Union Budget 2023: कोविड के बाद भारतीय अर्थव्यवस्था पटरी पर आने लगी थी लेकिन अब बढ़ती महंगाई और विश्व स्तर पर बड़े देशों की इकोनॉमी में स्लोडाउन के खबरों ने लोगों को अलर्ट कर दिया है। मल्टीनेशनल कंपनियों के साथ अब घरेलू कंपनियां भी छंटनी कर रही है। यही नहीं बीते सालों में सरकार ने इनकम टैक्स और सेविंग को लेकर बजट में कोई बड़ा ऐलान भी नहीं किया है। इस बार आम नौकरीपेशा और टैक्सपेयर्स बजट से बड़ी उम्मीदें लगाकर बैठा है। बजट 2023 मोदी सरकार का आखिरी पूर्ण बजट होगा क्योंकि उसके बाद साल 2024 में लोकसभा के चुनाव होने हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि आम जनता को लुभाने के लिए सरकार लोकलुभावन बजट ला सकती है। यूनियन बजट 2023 (Union Budget - 2023) में नौकरीपेशा और मिडिल क्लास टैक्सपेयर्स को सरकार PPF के निवेश में और राहत दे सकती है।
बजट 2023: PPF पर मिलेगी छूट
ज्यादातर एक्सपर्ट का मानना है कि सरकार आम लोगों को बजट में कई राहतें दे सकती है। 1 फरवरी 2023 को बजट पेश होने वाला हैं। इसमें करीब 10 दिन बचे हैं। आम टैक्सपेयर्स के लिए इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (ICAI) की तरफ से कई सिफारिशें भेजी गई हैं। भेजी गई सिफारिशों में पीपीएफ (PPF) की सालाना लिमिट को डेढ़ लाख रुपये से बढ़ाकर 3 लाख रुपये करने की सिफारिश की गई है। नौकरीपेशा, मिडिल क्लास और बिजनेसमैन PPF में ज्यादा पैसा लगाते हैं। अगर सरकार बजट में पीपीए की लिमिट बढ़ाने की घोषणा करती है तो इससे नौकरीपेशा लोगों को निवेश का मौका अधिक मिलेगा और वह अपने लिए बड़ा फंड भी खड़ा कर पाएंगे।
बजट 2023: PPF की लिमिट बढ़ाने की जरूरत
ICAI की तरफ से भेजे गए सुझावों में कहा गया कि PPF में निवेश की लिमिट बढ़ाए जाने की जरूरत है क्योंकि प्राइवेट सेक्टर से जुड़े नौकरीपेशा लोगों के लिए यह निवेश का सबसे सुरक्षित तरीका है। साथ ही टैक्स बचाने का सही तरीका भी है। पीपीएफ पर मिलने वाले ब्याज पर भी टैक्स नहीं लगता है।
बजट 2023: इश्योरेंस पर मिले अलग छूट
ICAI ने कहा है कि सरकार को बजट में हाउस इंश्योरेंस, ट्रैवल इंश्योरेंस, पर्सनल एक्सीडेंट इंश्योरेंस आदि के प्रीमियम पर अलग टैक्स छूट देन की जरूरी है। इन्हें 80सी से बाहर रखा जाना चाहिए। पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) भारत में पैसा बचाने और निवेश करने का एक तरीका है। इसमें लंबे समय यानी न्यूतनम 15 साल के लिए निवेश किया जाता है। यह रिटायरमेंट के बाद निवेशकों को एक बड़ा फंड बनाकर देने का काम करता है। पीपीएफ में अभी एक साल में अधिकतम 1.50 लाख रुपये निवेश कर सकते हैं। सरकार इस पर ब्याज तय करती है। पीपएफ किसी भी बैंक और पोस्ट ऑफिस में खुलवाया जा सकता है।