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Budget 2022: वित्तमंत्री ने रियल एस्टेट ट्रांजेक्शन में TDS नियम में किया बदलाव, जानिए इसका क्या होगा असर

टीडीएस के नियम में बदलाव टैक्स चोरी रोकने में काफी कारगर होगा। इसकी वजह यह है कि अब ट्रांजेक्शन जमीन खरीदने और बेचने वाले (दोनों) के फॉर्म 26एएस में दिखाई देगा

MoneyControl Newsअपडेटेड Feb 02, 2022 पर 2:01 PM
Budget 2022: वित्तमंत्री ने रियल एस्टेट ट्रांजेक्शन में TDS नियम में किया बदलाव, जानिए इसका क्या होगा असर
नियम में बदलाव के बाद अगर ट्रांजेक्शन में स्टैंप ड्यूटी 50 लाख या इससे ज्यादा है, और ट्रांजेक्शन की वैल्यू भले ही 50 लाख से कम है तो 1 फीसदी टीडीएस का भुगतान करना होगा।

वित्त मंत्री निर्मला सीतामरण (Nirmala Sitharaman) ने बजट (Budget 2022) में नॉन-एग्रीकल्चरल लैंड के ट्रांजेक्शन से जुड़े टीडीएस के नियम में बदलाव किया है। इसके लिए इनकम टैक्स एक्ट, 1961 में संशोधन का प्रस्ताव है। यह बदलाव इस साल 1 अप्रैल यानी नए वित्त वर्ष से लागू हो जाएगा। आइए जानते हैं अभी क्या नियम है और बजट में इसमें क्या बदलाव किया गया है। हम यह भी जानेंगे कि इसका जमीन खरीदने या बेचने वाले व्यक्ति पर क्या असर होगा।

अभी 50 लाख रुपये से ज्यादा मूल्य की गैर-कृषि जमीन के ट्रांजेक्शन पर 1 फीसदी टीडीएस का नियम है। इस 1 फीसदी टीडीएस के लिए जमीन की कीमत को आधार माना जाता है। नए नियम के अनुसार अब सेल प्राइस (जमीन की कीमत) या स्टैंप ड्यूटी में से जो ज्यादा होगा, उसे टीडीएस के लिए आधार माना जाएगा। ध्यान रखना होगा कि टीडीएस का यह नियम सिर्फ 50 लाख रुपये से ज्यादा वैल्यू के ट्रांजेक्शन पर लागू होता है।

सरकार ने लैंड से जुड़े ट्रांजेक्शन में टैक्स की चोरी रोकने के लिए यह कदम उठाया है। अब जमीन खरीदने वाले व्यक्ति को विक्रेता को पेमेंट करते वक्त 1 फीसदी टीडीएस काटना होगा। एक्सपर्ट्स का कहना है कि टीडीएस के नियम में बदलाव टैक्स चोरी रोकने में काफी कारगर होगा। इसकी वजह यह है कि अब ट्रांजेक्शन जमीन खरीदने और बेचने वाले (दोनों) के फॉर्म 26एएस में दिखाई देगा। इसलिए इस ट्रांजेक्शन में किसी तरह का मिसमैच होने पर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट इसकी वजह पता लगाएगा।

नियम में बदलाव के बाद अगर ट्रांजेक्शन में स्टैंप ड्यूटी 50 लाख या इससे ज्यादा है, और ट्रांजेक्शन की वैल्यू भले ही 50 लाख से कम है तो 1 फीसदी टीडीएस का भुगतान करना होगा। अभी तक प्रॉपर्टी के ट्राजेक्शन के लिए खरीदार और विक्रेता के बीच उसकी कीमत निजी आधार पर तय कर दी जाती है। इसमें उसे 50 लाख रुपये से कम दिखाया जाता है। अब प्रॉपर्टी की वैल्यू और स्टैंप ड्यूटी की वैल्यू (दोनों) 50 लाख रुपये से कम होने पर ही टीडीएस नहीं काटना होगा।

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