि, BJP ने कांग्रेस सरकार पर परियोजना पर "राजनीति करने" और इसे पूरा करने की दिशा में सकारात्मक कदम नहीं उठाने का आरोप लगाया।

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केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने शनिवार को PTI से कहा, "अशोक गहलोत इस (ERCP) मुद्दे पर राजनीति करना चाहते थे। ये गहलोत की विफलता थी। बार-बार बातचीत के बावजूद राजस्थान से कोई सकारात्मक सहयोग नहीं मिला।"

उन्होंने कहा, "मध्य प्रदेश से NOC नहीं मिलने, राजस्थान सरकार की जिद और नियमों के विपरीत प्रोजेक्ट को लागू करने की गहलोत की जिद के कारण प्रोजेक्ट आगे नहीं बढ़ सकी।"

BJP के वरिष्ठ नेता ने कहा, "गहलोत की प्राथमिकता राजनीति है, लोगों के लिए पानी नहीं।"

उन्होंने दावा किया कि मध्य प्रदेश और राजस्थान सरकारों की तरफ से परियोजना के लिए सैद्धांतिक सहमति देने के बावजूद, राजनीतिक इच्छाशक्ति की कमी के कारण काम अटक गया।

शेखावत ने कहा कि चुनाव के बाद राजस्थान में BJP सरकार बनाएगी और ERCP को "नदी जोड़ो परियोजना" के रूप में लागू किया जाएगा।

कांग्रेस के एक नेता ने कहा कि पार्टी का लक्ष्य पूर्वी राजस्थान में अपनी बढ़त बनाए रखना है और कहा कि लक्ष्य हासिल करने में ERCP महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस का लक्ष्य क्षेत्र में घर-घर जाकर रैलियां निकालना है, ताकि लोगों को जागरूक किया जा सके कि कैसे BJP राजनीतिक लाभ के लिए इस परियोजना में देरी कर रही है।

अपने चुनावी नारे में, कांग्रेस राज्य में गहलोत सरकार की तरफ से किए गए कामों पर ध्यान आकर्षित करती है - "काम किया दिल से, कांग्रेस फिर से।"

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