इस बार के बजट में रक्षा मंत्रालय को सबसे ज्यादा बजट एलोकेट किया गया है। रक्षा मंत्रालय को सबसे ज्यादा 5.94 लाख करोड़ रुपये का आवंटन प्राप्त हुआ है। पिछले साल के बजट में रक्षा मंत्रालय को 5.25 लाख करोड़ का आवंटन दिया गया था। हलांकि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा अपना बजट भाषण पूरा करने के बाद भारत इलेक्ट्रॉनिक्स, भारत डायनेमिक्स, हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स, पारस डिफेंस और बीईएमएल के शेयरों में 5-9 प्रतिशत की गिरावट आई। अपनी महत्वाकांक्षी आत्मनिर्भर भारत योजना के तहत, सरकार ने रक्षा उपकरणों में उपयोग किए जाने वाले महत्वपूर्ण भागों सहित कई वस्तुओं के आयात पर प्रतिबंध लगा दिया है। यानी अब इनका निर्माण भारत में हो रहा है।
बजट 2023 Key Highlights: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार यानी 1 फरवरी को बजट पेश किया। इस बार के टैक्स में हर एक सेक्टर को बैलेंस करनी की कोशिश की गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे अमृतकाल का पहला बजट बताया है। पीएम मोदी ने इसे विकसित भारत की नींव को मजबूत करने वाला बजट बताया है। वहीं विपक्ष ने इसे चुनावी और निल बटे सन्नाटा बजट बताया है। इस बार के बजट में सबसे बड़ी र
बजट 2023 Key Highlights: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार यानी 1 फरवरी को बजट पेश किया। इस बार के टैक्स में हर एक सेक्टर को बैलेंस करनी की कोशिश की गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे अमृतकाल का पहला बजट बताया है। पीएम मोदी ने इसे विकसित भारत की नींव को मजबूत करने वाला बजट बताया है। वहीं विपक्ष ने इसे चुनावी और निल बटे सन्नाटा बजट बताया है। इस बार के बजट में सबसे बड़ी राहत मिडिल क्लास को मिली है। नए टैक्स सिस्टम में अब 7 लाख सालाना इनकम वालों को कोई भी टैक्स नहीं देना होगा। वहीं टैक्स स्लैब में भी बदलाव देखने को मिला है। साथ ही सरकार ने किसान, गरीब वर्ग के लिए कई पहल की हैं। इसके अलावा इकोनॉमी के लिए कैपेक्स से जुड़ा ऐलान खासा अहम रहा है। सरकार ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए कैपेक्स टारगेट 33 फीसदी बढ़ाकर 10 लाख करोड़ रुपये कर दिया है, जो पिछले वित्त वर्ष के लिए 7.5 लाख करोड़ रुपये था।
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने बजट (Budget) को संतुलित रखने का बेहतरीन प्रयास किया है। इनकम टैक्स स्लैब (Income Tax Slab) में बदलाव के साथ टैक्स छूट भी बढ़ाया है। वैसे उम्मीद की जा रही थी कि 5 लाख रुपए तक की टैक्सेबल इनकम को सरकार टैक्स फ्री कर सकती है लेकिन वित्त मंत्री ने यह सीमा 2.5 लाख रुपए से बढ़ाकर 3 लाख रुपए कर दी। हालांकि नए टैक्स रिजीम में सरकार ने जरूर अच्छी छूट दी है। इसके तहत टैक्स रिबेट को बढ़ाकर 7 लाख रुपये कर दिया गया है यानी 7 लाख रुपये तक इनकम पर कोई टैक्स नहीं देना होगा। इसके अलावा बेसिक एग्जेम्प्शन लिमिट 3 लाख रुपए कर दी गई। अब छह की जगह पांच स्लैब होंगे। न्यू टैक्स रिजीम में 15.5 लाख इनकम तक पर 52500 का स्टैंडर्ड डिडक्शन। न्यू टैक्स रिजीम में सरचार्ज घटकर 25 फीसदी हुआ। इसके साथ ही न्यू टैक्स रिजीम डिफॉल्ट टैक्स रीजीम बन जाएगी।
इस बदलाव के साथ ही पर्सनल इनकम टैक्स के नई टैक्स रेट कुछ इस तरह होंगे-
0 से 3 लाख रुपये तक कोई टैक्स नहीं
3 से 6 लाख रुपये तक 5% टैक्स
6 से 9 लाख रुपये 10% टैक्स
9 से 12 लाख रुपये 15% टैक्स
12 से 15 लाख रुपये तक 20% टैक्सअभी तक के ऐलानों में उन्होंने मुख्य रूप से मुफ्त खाद्यान्न योजना को एक साल के लिए बढ़ाने का ऐलान किया। साथ ही सरकार ने किसान, गरीब वर्ग के लिए कई पहल की हैं। इसके अलावा इकोनॉमी के लिए कैपेक्स से जुड़ा ऐलान खासा अहम रहा है। सरकार ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए कैपेक्स टारगेट 33 फीसदी बढ़ाकर 10 लाख करोड़ रुपये कर दिया है, जो पिछले वित्त वर्ष के लिए 7.5 लाख करोड़ रुपये था। मिडिल क्लास के लिए क्या होगा? टैक्सपेयर्स को कोई सौगात मिलेगी या नहीं? गरीब, किसान और महिलाओं के लिए वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) के पिटारे से क्या निकलेगा? 2024 के आम चुनाव से पहले सरकार का जोर लोक लुभावन स्कीम्स पर रहेगा या वह इंडस्ट्रीज को सहारा देगी? क्या इंडस्ट्री को कोई राहत मिलेगी?
बजट पेश करने से पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार सुबह पहले राष्ट्रपति भवन पहुंच कर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की और बजट पेश करने की मंजूरी ली। इस दौरान उनके साथ केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री डॉ. भागवत किशनराव कराड, केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी और वित्त मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे।
आम बजट (Budget 2023) पेश होने में अब सिर्फ कुछ ही घंटे बाकी हैं। सुबह 11 बजे वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) का बजट भाषण शुरू हो जाएगा। इस बार आम बजट से देश के सभी वर्गों के लोगों को काफी उम्मीदें हैं। कहा जा रहा है कि इस बार सरकार 35 चीजों की कस्टम ड्यूटी में इजाफा हो सकता है। ऐसे में आने वाले समय कई चीजें महंगी हो जाएंगी।
सरकार इंपोर्ट घटाकर देश में इनके उत्पादन पर फोकस बढ़ाना चाहती है। वहीं लोकसभा चुनाव से पहले सरकार के लिए भी यह बजट बेहद अहम है। उम्मीद जताई जा रही है कि सरकार इस बार के बजट में सबको खुश करने की कोशिश में जुटी हुई है। चुनावी साल होने के चलते लोगों की उम्मीदें भी काफी ज्यादा बढ़ी है। देश की सबसे बड़ी जनसंख्या मिडिल क्लास को इस बजट से बड़ी आस टिकी हुई है।
वित्त मंत्री की क्या है चुनौती?
निर्मला सीतारमण के लिए सबसे बड़ी चुनौती पॉपुलिस्ट बजट लाने और वित्तीय संयम के जरिए फिस्कल डेफेसिट कम करने के बीच संतुलन बनाने का है। कुछ एक्सपर्ट्स का कहना है कि सरकार फिलहाल फिस्कल डेफेसिट कम करने पर फोकस करेगी। जबकि कुछ जानकारों का मानना है कि आम चुनावों को ध्यान में रखते हुए सरकार ग्रामीण इलाकों के लिए कुछ अच्छे फैसले ले सकती हैं। बजट की तमाम खबरों के लिए जुड़े रहिए मनीकंट्रोल हिंदी के साथ.
G20 अध्यक्ष होने के नाते भारत के बजट से ज्यादा उम्मीदें
सिर्फ देश ही नहीं बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी भारत के आम बजट पर सभी की निगाहें टिकी हुई हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि यूएस इंडिया स्ट्रेटेजिक एंड पार्टनरशिप फोरम (USISPF) ने मंगलवार को कहा कि भारत के इस साल के सालाना बजट को उसके आर्थिक नजरिए के अनुरूप विकासोन्मुखी होना चाहिए। USISPF के अध्यक्ष मुकेश अघी ने ये बात कही। अघी ने कहा कि G20 के अध्यक्ष के तौर पर भारत सबसे तेजी से विकास करती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। इसलिए वो आर्थिक आशा की एक किरण, है क्योंकि दूसरी G20 अर्थव्यवस्थाएं वैश्विक स्तर पर विपरीत परिस्थितियों का सामना कर रही हैं, तो ऐसे में भारत से उम्मीदें ज्यादा बढ़ जाती हैं।