Rajasthan Elections 2023: इस हॉट सीट पर हिंदू-मुस्लिम धर्मगुरुओं के बीच होता है मुकाबला, जानें क्या है सियासी गणित

Rajasthan Elections 2023: पश्चिमी राजस्थान में स्थित पोखरण विधानसभा सीट पर इस बार विधानसभा चुनाव में दिलचस्प लड़ाई होने वाली है। राजस्थान के अधिकांश अन्य निर्वाचन क्षेत्रों के विपरीत पोखरण में धर्म एक अहम भूमिका निभाएगा। रेगिस्तान के बीच बसी परमाणु नगरी पोखरण में भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने बाड़मेर स्थित तारातरा मठ के प्रमुख प्रताप पुरी को मैदान में उतारा है। वहीं, कांग्रेस मुस्लिम धर्मगुरु सालेह मोहम्मद को मैदान में उतार सकती है। जानिए, क्या है यहां का सियासी और राजनीतिक गणित

अपडेटेड Oct 22, 2023 पर 9:20 PM
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Rajasthan Elections 2023: यह राजस्थान की बेहद तीखी प्रतिस्पर्धा वाली सीट है

Rajasthan Assembly Elections 2023: पश्चिमी राजस्थान में स्थित पोखरण (Pokhran Assembly Seat) विधानसभा सीट पर इस बार विधानसभा चुनाव में दिलचस्प लड़ाई होने वाली है। राजस्थान के अधिकांश अन्य निर्वाचन क्षेत्रों के विपरीत पोखरण में धर्म एक अहम भूमिका निभाएगा। रेगिस्तान के बीच बसी परमाणु नगरी पोखरण में भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने बाड़मेर स्थित तारातरा मठ के प्रमुख प्रताप पुरी (Pratap Puri) को मैदान में उतारा है। महंत ने पिछली बार यहां से चुनाव लड़ा था, लेकिन वो मात्र 872 वोटों के अंतर से हार गए थे। कांग्रेस ने यहां से मुस्लिम धर्मगुरु सालेह मोहम्मद (Shale Mohammad) को मैदान में उतारा था, जो चुनाव जीतने के बाद अशोक गहलोत सरकार में मंत्री हैं।

सालेह मोहम्मद मुस्लिम धर्मगुरु गाजी फकीर के बेटे हैं। फकीर एक 'पीर' (आध्यात्मिक नेता) पूजनीय हैं। हालांकि कांग्रेस ने यहां से इस बार अभी तक अपने उम्मीदवार की घोषणा नहीं है। लेकिन चर्चा है कि सत्ताधारी इस बार भी सालेह मोहम्मद को ही चुनावी मैदान में उतारेगी। भारत और सीमा पार पाकिस्तान दोनों में उनके बहुत बड़े अनुयायी हैं। दो धर्मगुरुओं के चुनावी समर वाले पोखरण पर पूरे प्रदेश की निगाहें टिक गई है।

बेहद तीखी प्रतिस्पर्धा वाली सीट बनी


पोखरण बेहद तीखी प्रतिस्पर्धा वाली सीट है। दोनों पक्ष विधानसभा में पहुंचने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रहा है। पिछली बार BJP ने सभा को संबोधित करने के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और फायर ब्रांड नेता योगी आदित्यनाथ को बुलाया था। वहीं, कांग्रेस ने यहां अपने पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी का भाषण करवाया। कहा जा रहा है कि बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष अमित शाह ने ही पुरी को चुना था।

कहा जाता है कि शाह पुरी के पिता के शिष्य थे, जो एक संत भी थे। कांग्रेस और BJP दोनों एक दूसरे पर अभियान को सांप्रदायिक रंग देने का आरोप लगाती हैं। यह विश्वास व्यक्त करते हुए कि BJP इस बार जीत हासिल करेगी पुरी ने कांग्रेस पर उनके खिलाफ मुस्लिम उम्मीदवार खड़ा करके मुकाबले को "सांप्रदायिक" बनाने का आरोप लगाया।

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उनके अनुसार, "हिंदू संस्कृति और गायों" की रक्षा करना हमेशा महत्वपूर्ण है। 51 वर्षीय संत ने कहा कि कांग्रेस चाहे कुछ भी कहे, लोग BJP के साथ हैं। उनका मुख्य फोकस पोखरण में लोगों के लिए पीने के पानी और अन्य बुनियादी सुविधाओं पर होगा। 2008 के परिसीमन में पोकरण विधानसभा का गठन किया गया था। उसके बाद से हुए तब से लेकर अब तक तीन विधानसभा चुनाव में मुस्लिम धर्मगुरु सालेह मोहम्मद को कांग्रेस ने चुनाव समर में उतारा, जिसमें से वह दो बार चुनकर विधानसभा पहुंचे।

सियासी गणित

मोहम्मद अपने पिता की बदौलत सिंध मुसलमानों के बीच एक मजबूत समर्थन आधार का दावा करते हैं। निर्वाचन क्षेत्र में मुस्लिम मतदाताओं की संख्या लगभग 55,000, राजपूत 45,000, दलित और ST 35,000 और OBC 30,000 हैं। पोखरण को 1974 और 1998 के परमाणु परीक्षणों के लिए जाना जाता है। परीक्षण थार रेगिस्तान में शहर से लगभग 30 किमी दूर हुए थे।

Akhilesh

Akhilesh

First Published: Oct 22, 2023 9:12 PM

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