Budget 2024 : फिस्कल डेफिसिट नवंबर में FY24 के टारगेट के 50% तक पहुंचा

Budget 2024 : इस वित्त वर्ष में नवंबर तक सरकार को 17.4 लाख करोड़ रुपये मिले। यह पूरे वित्त वर्ष के बजट अनुमान का 64.3 फीसदी है। इसमें 14.35 लाख करोड़ रुपये का टैक्स रेवेन्यू शामिल है। 2.84 लाख करोड़ रुपये नॉन-टैक्स रेवेन्यू से आए। 25,463 करोड़ रुपये नॉन-टैक्स रेवेन्यू से आए। इसमें लोन की रिकवरी और दूसरे कैपिटल रिसीट शामिल हैं

अपडेटेड Jan 02, 2024 पर 5:50 PM
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Budget 2024: वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को अपने बजट भाषण में अगले वित्त वर्ष के फिस्कल डेफिसिट के टारगेट के बारे में बताएंगी। एक्सपर्ट्स की नजरें इस पर होंगी। यह देखना दिलचस्प होगा कि चुनावी साल में सरकार अपने खर्च को नियंत्रण में रखने के उपाय करेगी या फिस्कल डेफिसिट को बढ़ने देगी।

Budget 2024: सरकार का फिस्कल डेफिसिट नवंबर 2023 में पूरे वित्त वर्ष के टारगेट के 50 फीसदी तक पहुच गया। कंट्रोलर जनरल ऑफ अकाउंट्स (CAG) ने 29 दिसंबर को ये आंकड़े जारी किए है। कैग के डेटा से पता चला है कि अप्रैल से नवंबर के दौरान सरकार का फिस्कल डेफिसिट 9.06 लाख करोड़ रुपये पहुंच गया। फिस्कल डेफिसिट का मतलब सरकार के रेवेन्यू और एक्सपेंडिचर के बीच के अंतर से है। वित्त वर्ष 2022-23 की इसी अवधि में सरकार का फिस्कल डेफिसिट बजट में तय टारगेट का 58.9 फीसदी था। इस वित्त वर्ष में सरकार ने फिस्कल डेफिसिट जीडीपी का 5.9 फीसदी रहने का अनुमान रखा है। इसका ऐलान वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी, 2023 को पेश यूनियन बजट में किया था।

नवंबर तक आए 17 लाख करोड़

इस वित्त वर्ष में नवंबर तक सरकार को 17.4 लाख करोड़ रुपये मिले। यह पूरे वित्त वर्ष के बजट अनुमान का 64.3 फीसदी है। इसमें 14.35 लाख करोड़ रुपये का टैक्स रेवेन्यू शामिल है। 2.84 लाख करोड़ रुपये नॉन-टैक्स रेवेन्यू से आए। 25,463 करोड़ रुपये नॉन-टैक्स रेवेन्यू से आए। इसमें लोन की रिकवरी और दूसरे कैपिटल रिसीट शामिल हैं। CAG के डेटा से पता चला है कि अप्रैल-नवंबर 2-23 के दौरान केंद्र सरकार का कुल खर्च 26.52 लाख करोड़ रुपये रहा। इसमें से 20.66 लाख करोड़ रेवेन्यू अकाउंट को एलोकेट किया गया, जबकि 5.85 लाख करोड़ रुपये कैपिटल अकाउंट को एलोकेट किए गए।


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फिस्कल डेफिसिट में कमी करने का दबाव

सरकार को वित्त वर्ष 2025-26 तक अपने फिस्कल डेफिसिट को 4.5 फीसदी पर लाना है। इसके लिए सरकार को अपने खर्च को नियंत्रण में रखना होगा। एक्सपर्ट्स का कहना है कि सरकार अगले वित्त वर्ष के लिए फिस्कल डेफिसिट का कम लक्ष्य तय कर सकती है। इसके लिए सरकार सब्सिडी पर अपने खर्च में कमी कर सकती है। लेकिन, लोकसभा चुनावों को देखते हुए सरकार के लिए ऐसा करना मुश्किल होगा। इस साल अप्रैल-मई में लोकसभा चुनाव होने वाले हैं। ऐसे में सरकार वेल्फेयर स्कीम, फूड सब्सिडी और फर्टिलाइजर्स सब्सिडी में कमी करना नहीं चाहेगी।

अगले वित्त वर्ष के फिस्कल डेफिसिट टारगेट पर नजर

वित्तमंत्री Nirmala Sitharaman 1 फरवरी को अपने बजट (Union Budget 2024) भाषण में अगले वित्त वर्ष के फिस्कल डेफिसिट के टारगेट के बारे में बताएंगी। एक्सपर्ट्स की नजरें इस पर होंगी। यह देखना दिलचस्प होगा कि चुनावी साल में सरकार अपने खर्च को नियंत्रण में रखने के उपाय करेगी या फिस्कल डेफिसिट को बढ़ने देगी।

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First Published: Jan 02, 2024 5:46 PM

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