इस बार बजट में रेलवे के लिए कई बड़े ऐलान हो सकते हैं। इनमें मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट, वंदे भारत एक्सप्रेस का विस्तार और नए डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर्स (DFC) शामिल हैं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) 1 फरवरी को लोकसभा में यूनियन बजट (Union Budget 2022) पेश करेंगी। रेल बजट को यूनियन बजट का हिस्सा बना देने के बाद यह छठा बजट होगा। 2017 में रेल बजट को यूनियन बजट का हिस्सा बना दिया गया था।
अंतिम बार 25 फरवरी, 2016 को रेल बजट पेश किया गया था। तब सुरेश प्रभु रेल मंत्री थे। उसके बाद 2017 में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने यूनियन बजट में ही रेलवे के लिए आवंटन का प्रस्ताव पेश किया था। इसके साथ ही अलग रेल बजट पेश करने की 92 साल पुरानी परंपरा खत्म हो गई थी। दरअसल, 2015 में नीति आयोग की एक कमेटी ने अलग से रेलवे बजट पेश करने के प्रैक्टिस को बंद करने की सिफारिश की थी।
पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 2017 में रेलवे के लिए 1.3 लाख करोड़ रुपये का आवंटन किया था। यह इंडियन रेलवे के एतिहास में सबसे ज्यादा आवंटन था। तब वित्त मंत्री ने पैसेंजर सेफ्टी, कैपिटल और डेवलपमेंट वर्क्स, स्वच्छता के साथ फाइनेंस और अकाउंटिंग रिफॉर्मस को रेलवे की प्राथमिकता बताई थी। तब वित्त मंत्री ने रेलवे की सब्सिडियरी कंपनियों-आईआरसीटीसी, इरकॉन और आईआरएफसी की शेयर बाजार पर लिस्टिंग का भी प्रस्ताव पेश किया था। उन्होंने आईआरसीटीसी के जरिए टिकट बुकिंग पर सर्विस चार्ज बंद करने का भी ऐलान किया था।
साल 2018 में रेलवे के लिए आवंटन बढ़ाकर 1.48 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया। ट्रैक रिन्यूवल और उसके दोहरीकरण, 600 रेलवे स्टेशनों के डेवलपमेंट और गेज कनवर्जन को रेलवे ने अपनी प्राथमिकता बताई थी। वित्त मंत्री ने विश्व-स्तरीय ट्रेन चलाने का भी ऐलान किया था। इसके अलावा रेलवे स्टेशनों और ट्रेनों में वाईफाई और सीसीटीवी शुरू करने का भी ऐलान किया गया था।
साल 2019 के रेल बजट में आवंटन बढ़ाकर 1.6 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया। साथ ही रेलवे बोर्ड का आकार घटाने का भी ऐलान किया गया। सरकार ने इसके सदस्यों की संख्या 8 से घटाकर 5 करने का फैसला लिया। रेलवे से जुड़ी बिबेक देबरॉय कमेटी ने 2015 में रेलवे बोर्ड की रीस्ट्रक्चरिंग की सिफारिश की थी।
साल 2020 में वित्तमंत्री ने बजट में तेजस जैसी ट्रेनें चलाने का ऐलान किया। इसके लिए प्राइवेट कंपनियों को आंमत्रित किया गया। उन्होंने यह भी कहा था कि अगले तीन से चार साल में रेलवे 150 प्राइवेट ट्रेने चलाएगा। पिछले साल यूनियन बजट में सीतारमण ने रेलवे के कैपिटल एक्सपेंडिचर के लिए 1.07 लाख करोड़ रुपये आवंटित करने का प्रस्ताव किया था। ईस्ट कोस्ट, ईस्ट-वेस्ट और नॉर्थ-साउथ जैसे रूट के लिए नए डीएफसी कॉरिडोर बनाने का भी ऐलान किया गया था।