मोतीलाल ओसवाल प्राइवेट वैल्थ मैनेजमेंट के एमडी और सीईओ आशीष शंकर ने बताईं आगामी बजट से उम्मीदें
Budget 2022 Expectations : मोतीलाल ओसवाल प्राइवेट वैल्थ मैनेजमेंट के एमडी और सीईओ आशीष शंकर ने आने वाले समय में इकोनॉमी में इनवेस्टमेंट से जुड़े सेक्टर अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि सरकार के पूंजी खर्च को बढ़ावा देने से मेटल, सीमेंट और कैपिटल गुड्स जैसे साइक्लिक सेक्टरों को खासा फायदा होने की उम्मीद है। साथ ही वह फाइनेंशियल, आईटी, कंज्यूमर जैसे सेक्टरों पर पॉजिटिव हैं। बजट, 2022 के संबंध में उनके द्वारा मनीकंट्रोल को दिए इंटरव्यू में ये बातें सामने आई हैं।
निफ्टी में 2 साल में मिल सकता है अच्छा रिटर्न
जनवरी के अंत तक निफ्टी 50 के लिए राय पूछने पर आशीष शंकर ने कहा कि मार्केट के लिए शॉर्ट टर्म व्यू देना असंभव है, क्योंकि आगे स्टेट इलेक्शंस और ग्लोबल न्यूज जैसे कई इवेंट देखने को मिलेंगे। हालांकि, हर तिमाही के साथ कॉरपोरेट अर्निंग्स में सुधार की उम्मीद है। उन्होंने वित्त वर्ष 23 में निफ्टी50 के लिए ईपीएस 873 रहने की उम्मीद है, जो वित्त वर्ष 22 के लिए 730 के अनुमान से 20 फीसदी ज्यादा है। इसलिए नियर टर्म गिरावट सीमित है और अगले दो वर्षों में अच्छी मजबूती की उम्मीद है।
हाउसिंग डिमांड बढ़ाने के लिए कदम उठाएगी सरकार
बजट से लाभान्वित होने वाले सेक्टरों के सवाल परस शंकर ने कहा कि एक दशक में हमने सरकारी रेवेन्यू और कॉरपोरेट बैलेंसशीट में हमने मजबूती आती देखी है और डिमांड अच्छी बनी हुई है। उन्होंने कहा, “इसीलिए हमें लगता है कि अगले साल भी इन्फ्रास्ट्रक्चर और कैपासिटीज में इनवेस्टमेंट देखने को मिलेगा। दशकों की बात करें तो रियल एस्टेट कीमतें और हाउसहोल्ड स्तर पर एफोर्डेबिलिटी अच्छी है, जिससे इस सेक्टर में मांग देखने को मिलेगी।” उन्होंने उम्मीद जताई कि सरकार इकोनॉमी और मैन्युफैक्चरिंग को ध्यान में रखते हुए इनवेस्टमेंट से जुड़ी पॉलिसी इनीशिएटिव लेगी, जिससे इन कंपनियों को प्रोत्साहन मिलेगा।
उन्होंने कहा कि सरकार हाउसिंग डिमांड बढ़ाने की कोशिश करेगी और ऐसे में पहली बार घर खरीदने वालों को कुछ ऐलान होने की उम्मीद हैं। सरकार फाइलिंग के लिहाज से पर्सनल इनकम टैक्स आसान बनाने पर कुछ कदम उठा सकती है।
फाइनेंशियल्स और टेक्नोलॉजी में अच्छी टॉपलाइन ग्रोथ की उम्मीद
आकर्षक सेक्टरों और स्टॉक्स के सवाल पर शंकर ने कहा, वित्त वर्ष 22 की दूसरी तिमाही में कॉरपोरेट अर्निंग्स को मेटल और तेल व गैस जैसे सेक्टरों, फाइनेंशियल्स में एसेट क्वालिटी में सुधार और टेक्नोलॉजी में अच्छी टॉपलाइन ग्रोथ से मजबूती मिली है। उन्होंने कहा, बोर्ड स्तर पर हो रहीं मैनेजमेंट कमेंट्रीज से मांग में सुधार का पता चलता है। इसलिए, इकोनॉमी में इनवेस्टमेंट से जुड़े सेक्टर आगे अच्छा प्रदर्शन करेंगे। इसके साथ ही आईटी सर्विसेज और डिजिटल प्लेटफॉर्म बिजनेस जैसे सेक्टरों में शानदार ग्रोथ देखने को मिलेगी।
लॉन्ग टर्म के नजरिए पर उन्होंने कहा कि वह फाइनेंसियल्स, आईटी, कंज्यूमर पर पॉजिटिव हैं, वहीं साइक्लिकल के मसले पर मेटल्स, सीमेंट और कैपटिल गुड्स को सरकारी कैपेक्स का फायदा मिलेगा।
हेल्थकेयर पर जारी रहेगा सरकार का जोर
हेल्थकेयर सेक्टर से जुड़े सवाल पर उन्होंने कहा कि पिछले बजट में भी हेल्थ और वेलबीइंग पर सरकार का खासा जोर था, यह ट्रेंड आगे भी जारी रहेगा। इनवेस्टमेंट के अवसरों पर उन्होंने कहा कि ज्यादातर कंपनियों का बिजनेस कोविड से पहले के सामान्य स्तरों पर आ गया है। ज्यादातर घरेलू बाजार पर केंद्रित कंपनियों की प्रॉफिटेबिलिटी में सुधार का अनुमान है। ऐसे में एपीआई/सीआरएएमएस, हॉस्पिटल्स और डायग्नोस्टिक्स में कुछ कंपनियों को चुन सकते हैं।
विशेष रूप से एनएआरसीएल के गठन के साथ बैंकिंग सेक्टर को कैसे देखते हैं, इस सवाल पर शंकर ने कहा कि कुछ कॉरपोरेट बैंकों ने एनपीए में कमी करके अपनी बैलेंसशीट क्लीन कर ली हैं और रिटेल पर जोर बढ़ाया है। उन्होंने उम्मीद जताई कि ऐसे बैंक अच्छा प्रदर्शन करेंगे और उनकी री-रेटिंग होगी।
कैपिटल गेन टैक्स पर हैं कई प्रस्ताव
कैपिटल गेंस पर टैक्स से छूट की ऊंची सीमा से इनवेस्टर्स को राहत मिलने के सवाल पर उन्होंने कहा कि एएमएफआई ने लिस्टेड डेट सिक्योरिटीज और डेट म्यूचुअल फंड्स पर एक समान कर का प्रस्ताव किया है। इसके साथ ही, इक्विटी म्यूचुअल फंड इनवेस्टमेंट और इंश्योरेंस कंपनियों के यूलिप से कैपिटल गेंस पर एक समान कर लगाए जाने के भी अनुरोध मिले हैं।
क्रिप्टोकरंसी बिल के संबंध में उन्होंने कहा, क्रिप्टोकरंसी के लिए अगर सरकार कोई रेग्युलेशंस बनाती है या इस पर कोई टैक्स लगता है तो कुछ पूंजी इक्विटी मार्केट में आ सकती है।
2021 में एफआईआई द्वारा जारी बिकवाली पर उन्होंने कहा कि यूएस फेड महंगाई और राहतों को वापस लेने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है, ऐसे में आगे यूएस ट्रेजरी यील्ड्स बढ़ने का अनुमान है। इसलिए, यह ट्रेंड जल्द नहीं बदलेगा। हालांकि, कैलेंडर ईयर के दौरान एफआईआई आउटफ्लो की डीआईआई ने ज्यादा भरपाई की है। कैलेंडर ईयर 20 में नवंबर तक एफआईआई ने 5.3 अरब डॉलर की बिकवाली की, जबकि डीआईआई ने 8.1 अरब डॉलर की खरीदारी की है। समय के साथ, मजबूत डॉमेस्टिक मैक्रोज और मजबूत अर्निंग ग्रोथ आउटलुक को देखते हुए एफआईआई की खरीदारी में बढ़ोतरी होनी चाहिए।