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Adani Dharavi Project: किस तरह से बदल जाएगा मुंबई का स्लम? अदाणी ग्रुप के प्लान पर धारावी कैसे बदलेगी अपनी धारा?

Adani Dharavi Project: अदाणी ग्रुप की योजना धारावी को 300 करोड़ डॉलर में कायापलट की है। हालांकि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में अकाउंटिंग फ्रॉड और स्टॉक मैनिपुलेशन का आरोप लगने के बाद से ग्रुप के कंपनियों की मार्केट वैल्यू 10 हजार करोड़ डॉलर से अधिक घट चुकी है। ग्रुप ने आरोपों से इनकार किया है लेकिन इसके चलते राजनीतिक पार्टियों की तरफ से धारावी की कायापलट को लेकर अदाणी ग्रुप की योजना को रद्द करने का दबाव बढ़ रहा है

Edited By: Moneycontrol Newsअपडेटेड Apr 13, 2023 पर 10:21 AM
Adani Dharavi Project: किस तरह से बदल जाएगा मुंबई का स्लम?  अदाणी ग्रुप के प्लान पर धारावी कैसे बदलेगी अपनी धारा?
धारावी को फिट करने के लिए 90 के दशक से मुंबई सरकार कोशिश कर रही है। हालांकि पिछले साल इसमें एकाएक काफी बदलाव आया जब महाराष्ट्र सरकार ने धारावी के टेंडर में तेजी लाई। अदाणी ग्रुप की रियल एस्टेट इकाई अदाणी रियल्टी (Adani Realty) ने पिछले साल नवंबर में 620 करोड़ डॉलर का पहला इंस्टॉलमेंट बिड जीत लिया।

Adani Group Dharavi Project: अमेरिकी शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च (Hindenburg Research) की रिपोर्ट ने अदाणी ग्रुप को तगड़ा झटका दिया। 24 जनवरी को रिपोर्ट आने के बाद से ग्रुप लगातार विदेशी निवेशकों का भरोसा जीतने की कोशिश कर रहा है। अब इसे लेकर ग्रुप की सबसे बड़ी परीक्षा धारावी (Dharavi) में है। यहां लाखों लोग रहते हैं और मुंबई का स्लम है। इसे दुनिया के सबसे महंगे शहरी रियल एस्टेट में शुमार किया जाता है। अदाणी ग्रुप की धारावी को लेकर क्या योजना है, इसे लेकर अभी पूरी तरह से कुछ स्पष्ट नहीं है। पिछले साल ग्रुप ने इसे फिर से डेवलपर करने की बिड हासिल की थी। इसके तहत ग्रुप दुनिया के सबसे बड़े स्लम एरिया में शुमारा धारावी को मॉडर्न अपार्टमेंट्स, ऑफिसों और मॉल में बदल सकते हैं।

अगर ग्रुप की यह योजना सफल होती है तो देश की वित्तीय राजधानी मुंबई में अदाणी ग्रुप की स्थिति और मजबूत हो जाएगी, जहां यह देश का सबसे व्यस्त एयरपोर्ट भी ऑपरेट करता है। धारावी की कायापलट होने का प्रोजेक्ट इस बात का एक ब्लूप्रिंट बन सकता है कि किस प्रकार अनौपचारिक तौर पर बसे इलाकों में निवेश को बढ़ावा दिया जाए।

Adani Group के सामने ये हैं चुनौतियां

यूरोप में फ्रांस और इटली के बीच स्थित मोनैको दुनिया का दूसरा सबसे छोटा देश है और धारावी लगभग इसी के बराबर है। मुंबई प्रशासन कई दशकों से इसका रूप बदलने की कोशिश की। हालांकि इसके कायापलट के लिए तीन चीजों को एक साथ संभालने की जरूरत है- जमीन के बड़े हिस्से का अधिग्रहण, बिना स्थायी सुविधाओं के निवेशकों को आकर्षित करना और बड़े पैमाने पर लोगों को फिर से बसाना। धारावी की बात करें तो यहां इमारतें जर्जर हैं और वे लोग रिडेवलपमेंट को लेकर काफी सशंकित हैं क्योंकि उन्हें कारोबार चौपट होने की चिंता है और ऐसे गरीब इलाके में अमीरों को लाने की योजना जहां पहले से ही करीब 2 करोड़ लोग हैं। ब्लूमबर्ग से बातचीत में 43 वर्षीय एक चमड़ा कारोबारी राजकुमार खंडारे का कहना है कि उन्हें नहीं पता अदाणी किस तरह से धारावी को डेवलप करेंगे। धारावी की इनफॉर्मल इकोनॉमी करीब 100 करोड़ डॉलर की है।

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