IIP Growth: अक्टूबर में देश का इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन काफी धीमा पड़ गया और सिर्फ 0.4% की मामूली बढ़त दर्ज की, जो पिछले 14 महीनों का सबसे कमजोर स्तर है। सितंबर में यह ग्रोथ 4.6% थी।

IIP Growth: अक्टूबर में देश का इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन काफी धीमा पड़ गया और सिर्फ 0.4% की मामूली बढ़त दर्ज की, जो पिछले 14 महीनों का सबसे कमजोर स्तर है। सितंबर में यह ग्रोथ 4.6% थी।
सरकार के ताजा आंकड़े बताते हैं कि उद्योगों की गति में यह सुस्ती कोर सेक्टर्स की कमजोर परफॉर्मेंस से मेल खाती है, जहां ग्रोथ गिरकर 0% पर आ गई। ऊर्जा से जुड़े सेक्टर्स में भारी दबाव रहा, जिसने पूरे इंडेक्स को लगभग ठहराव की स्थिति में ला दिया।
कोयला सेक्टर में बड़ी गिरावट
सबसे बड़ी गिरावट कोयला सेक्टर में देखने को मिली, जहां उत्पादन 8.5% तक गिर गया। यह गिरावट अगस्त में आए तेज उछाल के बिल्कुल उलट थी। इसके अलावा बिजली उत्पादन में 7.6% की कमी ने भी कुल औद्योगिक गतिविधि पर बड़ा असर डाला।
देश के आठ कोर इंडस्ट्री मिलकर औद्योगिक उत्पादन (IIP) का 40% हिस्सा रखते हैं। इसमें कोयला, क्रूड ऑयल, प्राकृतिक गैस, रिफाइनरी प्रोडक्ट्स, फर्टिलाइजर्स, स्टील, सीमेंट और बिजली शामिल हैं।
IIP ग्रोथ क्या है
IIP ग्रोथ यानी इंडेक्स ऑफ इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन की बढ़त, देश में औद्योगिक उत्पादन की रफ्तार को मापने वाला एक प्रमुख आंकड़ा है। इसमें मैन्युफैक्चरिंग, खनन और बिजली जैसे सेक्टर्स की गतिविधि शामिल होती है। यह बताता है कि उद्योगों का उत्पादन पिछली अवधि की तुलना में कितना बढ़ा या घटा है, और इसी से अर्थव्यवस्था की वास्तविक स्थिति का अंदाजा लगाया जाता है।
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