बजट 2023: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने आज अगले वित्त वर्ष 2023-24 का बजट पेश किया। इसमें उन्होंने अर्थव्यस्था को ग्रीन करने यानी कि प्रदूषणमुक्त करने के लिए पुरानी खटारा गाड़ियों को हटाने को जरूरी बताया। दो साल पहले 2021 में Budget में इससे जुड़ी व्हीकल स्क्रैपिंग पॉलिसी (Vehicle Scrapping Policy) का ऐलान हुआ था और वित्त मंत्री ने आज कहा कि केंद्र सरकार ने इस नीति के तहत पर्याप्त फंड आवंटित कर दिए हैं। वित्त मंत्री ने आगे कहा कि राज्यों को पुरानी गाड़ियों और एंबुलेंस को बदलने में मदद की जाएगी।
क्या है Vehicle Scrapping Policy
सड़कों पर पुरानी गाड़ियां दौड़ रही हैं जिनसे भारी मात्रा में प्रदूषक तत्व निकलता है जिससे वातावरण को नुकसान पहुंचता है। ऐसे में सरकार ने पुरानी गाड़ियों को हटाने के लिए इस पॉलिसी के जरिए प्रोत्साहित करने की कोशिश की। इसके तहत राज्यो को सलाह दी गई कि अगर पुरानी गाड़ी को स्क्रैप करते हैं तो प्राइवेट गाड़ियों के लिए 25 फीसदी और कॉमर्शियल गाड़ियों के लिए 15 फीसदी तक की रोड टैक्स में छूट प्रदान करें। वहीं स्क्रैपिंग सर्टिफिकेट से गाड़ी कंपनियां भी नई गाड़ी की खरीद पर 5 फीसदी की छूट देंगी और रजिस्ट्रेशन शुल्क माफ कर दिया जाएगा। जब इस योजना का बजट में ऐलान किया गया था तो इसके तहत पर्सनल गाड़ियों का 20 साल के बाद और कॉमर्शियल गाड़ियों का 15 साल के बाद फिटनेस टेस्ट करने का प्रावधान था।
सरकार मजबूती से बढ़ चुकी है इस दिशा में आगे
पिछले साल नवंबर में में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा था कि 15 साल से अधिक पुरानी सरकारी गाड़ियों को एक अप्रैल 2023 से सड़कों से हटा दिया जाएगा और उनकी जगह नई गाड़ियों और बसों को उतारा जाएगा। इससे पहले उन्होंने कहा था कि देश के हर जिले में कम से कम तीन रजिस्टर्ड व्हीकल स्क्रैपिंग सेंटर खोलने की योजना है।