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Chhath Puja 2024: नहाय खाय से छठ महापर्व हुआ शुरू, जानिए चार दिन तक किस दिन क्या होता है

Chhath Puja 2024: लोक आस्था के महापर्व छठ पूजा की शुरुआत आज (5 नवंबर) से नहाय-खाय के साथ हो गई है। यह चार दिन का महापर्व होता है। इस दिन व्रत रखने वाले सुबह नहाकर सात्विक भोजन ग्रहण करते है। नहाय खाय के साथ शुरू होकर यह पर्व उषा अर्घ्य के साथ समाप्त होता है। व्रत के दौरान कई नियमों का पालन किया जाता है

MoneyControl Newsअपडेटेड Nov 05, 2024 पर 10:01 AM
Chhath Puja 2024: नहाय खाय से छठ महापर्व हुआ शुरू, जानिए चार दिन तक किस दिन क्या होता है
Chhath Puja 2024: हर साल कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को नहाय-खाय के साथ छठ पूजा की शुरुआत हो जाती है।

सनातन धर्म भी छठ पूजा का विशेष महत्व है। इस पूजा का शुभारंभ नहाय-खाय से होता है। इस दिन व्रती महिलाएं सात्विक प्रसाद ग्रहण करती हैं। जिसमें प्याज-लहसुन का इस्तेमाल नहीं किया जाता है। इस साल छठ महापर्व की शुरुआत आज (5 नवंबर 2024) से हो गई है। छठ के पहले दिन नहाय खाय की परंपरा होती है। नहाय खाय के साथ शुरू होकर यह पर्व उषा अर्घ्य के साथ समाप्त होता है। छठ पूजा के इन चार दिनों तक व्रत से जुड़े कई नियमों का पालन किया जाता है। पूरे चार दिनों तक छठी मईया और सूर्य देव की उपासना की जाती है।

चार दिनों तक चलने वाले छठ पर्व में अलग-अलग दिनों का विशेष महत्व होता है। और ये चारों दिन धार्मिक दृष्टिकोण से बहुत खास माने जाते हैं। छठ महापर्व बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश और नेपाल के कुछ हिस्सों में मनाया जाता है। मुख्य अनुष्ठानों में डूबते और उगते सूरज दोनों की उपासना की जाती है। उपवास करने वाले व्रती के भोजन करने के बाद ही परिवार के बाकी सदस्य इस महाप्रसाद का सेवन करते हैं।

छठ पूजा का पहला दिन नहाय खाय

नहाय खाय से छठ पूजा की शुरुआत होती है। इस दिन श्रद्धालु नदी या तालाब में स्नान करते हैं। अगर नदी में नहाना संभव न हो ते घर पर भी नहा सकते हैं। इसके बाद व्रती महिलाएं भात, चना दाल और लौकी का प्रसाद बनाकर ग्रहण करती हैं। इन सभी भोजन को पवित्र अग्नि में घी और सेंघा नमक से तैयार किया जाता है। नहाय-खाय में बनने वाला कद्दू-भात का प्रसाद शरीर, मन और आत्मा के शुद्धि का प्रतीक माना जाता है। इस दिन शुद्ध और सात्विक भोजन किया जाता है।

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