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Budget 2022 : रियल एस्टेट सेक्टर को उम्मीद, टैक्स में मिले छूट तो बढ़ेगी डिमांड

रियल एस्टेट सेक्टर जहां 2022 में हाउसिंग डिमांड बढ़ने की उम्मीद कर रहा है, वहीं उसे भरोसा है कि आम बजट 2022 इसमें एक सहयोगी की भूमिका निभाएगा

अपडेटेड Jan 10, 2022 पर 12:56 PM
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महामारी के बीच रियल एस्टेट सेक्टर को बजट से काफी उम्मीदें हैं

Budget 2022 : रेजिडेंशियल सेक्टर कोरोना महामारी पैदा संकट के बीच दमदार वापसी की उम्मीद कर रहा है। देश के टॉप 8 शहरों में रेजिडेंशियल सेल्स बढ़कर लगभग कोविड से पहले के स्तरों पर पहुंच गई है। रियल एस्टेट सेक्टर (real estate sector) जहां 2022 में हाउसिंग डिमांड बढ़ने की उम्मीद कर रहा है, वहीं उसे भरोसा है कि आम बजट 2022 (Union Budget 2022) इसमें एक सहयोगी भूमिका निभाएगा। लाइवमिंट की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इंडस्ट्री को बजट 2022 से रियल एस्टेट सेक्टर को प्रोत्साहन देने के लिए करों में कुछ अहम छूट और कच्चे माल पर लगने वाले जीएसटी पर वेवर या कटौती की उम्मीद है।

टैक्स रिबेट में बढ़ोतरी की उम्मीद

गोयल गंगा ग्रुप के एमडी और नरेडको पुणे के प्रेसिडेंट डॉ. अतुल गोयल कहते हैं, “रियल एस्टेट सेक्टर महामारी को देखते हुए सेक्शन 24 के तहत 2 लाख रुपये की रिबेट में बढ़ोतरी के रूप में कुछ टैक्स रिलैक्सेशन की उम्मीद कर रहा है। प्रॉफिट मार्जिन पहले ही कम है और डेवलपर को समय के हुए नुकसान की भरपाई करनी है। कई साल से एक सिंगल विंडो क्लीयरैंस मैकेनिज्म की मांग की जा रही है। इसके अलावा, रियल एस्टेट सेक्टर को इंडस्ट्री का दर्जा देने का यह अच्छा समय है जिससे उसे फाइनेंसियल इंस्टीट्यूशंस से सस्ते कर्ज की सुविधाओं का लाभ मिल सके।”


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कोवर्किंग स्पेस के लिए कम हो टीडीएस डिडक्शन

अवंता इंडिया के नकुल माथुर कहते हैं, “नए बजट में, हम वित्त मंत्री से कोवर्किंग स्पेस पर टीडीएस डिडक्शन में कटौती करने का अनुरोध करेंगे, क्योंकि क्लाइंट से मिलने वाली ज्यादातर धनराशि सर्विसेस के लिए होती है। सबसे अच्छा तो यह होगा कि कोवर्किंग स्पेस को मौजूदा 10 फीसदी की जगह सर्विसेज की तरह 2 फीसदी टीडीएस स्लैब के दायरे में लाया जाए। इससे कोवर्किंग स्पेसेज को अपने कैशफ्लो के प्रबंधन में खासी मदद मिलेगी।”

इनकम टैक्स में मिले ज्यादा छूट

जीडीपी में 8 प्रतिशत के योगदान के साथ रियल एस्टेट भारतीय इकोनॉमी के अहम पिलर्स में से एक है। रिसोर्स स्पेशलिस्ट, एक्सपर्टाइज रियल एस्टेट सिद्धार्थ मौर्य ने कहा, “सरकार को सेक्टर की अहम भूमिका को मान्यता देनी चाहिए और रियल्टी डिमांड को मजबूती देने के पॉलिसी रिफॉर्म करने चाहिए। वर्तमान में होम लोन पर इंटरेस्ट के रूप में दिए गए 2 लाख रुपये तक इनकम टैक्स में छूट हासिल की जा सकती है। सेक्टर में डिमांड बढ़ाने के लिए इसमें बढ़ोतरी की जानी चाहिए।”

 

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