कर्ज में डूबी एयरलाइन गो फर्स्ट (Go First) इस महीने के अंत तक अपनी उड़ानें दोबारा शुरू कर सकती है। कंपनी को अपनी 94 फीसदी रोजाना उड़ानों को आसमान में फिर से वापस ला सकती है। न्यूज एजेंसी ब्लूमबर्ग ने गुरुवार 15 जून को एक रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से यह जानकारी दी है। गो फर्स्ट ने मई महीने की शुरुआत में खुद से दिवालिया कार्यवाही के लिए आवेदन दिया था और अपनी सभी उड़ानें रद्द कर थी। बीते 2 मई से ही इसकी उड़ानें बंद हैं। रिपोर्ट के मुताबिक एयरलाइन ने डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) को अपना कारोबार दोबारा शुरू करने से जुड़ा रिवाइवल प्लान शेयर किया है।
रिवाइवल प्लान में एयरलाइन ने कहा है कि वह रोजाना 154 उड़ानों का संचालन कर सकती है। हालांकि जब इसकी उड़ानें बंद हुई थीं, तब यह रोजाना 164 उड़ानों का संचालन करती थी।
Go First ने 2 मई को अचनाक अपनी सभी उड़ानें बंद कर दिया और इस स्थिति के लिए इंजन सप्लाई करने वाली कंपनी प्रैट्स एंड व्हिटनी (Pratts & Whitney) को जिम्मेदार ठहराया था।
सूत्रों ने ब्लूमबर्ग को बताया कि गो फर्स्ट को उम्मीद है कि उसके रिवाइवल प्लान को DGCA से इस सप्ताह के अंत तक मंजूरी मिल जाएगी। यह मंजूरी एयरलाइन को अगले दो सप्ताह के भीतर अपनी उड़ानों को फिर से शुरू करने की इजाजत देगी। Go First की ओर से अभी तक इस खबर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।
Go First के पास भारत के एविशन मार्केट की करीब 6.4 फीसदी हिस्सेदारी है। कंपनी ने अपने पायलटों और क्रू मेंबर को कंपनी में बनाए रखने के लिए हाल में कई कदम उठाए थे। इसमें पॉयलटों को 1 लाख तक अतिरिक्त सैलरी देने जैसे कदम शामिल हैं।