Adani Group Stocks में बिकवाली का कम हुआ दबाव, बॉन्ड्स में लौटी तेजी, इन वजहों से तैयार हुआ पॉजिटिव माहौल

Adani Group Stocks: हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने के बाद से अडानी ग्रुप के शेयरों पर दबाव बना हुआ है। हालांकि शुक्रवार को दो वैश्विक रेटिंग एजेंसियों की रिपोर्ट ने इन शेयरों के लिए पॉजिटिव माहौल तैयार किया। इसके अलावा कुछ और कारणों से अडानी ग्रुप के कुछ स्टॉक्स में खरीदारी का रुझान दिख रहा है। बॉन्ड्स में भी तेजी आ रही है। जानिए किन वजहों से बिकवाली का रुझान फीका हो रहा है

अपडेटेड Feb 04, 2023 पर 12:49 PM
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शेयरों के अलावा Adani Group के बॉन्ड्स में भी रिकवरी हो रही है। गोल्डमैन सैक्स और जेपीमॉर्गन चेज की रिपोर्ट सामने आने के बाद शुक्रवार को अडानी ग्रुप के बॉन्ड्स में भी तेजी आई। गोल्डमैन और जेपीमॉर्गन ने अपने कुछ क्लाइंट्स से कहा है कि अडानी ग्रुप के कुछ एसेट्स बहुत मजबूत हैं जिसके चलते डेट पर उन्हें फायदा हो सकता है।

अमेरिकी शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च (Hindenburg Research) की रिपोर्ट आने के बाद से अडानी ग्रुप के शेयरों (Adani Group Stocks) में बिकवाली का दबाव बना हुआ है। रिपोर्ट सामने आने के बाद से इनके शेयर आधे से अधिक टूट चुके हैं। हालांकि शुक्रवार 3 फरवरी को थोड़ी राहत मिली। दो वैश्विक रेटिंग एजेंसियों की अडानी ग्रुप को लेकर पॉजिटिव रिपोर्ट के चलते इसकी कुछ कंपनियों में फिर से खरीदारी का रुझान लौटा। Adani Enterprises के शेयर इंट्रा-डे में 35 फीसदी टूट गए थे लेकिन फिर मार्केट बंद होने तक यह एक फीसदी से अधिक चढ़ गया। वहीं ग्रुप की 10 में नौ और कंपनियों में से छह के ही भाव रेड जोन में बंद हुए। Adani Ports तो करीब 8 फीसदी मजबूत होकर बंद हुआ है।

Adani Group को लेकर क्या है रेटिंग एजेंसियों की रिपोर्ट

Fitch Ratings ने शुक्रवार को कहा कि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट का अडानी की कंपनियों के क्रेडिट प्रोफाइल पर तत्काल कोई असर नहीं है। इसके अलावा इन कंपनियों के कैश फ्लो में भी खास बदलाव की उम्मीद नहीं है। वहीं Moody’s का कहना है कि मौजूदा विपरीत परिस्थितियों में अगले एक से दो साल में मेच्योर होने वाले कर्ज की रीफाइनेंसिंग या योजना के मुताबिक कैपिटल एक्सपेंडिचर के लिए पूंजी जुटाने में दिक्कत आ सकती है लेकिन कैपिटल एक्सपेंडिचर का कुछ हिस्सा ऐसा है जिसे टाला भी जा सकता है। इन दोनों रिपोर्ट ने अडानी ग्रुप के स्टॉक्स को लेकर पॉजिटिव माहौल तैयार किया और शेयरों में इसका असर दिखा।

Adani Group के इन दो स्टॉक्स में लौटी तेजी, जानिए क्यों दिख रहा तेजी का रुझान


मार्केट एक्सपर्ट्स का क्या कहना है

हिंडनबर्ग का कहना है कि अडानी ग्रुप के स्टॉक्स 85 फीसदी तक महंगे यानी ओवरवैल्यूएड हैं। इसके चलते बिकवाली का दबाव दिख रहा है। मुंबई के Pratibhuti Vinihit Ltd के स्ट्रैटजिस्ट Suniil Pachisia का कहना है कि जब तक हिंडनबर्ग के उठाए गए सवालों पर कंपनी स्पष्टीकरण नहीं दे देती है, इसके शेयरों की ट्रेडिंग चुनौतीपूर्ण होगी।

अडानी एंटरप्राइजेज के शेयरों की तेजी को लेकर सुनील का कहना है कि यह शॉर्ट पोजिशन को कवर करने की तरह दिख रहा है क्योंकि अब इनकी ट्रेडिंग में हाई मार्जिन की जरूरत है। Profitmart Securities Pvt के रिसर्च हेड Avinash Gorakshakar का मानना है कि शुक्रवार को शेयरों की तेजी तकनीकी उछाल हो सकती है लेकिन स्पष्ट रूप से बिकवाली का दबाव अब धीमा हो रहा है।

 

Bonds में भी लौटी तेजी

शेयरों के अलावा अडानी ग्रुप के बॉन्ड्स में रिकवरी हो रही है। गोल्डमैन सैक्स और जेपीमॉर्गन चेज की रिपोर्ट सामने आने के बाद शुक्रवार को अडानी ग्रुप के बॉन्ड्स में भी तेजी आई। गोल्डमैन और जेपीमॉर्गन ने अपने कुछ क्लाइंट्स से कहा है कि अडानी ग्रुप के कुछ एसेट्स बहुत मजबूत हैं जिसके चलते डेट पर उन्हें फायदा हो सकता है। इसके चलते सभी 15 डॉलर के डेट सिक्योरिटीज अब मजबूत हो रहे हैं। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक अडानी ग्रुप के 800 करोड़ डॉलर के डॉलर बॉन्ड्स में ब्लैकरॉक, लॉर्ड एबेट और टीचर्स इंश्योरेंस एंड एन्यूइटी एसोसिएशन ऑफ अमेरिका समेत कम से कम 200 वित्तीय संस्थानों के पैसे लगे हुए हैं।

एलजीटी कैपिटल पार्टनर्स के पोर्टफोलियो मैनेजर Willem Glorie के मुताबिक अडानी ग्रुप के स्टॉक्स और बॉन्ड्स में पैसे लगाने वाले निवेशकों की प्रकृति अलग-अलग है। ग्लोरी के मुताबिक हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने से पहले भी फंडामेंटल्स पर इक्विटी वैल्यूएशन को जस्टिफाई करना मुश्किल था। वहीं बॉन्ड निवेशक कम कीमत पर भी बेहतर स्थिति में हैं क्योंकि अडानी ग्रुप का स्ट्रैटजिक इंफ्रा के बड़े हिस्से पर नियंत्रण है और इसका कारोबार बहुत मजबूत है।

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Adani Group कैसे निपट रहा इस मसले से

ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक अडानी ग्रुप के मालिक गौतम अडानी (Gautam Adani) शेयरों को गिरवी रखकर लिए गए कुछ कर्जों को चुकता करने के लिए क्रेडिटर्स से बातचीत कर रहे हैं। यह कदम ग्रुप के कंपनियों की वित्तीय सेहत में निवेशकों का भरोसा वापस लाने के लिए उठाया जा रहा है। हालांकि मुंबई के Target Investing के फाउंडर समीर कालरा का कहना है कि अब निवेशकों की दिलचस्पी सिर्फ देनदारी पूरा होने में नहीं है बल्कि वे कारोबार को लेकर ठोस प्लान और एक्शन चाहते हैं। समीर के मुताबिक अब बैलेंस शीट के एक-एक रूप का इस्तेमाल महत्वपूर्ण हो गया है।

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First Published: Feb 04, 2023 12:49 PM

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