Credit Cards

Budget 2023: टैक्सपेयर्स को मिलेगी बड़ी सौगात, बेसिक टैक्स छूट की लिमिट बढ़ाने सहित ये ऐलान करेंगी वित्तमंत्री

बजट 2023: हाल में वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि उन्हें मिडिल क्लास लोगों को पेश आने वाली मुश्किलों का अहसास है। इससे टैक्सपेयर्स खासकर मिडिल क्लास टैक्सपेयर्स की उम्मीद काफी बढ़ी है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि वित्त मंत्री बेसिक एग्जेम्प्शन लिमिट बढ़ाने सहित कई बड़े ऐलान कर सकती हैं

अपडेटेड Jan 18, 2023 पर 12:59 PM
Story continues below Advertisement
बजट 2023: केंद्र में नरेंद्र मोदी की सरकार बनने के बाद बजट 2014 में 60 साल तक के उम्र के व्यक्ति के लिए बेसिक एग्जेम्प्शन लिमिट बढ़ाकर 2.5 लाख रुपये की गई थी। उसके बाद सरकार ने इसमें कोई बदलाव नहीं किया है।

Union Budget 2023: यूनियन बजट 2023 (Budget 2023) में टैक्सपेयर्स खासकर मध्यम वर्ग के लोगों को बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है। हाल में फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने कहा था कि उन्हें मध्यम वर्ग के लोगों को पेश आने वाली चुनौतियों का अहसास है। इससे टैक्सपेयर्स की उम्मीद बढ़ी है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि यह बजट अगले साल लोकसभा चुनावों से पहले मोदी सरकार का आखिरी पूर्ण बजट होगा। इसलिए वित्त मंत्री मध्यम वर्ग के लोगों के टैक्स के मामले में राहते देने के उपाय कर सकती हैं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को यूनियन बजट पेश करेंगी।

लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस की लिमिट में इजाफा

अभी अगर किसी इनवेस्टर को शेयरों या इक्विटी म्यूचुअल फंड्स से एक फाइनेंशियल ईयर में एक लाख रुपये से कम मुनाफा होता है तो उसे कोई टैक्स नहीं चुकाना पड़ता है। एक लाख रुपये से ऊपर के प्रॉफिट पर उसे 10 फीसदी टैक्स चुकाना होता है। टैक्स एक्सपर्ट्स का कहना है कि यह लिमिट बहुत कम है। इनफ्लेशन, बढ़ती इनकम को ध्यान में रखते हुए इसे बढ़ाकर 2.5 लाख रुपये करने की जरूरत है। इससे शेयरों और इक्विटी म्यूचुअल फंड्स की स्कीमों में इनवेस्टर्स की दिलचस्पी भी बढ़ेगी।

यह भी पढ़ें : बजट 2023 : क्या यूनियन बजट 2023 के बाद शेयर बाजार में आएगी बड़ी तेजी?" href="https://hindi.moneycontrol.com/news/business/budget/budget-2023-will-there-be-a-big-rally-in-share-market-1006961.html">बजट 2023 : क्या यूनियन बजट 2023 के बाद शेयर बाजार में आएगी बड़ी तेजी?


बेसिक एग्जेम्प्शन और 80सी की लिमिट बढ़ाई जाए

केंद्र में नरेंद्र मोदी की सरकार बनने के बाद बजट 2014 में 60 साल तक के उम्र के व्यक्ति के लिए बेसिक एग्जेम्प्शन लिमिट बढ़ाकर 2.5 लाख रुपये की गई थी। उसके बाद सरकार ने इसमें कोई बदलाव नहीं किया है, जबकि इनफ्लेशन की वजह से लोगों की रियल इनकम पर काफी असर पड़ा है। इसलिए सरकार को यूनियन बजट 2023 में इसे बढ़ाने की जरूरत है।

इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80सी की लिमिट भी तब से 1.5 लाख रुपये बनी हुई है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि मिडिल क्लास लोगों को राहत देने के लिए इस लिमिट को बढ़ाने की जरूरत है। इसके अलावा इलाज के खर्च पर भी टैक्स डिडक्शन का लाभ भी सभी तरह के टैक्सपेयर्स को देने की जरूरत है।

बजट 2023 आने में बाकी हैं सिर्फ कुछ दिन, इसकी खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

फिर से कंपनियां अपने एंप्लॉयीज को नौकरी से निकाल रही हैं। खासकर टेक्नोलॉजी सेक्टर में ऐसा देखने को मिल रहा है। ऐसे में युवा टैक्सपेयर्स को स्टैंडर्ड डिडक्शन बढ़ने की उम्मीद है। अभी स्टैंडर्ड डिडक्शन एक फाइनेंशियल ईयर में 50,000 रुपये है। इसे बढ़ाए जाने की जरूरत है। युवा टैक्सपेयर्स सरकार से टैक्स रेट्स में कमी की भी उम्मीद कर रहा है।

डेट में निवेश पर कैपिटल गेंस से राहत

इनवेस्टर्स का कहना है कि सरकार को डेट में निवेश से कैपिटल गेंस पर टैक्स के रेट्स में कमी करनी चाहिए। डेट फंड्स में लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस पर अभी 20 फीसदी टैक्स लगता है। शॉर्ट टर्म कैपिटल गेंस पर टैक्स इनवेस्टर्स के टैक्स स्लैब के हिसाब से लगता है। वित्त मंत्री यूनियन बजट 2023 में डेट में निवेश के कैपिटल गेंस टैक्स के रेट्स में कमी का ऐलान कर सकती हैं।

पेंशन इनकम को टैक्स-फ्री किया जाए

लंबे समय से पेंशन इनकम को टैक्स-फ्री करने की मांग हो रही है। लाइफ इंश्योरेंस कंपनियों और PFRDA का भी मानना है कि पेंशन इनकम को इनकम टैक्स के दायरे से बाहर करने से बड़ी संख्या में लोगों को फायदा होगा। अभी रिटायर्ड लोगों की पेंशन इनकम और एन्युटी पर टैक्स लगता है। नेशनल पेंशन स्कीम और लाइफ इंश्योरेंस की पेंशन पॉलिसी के जरिए खरीदी गई एन्युटी इनकम टैक्स के दायरे में आती है।

हिंदी में शेयर बाजार स्टॉक मार्केट न्यूज़,  बिजनेस न्यूज़,  पर्सनल फाइनेंस और अन्य देश से जुड़ी खबरें सबसे पहले मनीकंट्रोल हिंदी पर पढ़ें. डेली मार्केट अपडेट के लिए Moneycontrol App  डाउनलोड करें।