साल 2020 में कोरोना की महामारी शुरू होने के बाद दुनियाभर में सरकारों की फिस्कल पॉलिसी (Fiscal Policy) और केंद्रीय बैंकों की मॉनेटरी पॉलिसी (Monetary Policy) में बड़ा बदलाव देखने को मिला। दरअसल, इकोनॉमिक ग्रोथ (Economic Growth) पर कोरोना के असर को कम करने करने के लिए अर्थव्यवस्था को सपोर्ट की जरूरत थी। इसलिए दुनिया की कई देशों की सरकारों और केंद्रीय बैंकों ने फिस्कल पॉलिसी और मॉनेटरी पॉलिसी में तालमेल दिखाया। सरकार को खर्च बढ़ाने में मदद करने के लिए केंद्रीय बैंकों ने बेंचमार्क रेट्स घटाए।
