Budget expectations:केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन 1 फरवरी 2022 को अपना तीसरा बजट पेश करने की तैयारी में हैं। ऐसे में तमाम इंडस्ट्री और सेक्टर वित्त मंत्री से उम्मीदें लगाए बैठे हैं और उनकी अपनी कुछ मांगे भी हैं। एक तरफ जहां रियल एस्टेट सेक्टर आने वाले बजट में अपने लिए इंडस्ट्री स्टेट देने जाने की पुरानी मांग दोहरा रहा है। वहीं स्टॉक मार्केट से जुड़ें लोगों की मांग है कि LTCG टैक्स ( लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स) हटाया जाना चाहिए।
उनका कहना है कि जब स्टॉक इन्वेस्टर्स पहले से ही सिक्योरिटी ट्रांजैक्शन (STT) का भुगतान कर रहे हैं तो ऐसे में LTCG टैक्स लगाने का क्या तर्क है। स्टॉक मार्केट जानकारों का कहना है कि भारत में ट्रांजैक्शन टैक्स काफी ज्यादा है। ऐसे में LTCG और STT से मार्केट सेटिमेंट पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।
LTCG और STT हटाने की मांग करते हुए Swastika Investmart के सुनिल न्याति का कहना है कि हमारा मानना है कि STT को पूरी तरह से हटा देना चाहिए या तो फिर इसमें थोड़ी कटौती करनी चाहिए क्योंकि शुरुआत में इसको LTCG की जगह लागू किया गया था लेकिन वर्तमान में LTCG और STT दोनों लागू है जो इंडियन स्टॉक मार्केट निवेशकों के नजरिए से सही नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि भारत में स्टॉक मार्केट की लोकप्रियता लगातार बढ़ रही है। ऐसे में उम्मीद है कि सरकार ऐसे नीतिगत कदम उठाएगी जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि भारतीय बाजार दूसरे उभरते बाजारों की तुलना में ज्यादा इन्वेस्टमेंट फ्रेंडली हो सके। LTCG और STT में कटौती इस दिशा में उठाया गया एक अच्छा कदम होगा।
इसी तरह IIFL Securities के अनुज गुप्ता का कहना है कि स्टॉक मार्केट में निवेश करने वालों को LTCG और STT के नाम पर दोहरे टैक्सेशन का शिकार होना पड़ता है। ये इन टैक्सों को चुकाने के बाद अगर किसी निवेशक को कुछ फायदा होता भी है तो यह उसकी आय में दूसरे स्रोत से होने वाली आय में जुड़ जाता है । जिसपर उसको फिर टैक्स चुकाना होता है। ऐसे में अगर कोई व्यक्ति स्टॉक मार्केट से पैसे कमाता है तो उसको भारत सरकार को 3 बार टैक्स चुकाना होता है। वित्त मंत्री को भारतीय स्टॉक मार्केट को इन्वेस्टर फ्रेंडली बनाने के लिए इन टैक्सों को हटाना चाहिए।
इसी तरह Profitmart Securities के अविनाश गोरक्षकर का कहना है कि LTCG टैक्स हटाने की मांग नई नहीं है। तमाम डेलीगेशनों और बाजार प्रतिनिधियों ने गर्वमेंट के सामने इस तरह की मांग रखी है लेकिन सरकार यह कहते हुए मानने से इनकार करती रही है कि LTCG और STT हटाने से सरकार को बड़ी राजस्व हानि होगी लेकिन सीतारमन को यह बात ध्यान में रखनी चाहिए कि इस तरह की ऊंची दर से स्टॉक मार्केट में बड़ी संख्या में लोग आने से हिचकिचाते हैं। अगर स्टॉक मार्केट में टैक्स की दर कम की जाती है तो निवेशकों की जेब में ज्यादा पैसे बचेंगे। जिससे इनकम टैक्स कलेक्शन में भी तेजी होगी।