Budget 2024-25 : क्या बजट 2024 में बेसिक टैक्स एग्जेम्प्शन लिमिट बढ़नी चाहिए?

Budget 2024-25 : टैक्सपेयर्स इनकम टैक्स के मामले में राहत मिलने की उम्मीद कर रहे हैं। इसकी वजह यह है कि महंगाई ने लोगों की जिंदगी मुश्किल कर दी है। रिटेल इनफ्लेशन नवंबर में बढ़ा है। यह अक्टूबर के 4.87 फीसदी से बढ़कर नवंबर में 5.55 फीसदी पर पहुंच गया

अपडेटेड Jan 03, 2024 पर 12:04 PM
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BUDGET 2024-25 : वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने पिछले साल यूनियन बजट में नई टैक्स रीजीम में टैक्स स्लैब्स और रेट्स में बदलाव किए थे। उन्होंने नई टैक्स रीजीम में भी 50,000 रुपये स्टैंडर्ड डिडक्शन का ऐलान किया था।

Budget 2024-25 : वित्तमंत्री Nirmala Sitharaman 1 फरवरी को यूनियन बजट (Union Budget 2024) पेश करेंगी। यह अंतरिम बजट होगा। इसके बावजूद टैक्सपेयर्स को इस बजट से काफी उम्मीदें हैं। खासकर वे इनकम टैक्स के मामले में राहत मिलने की उम्मीद कर रहे हैं। इसकी वजह यह है कि महंगाई ने लोगों की जिंदगी मुश्किल कर दी है। रिटेल इनफ्लेशन नवंबर में बढ़ा है। यह अक्टूबर के 4.87 फीसदी से बढ़कर नवंबर में 5.55 फीसदी पर पहुंच गया। इनकम टैक्स की नई टैक्स रीजीम में टैक्स रेट्स कम हैं। सरकार ने पिछले साल बजट में इसे अट्रैक्टिव बनाने के लिए कई बड़े ऐलान किए थे। 2020 में इसकी शुरुआत हुई थी। उसके बाद पहली बार इसमें बड़े बदलाव देखने को मिले थे। उसके बाद से इसमें टैक्सपेयर्स की दिलचस्पी देखने को मिली है। मनीकंट्रोल ने यूनियन बजट 2024 से टैक्स एक्सपर्ट्स की उम्मीदें जानने की कोशिश की।

दोनों इनकम टैक्स रीजीम में बेसिक एग्जेम्प्शन लिमिट बढ़नी चाहिए

टैक्स एक्सपर्ट्स का कहना है कि सरकार को इनकम टैक्स की नई और पुरानी दोनों ही रीजीम में बेसिक एग्जेम्प्शन लिमिट बढ़ानी चाहिए। इनफ्लेशन को देखते हुए इसमें बदलाव करने की जरूरत है। मुंबई के चार्टर्ड अकाउंटेंट चिराग चौहान ने कहा, "इनफ्लेशन को देखते हुए नई और पुरानी टैक्स रीजीम में बेसिक एग्जेम्प्शन लिमिट 50,000 रुपये बढ़नी चाहिए। सरकार ने बजट 2023 में न्यू टैक्स रीजीम में कई बदलाव के ऐलान किए थे। मेरा मानना है कि इस बजट में भी सरकार को टैक्सपेयर्स को राहत देनी चाहिए।"


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दोनों इनकम टैक्स रीजीम में एग्जेम्प्शन लिमिट बढ़ने से टैक्सपेयर्स को फायदा

अभी इनकम टैक्स की ओल्ड रीजीम में सालाना 5 लाख रुपये तक की इनकम पर टैक्स रिबेट मिलता है। नई रीजीम में सालाना 7 लाख रुपये की इनकम पर रिबेट मिलता है। इससे पुरानी में सालाना 5 लाख और नई में सालाना 7 लाख रुपये इनकम वाले टैक्सपेयर्स की टैक्स लायबिलिटी जीरो हो जाती है। अगर सरकार बेसिक एग्जेम्प्शन लिमिट बढ़ाती है तो सभी स्लैब में टैक्स लायबिलिटी में कमी आएगी।

इनकम टैक्स की पुरानी रीजीम में बदलाव की उम्मीद कम

कुछ एक्सपर्ट्स का कहना है कि इनकम टैक्स की ओल्ड रीजीम में बदलाव होने की कम ही उम्मीद है। इसकी वजह यह है कि सरकार नई टैक्स रीजीम पर फोकस करना चाहती है। मुंबई की चार्टर्ड अकाउंटेंसी फर्म Hasmukh Shah & Co के सीनियर पार्टनर भवेश शाह ने कहा, "मेरा मानना है कि सरकार ओल्ड टैक्स रीजीम में बदलाव नहीं करेगी। इसकी वजह यह है कि सरकार ज्यादा से ज्यादा टैक्सपेयर्स को नई रीजीम की तरफ आकर्षित करना चाहती है।" उन्होंने कहा कि उन्हें इनकम टैक्स स्लैब्स में भी यूनियन बजट 2024 में किसी तरह के बदलाव होने की उम्मीद नहीं है।

बजट 2023 में इनकम टैक्स की नई रीजीम में हुए थे कई बदलाव

वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने पिछले साल यूनियन बजट में नई टैक्स रीजीम में टैक्स स्लैब्स और रेट्स में बदलाव किए थे। उन्होंने नई टैक्स रीजीम में भी 50,000 रुपये स्टैंडर्ड डिडक्शन का ऐलान किया था। यह नौकरी करने वाले लोगों के साथ पेंशनर्स के लिए था। टैक्स रिबेट के लिए इनकम की सीमा बढ़ाकर सालाना 7 फीसदी कर दी गई थी। इससे कई टैक्सपेयर्स ने नई टैक्स रीजीम का इस्तेमाल करना शुरू किया था। नई टैक्स रीजीम में डिडक्शन और एग्जेम्प्शन का फायदा नहीं मिलता है। लेकिन, इसमें टैक्स के रेट्स कम हैं।

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First Published: Jan 03, 2024 10:43 AM

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