Axis Bank एंप्लॉयीज को बैंक के साथ बनाए रखने की लगातार कोशिश कर रहा है। दरअसल फाइनेंशिय ईयर 2022-23 में एट्रिशन रेट (एंप्लॉयीज के बैंक छोड़ने का रेट) 34.8 फीसदी पहुंच गया। एक्सिस बैंक के एमडी एवं सीईओ अमिताभ चौधरी ने 26 जुलाई को यह जानकारी दी। एक्सिस बैंक का पिछले साल का एट्रिशन रेट बीते तीन साल में सबसे ज्यादा है। FY22 में यह 31.6 फीसदी था। FY21 में यह 19.1 फीसदी था। मीडिया से बातचीत में चौधरी ने कहा कि दूसरी इंडस्ट्री में भी एट्रिशन का मसला है। एक्सिस बैंक इस मसले के समाधान के लिए कोशिश कर रहा है।
सिटी के एंप्लॉयीज में एट्रिशन कम
चौधरी ने बताया कि एक्सिस बैंक में सबसे ज्यादा एट्रिशन जूनियर लेवल पर देखने को मिला है। यह करीब 33-35 फीसदी है। City Bank के रिटेल ऑपरेशन के अधिग्रहण के बाद 3,200 एंप्लॉयीज एक्सिस बैंक में आए। सिटी बैंक के एंप्लॉयीज के बारे में उन्होंने कहा कि उनका एट्रिशन जितना सिटीबैंक में था, उसके मुकाबले कम है। पिछले तीन साल में सिटीबैंक इंडिया में एट्रिशन के मुकाबले एक्सिस बैंक में उनका एट्रिशन कम है।
एक्सिस बैंक ने एनुअल रिपोर्ट में FY23 में एट्रिशन 34.8 फीसदी रहने की बात कही है। बैंक ने 26 जुलाई के अपने नतीजे पेश किए। अप्रैल-जून तिमाही में बैंक का प्रॉफिट 40 फीसदी बढ़कर 5,790 करोड़ रुपये रहा। एक साल पहले की समान अवधि में यह 4,125 करोड़ रुपये था। मनीकंट्रोल के एक पोल में एनालिस्ट्स ने एक्सिस बैंक का मुनाफा जून तिमाही में 5,889 करोड़ रुपये रहने का अनुमान जताया था। बैंक का मुनाफा एनालिस्ट्स के अनुमान से कम रहा।
जून तिमाही में एक्सिस बैंक का नेट इंटरेस्ट इनकम (NII) साल दर साल आधार पर 27 फीसदी बढ़कर 11,959 करोड़ रुपये रहा। जून तिमाही में नेट इंटरेस्ट मार्जिन (NIM) 4.10 फीसदी रहा, जो साल दर साल आधार पर 0.50 फीसदी ज्यादा है। बैंक का ग्रॉस नॉन-परफॉर्मिंग एसेट्स (GNPA) घटकर 1.96 फीसदी पर आ गया। यह पिछले साल की समान अवधि में 2.76 फीसदी था।