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Budget 2023: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बजट से स्टॉक मार्केट्स को क्या-क्या उम्मीदें हैं?

स्टॉक ब्रोकर्स का प्रतिनिधित्व करने वाली संस्था एसोसिएशन ऑफ नेशनल एक्सचेंजेज मेंबर्स ऑफ इंडिया (ANMI) ने फाइनेंस मिनिस्ट्री को अपनी उम्मीदों के बारे में बताया है

अपडेटेड Nov 30, 2022 पर 8:21 AM
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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अगले साल 1 फरवरी को यूनियन बजट पेश करेंगी।

Budget 2023: वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण के यूनियन बजट (Budget 2023) से स्टॉक मार्केट और निवेशकों को बहुत उम्मीदें हैं। स्टॉक ब्रोकर्स का प्रतिनिधित्व करने वाली संस्था एसोसिएशन ऑफ नेशनल एक्सचेंजेज मेंबर्स ऑफ इंडिया (ANMI) ने फाइनेंस मिनिस्ट्री को अपनी उम्मीदों के बारे में बताया है। एसोसिएशन ने कहा है कि सिक्योरिटीज ट्रांजेक्शन टैक्स (STT) और कमोडिटीज ट्रांजेक्शन टैक्स (CTT) में फिर से रिबेट दी जानी चाहिए। इससे मार्केट में वाल्यूम और पार्टिसिपेशन बढ़ेगा। उसने कहा है कि इंडिया अकेला देश है, जहां डेरिवेटिव और कमोडिटीज सेगमेंट्स में एसटीटी और सीटीटी लगता है। ANMI ने सीबीडीटी चेयरमैन नितिन गुप्ता को अपना प्रस्ताव सौंपा है। इसमें शॉर्ट टर्म कैपिटल गेंस (STCG) में 1 लाख रुपये तक की टैक्स छूट की भी मांग की गई है। ऐसा होने से इनवेस्टर्स को काफी राहत मिलेगी।

ANMI ने कहा है, "चूंकि इस एसटीसीजी को एसटीटी चुकाने के बाद भी देना पड़ता है, जिससे एसटीसीजी में एक लाख रुपये तक की टैक्स छूट मिलनी चाहिए। इससे मार्केट में पार्टिसिपेशन बढ़ेगा और निवेश को प्रोत्साहन मिलेगा।" अभी शेयरों पर एसटीसीजी 15 फीसदी है। लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस (LTCG) की तरह इसमें किसी तरह की टैक्स छूट नहीं मिलती है। अलग से एसटीटी भी लगता है।

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एसोसिएशन ने सेक्शन 88E के तहत रिबेट को भी दोबारा शुरू करने की मांग की है। उसने कहा है कि दोबारा इस सेक्शन को लागू करने से मार्केट में वॉल्यूम बढ़ेगा, जिससे एसटीटी और सीटीटी के जरिए सरकार की इनकम बढ़ेगी। एसटीटी स्टॉक एक्सचेंजों में लिस्टेड सिक्योरिटी की खरीद और बिक्री पर लगता है। स्टॉक मार्केट में शेयरों को खरीदने और बेचने पर इनवेस्टर को एसटीटी चुकाना पड़ता है। इंट्रा-डे ट्रेडिंग और डिलीवरी के सौदों के लिए एसटीटी के रेट अलग-अलग हैं। इंट्रा-डे में शेयर बेचने पर इसका रेट 0.025 फीसदी है। डिलीवरी में शेयर खरीदने और बेचने पर इसका रेट 0.1 फीसदी है।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को यूनियन बजट पेश करेंगी। यह बजट ऐसे वक्त पेश होने जा रहा है, जब ग्लोबल इकोनॉमी मुश्किल में है। इधर, इंडियन इकोनॉमी की सेहत बेहतर है। ऐसे में इस बजट में ग्रोथ बढ़ाने वाले उपाय किए जा सकते हैं। साथ ही शेयर मार्केट्स को देशी और विदेशी इनवेस्टर्स के लिए और अट्रैक्टिव बनाया जा सकता है। विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) के लिए इंडियन मार्केट्स लंबे समय से पसंदीदा मार्केट रहा है।

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