इस बार बजट (Budget 2022) का सबसे ज्यादा इतंजार क्रिप्टोकरेंसी इंडस्ट्री (Cryptocurrency Industry) को है। निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) 1 फरवरी को बजट पेश करेंगी। वह बजट में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर सरकार के रुख से पर्दा उठा सकती हैं। बजट में क्रिप्टो के लिए व्यापक नियम और कानून पेश होने की भी उम्मीद है। पिछले कुछ सालों में क्रिप्टो ने निवेशकों को मालामाल किया है।
क्रिप्टोकरेंसी के देश में सबसे बड़े एक्सचेंज वजीरएक्स के सीईओ निश्चल शेट्टी ने कहा, "रेगुलेटरी क्लेरिटी के अलावा हमें सरकार से क्रिप्टो पर टैक्स के नियमों में स्पष्टीकरण का भी इंतजार है।" उन्होंने कहा कि कोविड-19 की तीसरी लहर के बावजूद इंडिया में इकोनॉमिक रिकवरी दिख रही है।
उन्होंने कहा, "हमें उम्मीद है कि यूनियन बजट में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर तस्वीर साफ होगी। ऐसा होने पर क्रिप्टोकरेंसी इंडस्ट्री को बढ़ावा मिलेगा। इसकी ग्रोथ तेज होगी। और यह 5 ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी के विजन में बड़ी भूमिका निभा सकेगी।"
क्रिप्टोकरेंसी को लेकर भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) और सरकार का रुख उदार नहीं रहा है। आरबीआई ने तो बहुत पहले इस पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया था। लेकिन, सुप्रीम कोर्ट ने उसके इरादों पर पानी फेर दिया। इधर, सरकार भी इसे बहुत रिस्की मानती है। सरकार को डर है कि इस पर किसी तरह का नियंत्रण नहीं होने से इसके निवेशकों का पैसा डूबने का खतरा है।
शेट्टी ने कहा कि क्रिप्टोकरेंसी को लेकर कानून बनाना अब भी दूर की कौड़ी है, लेकिन बजट में इस बारे में सरकार का रुख साफ होने से इस एसेट क्लास को लेकर टैक्स को लेकर उलझन खत्म हो सकती है। दुनियाभर में क्रिप्टो में इन्वेस्टमेंट का क्रेज बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि बजट में इसके बारे में पॉलिसी आने से न सिर्फ इसमें इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टमेंट को बढ़ावा मिलेगा बल्कि इस सेक्टर में रोजगार के मौके का भी फायदा उठाया जा सकेगा।
पॉलीट्रेड क्रिप्टो के सीईओ और को-फाउंडर पीयूष गुप्ता ने कहा कि हमारा मानना है कि इस सेक्टर के रेगुलेशन को लेकर तस्वीर साफ होने से उन लोगों का डर दूर होगा, जिन्होंने इसमें इन्वेस्ट किया है। उनका मानना है कि दूसरे देशों की तरह इंडिया में भी क्रिप्टो लेकर ठोस नियम और कानून होने चाहिए।