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Aurobindo Pharma ने ED के चलते होलटाइम डायरेक्टर रेड्डी को निकाला बाहर, 10 साल पहले पिता को भी देना पड़ा था इस्तीफा

सैकड़ों करोड़ रुपये के शराब घोटाले में गिरफ्तार शरत चंद्र रेड्डी को औरोबिंदो फार्मा (Aurobindo Pharma) ने कंपनी से निकाल दिया है

अपडेटेड Nov 14, 2022 पर 11:06 AM
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औरोबिंदो फार्मा देश की दूसरी सबसे बड़ी दवा कंपनी है।

सैकड़ों करोड़ रुपये के शराब घोटाले में गिरफ्तार शरत चंद्र रेड्डी को औरोबिंदो फार्मा (Aurobindo Pharma) ने कंपनी से निकाल दिया है। रेड्डी कंपनी के पूर्णकालिक निदेशक थे और उन्हें बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स ने 12 नवंबर को पदमुक्त किया है। औरोबिंदो फार्मा देश की दूसरी सबसे बड़ी दवा कंपनी है। इसके बोर्ड की 12 नवंबर को बैठक हुई थी जिसमें शरत चंद्र रेड्डी को कार्यकारिणी जिम्मेदारियों से मुक्त कर दिया क्योंकि वह अस्थाई तौर पर इसे करने के लिए समर्थ नहीं थे। हालांकि कंपनी ने शेयर बाजारों को यह भी बताया है कि शरत चंद्र को अस्थाई तौर पर जिम्मेदारियों से मुक्त किया गया और वह कंपनी के बोर्ड में डायरेक्टर बने रहेंगे।

ED ने गिरफ्तार किया है रेड्डी को

स्टॉक एक्सचेंज को कंपनी ने जो जानकारी दी है उसके मुताबिक शरत चंद्र रेड्डी को केंद्रीय एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने पर्सनल एंटिटीज में लेन-देन के मामले में गिरफ्तार किया है, औरोबिंदो फार्मा से जुड़े कारोबार से इसका कोई संबंध नहीं है। उनकी गिरफ्तारी का कंपनी पर क्या असर पड़ेगा, इसे लेकर कंपनी का कहना है कि शरत चंद्र रेड्डी का कार्य दूसरे पूर्णकालिक निदेशक करेंग तो ऐसे में रेड्डी का गिरफ्तारी का असर कंपनी के काम पर कम होगा।


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हालांकि एक वरिष्ठ मैनेजमेंट प्रोफेशनल ने मनीकंट्रोल से बातचीत में कहा कि इसका कंपनी के रेपुटेशन पर असर दिख सकता है। इसके अलावा उन्होंने कहा कि प्रमोटर्स फैमिली को मौजूदा स्थिति का इस्तेमाल गवर्नेंस को नए सिरे से बनाना चाहिए। उनका मानना है कि कंपनी के आकार को देखते हुए इसके प्रमोटर्स बहुत कम हैं।

इसी साल फिर से बने थे होल-टाइम डायरेक्टर

शरत चंद्र रेड्डी को इसी साल 20 मई को तीन साल यानी मई 2025 तक के लिए फिर से कंपनी का पूर्णकालिक निदेशक बनाया गया था। वह औरोबिंदो फार्मा से सितंबर 2007 से नॉन-एग्जेक्यूटिव डायरेक्टर के तौर पर जुड़े थे और फिर जून 2016 से पूर्णकालिक निदेशक बने। फिलहाल वह औरोबिंगो फार्मा की रिस्क मैनेजमेंट कमेटी में हैं और उनके साथ इस कमेटी में दो और निदेशक हैं जिनका काम कंपनी के रिस्क और मैनेजमेंट पर निगरानी रखना है। फिलहाल औरोबिंदो फार्मा के बोर्ड में नौ निदेशक हैं जिसमें चार एग्जेक्यूटिव डायरेक्टर और पांच नॉन-एग्जेक्यूटिव डायरेक्टर हैं। इसमें से चार इंडेपेंडेंड डायरेक्टर्स हैं।

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दस साल पहले पिता को छोड़ना पड़ा था पद

यह फैसला ऐसे समय में हुआ है जब कयास लगाए जा रहे थे कि शरत चंद्र रेड्डी को कंपनी के बोर्ड से उनके पिता और नॉन-एग्जेक्यूटिव डायरेक्टर पीवी रामप्रसाद रेड्डी की ही तरह पद छोड़ने को कहा जा सकता है। पीवी एग्जेक्यूटिव चेयरमैनशिप पद से हटे थे। रामप्रसाद रेड्डी का इस्तीफा करीब दस साल पहले हुआ था। सीबीआई जैसी केंद्रीय जांच एजेंसियां वाईएस जगन मोहन रेड्डी (आंध्र प्रदेश के मौजूदा मुख्यमंत्री) के संपत्तियों में हेर-फेर के मामले में औरबिदों फार्मा और इसके दो प्रमोटर्स के खिलाफ चार्जशीट दाखिल किया था। इसे लेकर ही रामप्रसाद रेड्डी को कंपनी छोड़ना पड़ा था।

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