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Budget 2023: कब पेश होगा Economic Survey, आप कहां देख सकते हैं इसकी लाइव स्ट्रीमिंग?

Economic Survey 2022-23: फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण 31 जनवरी यानी मंगलवार को संसद में Economic Survey पेश करेंगी। इसमें इस फाइनेंशियल ईयर में देश की आर्थिक स्थिति का आंकलन होगा। साथ ही अगले फाइनेंशियल ईयर की संभावनाओं का भी उल्लेख होगा

अपडेटेड Jan 30, 2023 पर 9:26 AM
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इंडिया में पहली बार 1950-51 में Economic Survey पेश किया गया था। साल 1964 तक इसे यूनियन बजट के साथ पेश करने की परंपरा थी।

Union Budget 2023: सरकार हर साल बजट से ठीक पहले इकोनॉमिक सर्वे (Economic Survey) पेश करती है। यह सर्वे 31 जनवरी (मंगलवार) को पेश होगा। इसमें इस फाइनेंशियल ईयर (2022-23) में इंडियन इकोनॉमी की स्थिति का आंकलन होगा। इकोनॉमिक सर्वे को सरकार के चीफ इकोनॉमिक एडवाइजर (CEA) की निगरानी में तैयार किया जाता है। अभी वी अनंत नागेश्वरन सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार (CEA) हैं। इकोनॉमिक सर्वे फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण संसद में पेश करेंगी। इसके बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस होगा, जिसमें वी अनंत नागेश्वरन मीडिया के सवालों के जवाब देंगे। इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में फाइनेंस मिनिस्ट्री के कुछ सीनियर अफसर भी मौजूद रहेंगे। प्रेस कॉन्फ्रेंस की लाइव स्ट्रीमिंग सोशल मीडिया हैंडल्स पर होगी। आप इसे PIB India के यूट्यूब चैनल पर भी देख सकते हैं।

सरकार की वेबसाइट से कर सकते हैं डाउनलोड

अगर आप इस सर्वे की रिपोर्ट के बारे में विस्तार से जानना चाहते हैं तो आप इसे सरकार की वेबसाइट से डाउनलोड कर सकते हैं। ‘www.indiabudget.gov.in/economicsurvey' पर आपको जाना होगा। लेकिन यह ध्यान रखना जरूरी है कि इकोनॉमिक सर्वे संसद में पेश होने के बाद ही यह वेबसाइट पर डाउनलोडिंग के लिए उपलब्ध होगा।


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इकोनॉमी की सेहत बताएगा यह सर्वे

इकोनॉमिक सर्वे में इस फाइनेंशियल ईयर में इकोनॉमी की सेहत की जानकारी के अलावा अगले फाइनेंशियल ईयर में इकोनॉमी की संभावित सेहत के बारे में भी विस्तार से उल्लेख होता है। सरकार अपने फिस्कल डेवलपमेंट के साथ ही मॉनेटरी मैनेजमेंट और एक्सटर्नल सेक्टर्स के बारे में भी बताती है। इसमें यह भी जानकारी होती है कि सरकार की पॉलिसी और प्रोग्राम के नतीजें क्या रहे हैं। उनका असर इकोनॉमी को कितना मिला है।

इकोनॉमिक सर्वे दो हिस्सों में होता है

इकोनॉमिक सर्वे के दो हिस्से-पार्ट ए और पार्ट बी होते हैं। इसमें जीडीपी ग्रोथ की संभावनाओं का भी उल्लेख होता है। यह भी बताया जाता है कि इनफ्लेशन को लेकर सरकार का क्या अनुमान है। फॉरेक्स रिजर्व यानी देश का विदेशी मुद्रा भंडार के बारे में भी बताया जाता है। खासकर ट्रेड डेफिसिट के आंकड़े काफी अहम होते हैं। पार्ट ए में देश की इकोनॉमी की स्थिति की समीक्षा होती है। पार्ट बी में खास टॉपिक्स जैसे सोशल सिक्योरिटी, गरीबी, शिक्षा, हेल्थकेयर, क्लाइमेंट और मानव विकास को लेकर सरकार की उपलब्धियों का जिक्र होता है।

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पहली बार 1950-51 पेश हुआ था इकोनॉमिक सर्वे

इंडिया में पहली बार 1950-51 में Economic Survey पेश किया गया था। साल 1964 तक इसे यूनियन बजट के साथ पेश करने की परंपरा थी। उसके बाद इसे बजट से अलग कर दिया गया। तब से इसे यूनियन बजट से पहले पेश किया जाता है। पिछले साल के इकोनॉमिक सर्वे में इकोनॉमिक ग्रोथ इस फाइनेंशियल ईयर में 8-8.5 फीसदी रहने का अनुमान जताया गया था।

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