Union Budget 2023- यूनियन बजट 2023 आने में अब कुछ ही दिन रह गए हैं। ऐसे में अब उम्मीद है कि पर्सनल टैक्स के नियमों में कुछ राहत मिल सकती है। इनकम टैक्स एक्ट 1961 के तहत व्यक्तिगत करदाताओं को कई डिडक्शन (छूट) प्राप्त होती है। हालांकि इन डिडक्शन की वर्तमान लिमिट हाल के दिनों में जीवनयापन की लागत में आई बढ़ोतरी की तुलना में काफी कम है। ऐसे में उम्मीद है कि सरकार कुछ डिडक्शन/ छूट की लिमिट में बढ़त पर विचार कर सकती है।
स्टैंडर्ड डिडक्शन - यूनियन बजट 2018 में 40,000 रुपये के स्टैंडर्ड डिडक्शन का प्रस्ताव पेश करते हुए फाइनेंस मिनिस्टर ने कहा था कि व्यक्तिगत आयकर की वसूली में सबसे बड़ी हिस्सेदारी वेतनभोगी वर्ग की होती है। इसके बाद बजट 2019 में स्टैंडर्ड डिडक्शन की लिमिट को बढ़ाकर 50000 कर दिया गया था । हालांकि नवंबर 2022 में खुदरा महंगाई दर थोड़ी कम होकर 7.9 फीसदी पर आई है वहीं सितंबर 2022 में यह 7.4 फीसदी पर थी। ध्यान देने की बात यह है कि सितंबर 2019 में खुदरा महंगाई की दर 4 फीसदी पर थी। ऐसे में जीवनयापन की लागत बढ़ने के साथ ही वेतनभोगी कर दाताओं को स्टैंडर्ड डिडक्शन की लिमिट में बढ़त के तौर पर राहत मिलने की उम्मीद है।
80C: यह एक ऐसा तरीका जिससे घरेलू बचत को प्रोत्साहित करने की कोशिश की जाती है। इसके तहत लाइफ इंश्योरेंस, प्रॉविडेंड फंड, दूसरे सेविंग इस्ट्रूमेंट, हाउसिंग लोन के भुगतान आदि पर आयकर के एक्ट 80 सी के तहत 1.5 लाख रुपये तक का छूट मिलता है। इस लिमिट का अधिकांश हिस्सा पीएफ के कॉन्ट्रिब्यूशन, हाउसिंग लोन के प्रिसिंपल अमाउंट के रिपेमेंट में इस्तेमाल हो जाता है। ऐसे में इस लिमिट को बढ़ाकर 2.5 लाख तक किए जाने की संभावना नजर आ रही है।
80CCD- यह डिडक्शन केंद्र सरकार के नेशनल पेंशन सिस्टम जैसे पेशन स्कीमों में किए जाने वाले योगदान पर लागू होता है। इसकी लिमिट भी 150000 रुपये है। इस बजट में बजट 2023 में इस डिडक्शन की लिमिट में बढ़त पर उम्मीद नजर आ रही है।
80D: आयकर कानून के एक्ट 80D के तहत कोई व्यक्तिगत करदाता अपने और अपने परिवार के जीवनबीमा के लिए चुकाए गए प्रीमियम पर 25000 रुपये और अपने माता-पिता के बीमा पर चुकाए गए प्रीमियम पर 25000 के डिडक्शन का क्लेम कर सकता है। इसके अलावा भारत में रहने वाले सीनियर सिटीजन के मेडिकल खर्च पर होने वाले डिडक्शन की लिमिट 50000 रुपये है। बता दें कि पिछले कुछ सालों के दौरान ग्लोबल पेनडेमिक के कारण मेडिकल खर्च में बढ़ोतरी हुई है जिसकी वजह से हायर कवरेज के साथ हायर प्रीमियम वाले हेल्थ इंश्योरेंस की जरूरत बढ़ी है। ऐसे में अगर आगामी बजट में वित्त मंत्री इन डिडक्शन में बढ़ोतरी करती है तो आम लोगों को काफी राहत मिलेगी।
इसके अलावा इस बजट में वित्त मंत्री से उम्मीद है कि वे चिल्ड्रन एजुकेशन अलाउंस और सेल्फ ऑक्यूपाइड हाउस प्रॉपर्टी जैसे मदों पर मिलने वाले डिडक्शन में बढ़ोतरी करेंगी। अगर ऐसा होता है तो आम लोगों को बड़ी राहत मिलेगी।