Telangana Election 2023: तेलंगाना की मुलुगु विधानसभा (Mulugu Assembly) सीट पर इस बार कांटे की लड़ाई दिख रही है। यहां मुख्य मुकाबला कांग्रेस की मौजूदा विधायक और 'सीताक्का' के नाम से मशहूर दानसारी अनसूया (Dansari Anasuya) और भारत राष्ट्र समिति (BRS) के उम्मीदवार बड़े नागज्योति (Bade Nagajyothi) के बीच है। इस जिले में कोया जनजाति की अच्छी खासी आबादी है और दोनों प्रमुख उम्मीदवार इसी समुदाय से आते थे। कुछ दिन पहले तक इस विधानसभा में कोई चुनावी हलचल नहीं था। न कोई झंडा, न कोई लाउडस्पीकर, जिसे चुनावी नारे या गीत बज रहे हों। लेकिन अब धीरे-धीरे चुनावी बुखार जोर पकड़ रहा है।
BRS ने इस बार यहां से अपने सीनियर नेता अजमीरा चंदूलाल का टिकट काटकर सभी को चौंका दिया। पार्टी ने उनकी जगह नागज्योति को उम्मीदवार बनाया है। राजनीति जानकारों का कहना है कि यह BRS का एक मास्टर स्ट्रोक हो सकता है, जो इसने कांग्रेस की मौजूदा विधायक सीताक्का की लोकप्रियता को चुनौती देने के लिए खेला है। दरअसल सीताक्का कभी नक्सली थीं और उन्होंने सरेंडर करने के बाद मुख्यधारा की राजनीति में कदम रखा। इलाके में वह काफी लोकप्रिय हैं। अब बीआरएस ने जिस नागज्योति को टिकट दिया है, उनका इतिहास भी नक्सल से जुड़ाव का है। नागज्योति, दिवंगत माओवादी नेता बड़े नागेश्वर राव की बेटी हैं, जिनकी मुठभेड़ में मौत हुई थी।
सीताक्का ने कहा, "उन्हें टिकट मिलने से मैं भी थोड़ा हैरान थी। लेकिन मेरा काम खुद बोलता है। मैं विधानसभा में बीआरएस की मुखर आलोचक हूं। इसलिए पूरी BRS पार्टी मुझे निशाना बना रही है। लेकिन लोग मुझे वोट देंगे और वे जो करोड़ों रुपये खर्च कर रहे हैं, वह नाली में बह जाएगा। मुझे जीत का पूरा भरोसा है।" सीताक्का को कोविड के दौरान किए गए अपने 'अच्छे कामों' पर भरोसा हैं।
वहीं BRS की लिस्ट आने के बाद नागज्योति भावुक हो गई थीं। उन्होंने कहा, "सूची की घोषणा के बाद भावुक नागज्योति ने कहा, 'मैं अपनी मातृभूमि मुलुगु में BRS का झंडा फहराऊंगी। यह पार्टी के लिए एक गिफ्ट होगा।" वह लगातार अपने विधानसभा क्षेत्र में दौरे कर रही हैं और महिलाए व युवा उनका गर्मजोशी से स्वागत करते हुए दिखे। वह BRS के कार्यकाल में मुलुगु जिले हुए कार्यों को लोगों को बता रही हैं और उनके नाम पर वोट मांग रही हैं।
महज 29 साल की नागज्योति ने पोस्ट ग्रेजुएट तक पढ़ाई की है और वे अभी मुलुग जिला प्रजा परिषद की चेयरपर्सन हैं। हालांकि उनके सामने 52 वर्षीय सीताक्का के सामने जीत हासिल करना एक बड़ी चुनौती होगी।
एतुरनगरम मंडल के कोयागुडा गांव में एक बड़े से इमली के पेड़ के नीचे कुछ बुजुर्ग बैठे हुए थे। चुनाव के बारे में पूछे जाने और क्या क्या सीताक्का फिर से जीतेंगी, इस सवाल पर नरसन्ना ने कहा: "हां, बिल्कुल! वह अकेली नेता हैं जो कोविड के दौरान हमसे मिलने आई थीं। हमें इस बात की चिंता नहीं है कि तेलंगाना में कौन सत्ता में आएगा, यहां सीताक्का जीतेंगी।"
वहीं युवाओं के एक समूह ने कहा कि इस बार BRS को 2018 के विधानसभा चुनाव जीतने सीटें नहीं मिलेंगी, लेकिन उसे बहुमत मिलेगा। हाल में ग्रेजुएट संदीप नाम के एक युवा ने कहा, "पिछली बार वे भारी बहुमत से जीते थे। इस बार उन्हें उतनी सीटें नहीं मिल सकती हैं, लेकिन ऐसा लगता है कि KCR हैट्रिक पर हैं।" संदीप इस चुनाव में पहली बार मतदान करेंगे।
2018 के विधानसभा चुनाव में सीताक्का ने TRS (अब बीआरएस) के उम्मीदवार चंदूलाल को 22,671 मतों के अंतर से हराया था। सीताक्का ने 2004 में तेलुगु देशम पार्टी (TDP) के उम्मीदवार के रूप में अपने राजनीति करियर की शुरुआत की थी। तब से, वह मुलुगु विधानसभा की राजनीति में एक प्रमुख व्यक्ति रही हैं। नक्सल से मुख्यधारा में आने के बाद सीताक्का ने लॉ की पढ़ाई की और फिर राजनीति विज्ञान में पीएचडी की। सीताक्का को इस चुनाव में कांग्रेस के जीतने का भरोसा है। तेलंगाना में 30 नवंबर को मतदान होगा। चुनाव के नतीजे 3 दिसंबर को घोषित किए जाएंगे।