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Budget 2024-25: बजट में सैलरी वालों को मिल सकते हैं ये 6 तोहफे, इनकम टैक्स नियमों में होगा बदलाव

Budget 2024-25: सरकार ने वित्त वर्ष 2020 के बजट में नई टैक्स रिजीम को लागू किया था। यह टैक्स रिजीम उन लोगों के फायदेमंद थी, जो विभिन्न तरीके के निवेश या इंश्योरेंस पर टैक्स में छूट का दावा नहीं करते हैं। वहीं पुरानी टैक्स रिजीम में आखिरी बार बदलाव 2014-15 में किया गया था। इस बार माना जा रहा है कि सरकार दोनों तरह के टैक्स रिजीम के लिए इनकम टैक्स से छूट की न्यूनतम सीमा को बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर सकती है

अपडेटेड Jul 22, 2024 पर 11:58 PM
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Budget 2024-25: सरकार का फोकस इस बार सैलरी क्लास वाले मिडिल क्लास पर है

Budget 2024-25: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अगले हफ्ते 23 जुलाई को संसद में आम बजट 2024-25 पेश करेंगी। यह नई मोदी सरकार का पहला बजट होगा। माना जा रहा है कि सरकार का फोकस इस बार सैलरी क्लास वाले मिडिल क्लास पर है। सरकार की योजना आम लोगों के हाथ में खर्च करने के लिए ज्यादा पैसा देने की है। इसके लिए सैलरी क्लास को ध्यान में रखकर टैक्स के नियमों में बदलाव किया जा सकता है। आइए जानते हैं कि बजट में इस बार सैलरीड क्लास को क्या तोहफे मिल सकते हैं-

1. इनकम टैक्स से छूट की न्यूनतम सीमा में इजाफा

सरकार ने वित्त वर्ष 2020 के बजट में नई टैक्स रिजीम को लागू किया था। यह टैक्स रिजीम उन लोगों के फायदेमंद थी, जो विभिन्न तरीके के निवेश या इंश्योरेंस पर टैक्स में छूट का दावा नहीं करते हैं। हालांकि आज मिडिल क्लास के लगभग हर व्यक्ति की आय का एक बड़ा हिस्सा होम लोन या कई तरह के इंश्योरेंस के प्रीमिय आदि में खर्च होता है। वहीं पुरानी टैक्स रिजीम में आखिरी बार बदलाव 2014-15 में किया गया था। इस बार माना जा रहा है कि सरकार दोनों तरह के टैक्स रिजीम के लिए इनकम टैक्स से छूट की न्यूनतम सीमा को बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर सकती है।

2. सेक्शन 80C के तहत अधिक छूट


नई टैक्स रिजीम में विभिन्न तरीके के निवेश या इंश्योरेंस आदि पर छूट नहीं मिलता है। ऐसे में अधिकतर सैलरी वाले लोग अभी भी पुरानी टैक्स रिजीम को ही चुनना पसंद करते हैं। पुरानी टैक्स रिजीम के तहत टैक्सपेयर्स को सेक्शन 80C के तहत 1.5 लाख रुपये तक की छूट मिलती है। यह छूट LIC, प्रोविडेंट फंड, इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम, सुकन्या समृद्धि योजना, राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र, टर्म डिपॉजिट आदि में निवेश पर मिलती है। माना जा रहा है कि सरकार इस बार 80C के तहत टैक्स छूट की सीमा को 1.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 2 लाख रुपये कर सकती है।

3. स्टैंडर्ड डिडक्शन में इजाफा

नई और पुरानी दोनों टैक्स रिजीम में टैक्सपेयर्स को 50,000 रुपये का स्टैंडर्ड डिडक्शन यानी मानक कटौती मिलती है। इस बार ऐसी चर्चाएं हैं कि सरकार नई टैक्स रिजीम के तहत स्टैंडर्ड डिडक्शन की सीमा को बढ़ाकर 1 लाख रुपये और पुरानी टैक्स रिजीम के तहत 70,000 रुपये कर सकती है।

4. कैपिटल गेन टैक्स

इस बार बजट में कैपिटल गेन टैक्स पर भी नजर होगी। एक्सपर्ट्ट का कहना है कि सरकार को लिस्टेड कंपनियों के शेयरों और इक्विटी म्यूचुअल फंड्स पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस टैक्स से छूट की मौजूदा सीमा को 1 लाख रुपये से बढ़ाकर 2 लाख रुपये कर देना चाहिए।

5. होम लोन पर दिया जाने वाला ब्याज

हर आदमी का सपना होता है कि उसका अपना एक घर हो। अभी होम लोन के मामले में 2 लाख रुपये तक के ब्याज पर आप टैक्स छूट का दावा कर सकते हैं। हालांकि इस बीच ब्याज दरें बढ़ने और रेगुलेटरी नियमों की वजह से रियल एस्टेट सेक्टर पर काफी दबाव है। ऐसे में एक्सपर्ट्स ने सरकार को नई रिजीम में भी होम लोन छूट को लाने और पुरानी टैक्स रिजीम के तहत टैक्स छूट की सीमा को बढ़ाकर 3 लाख रुपये करने के सुझाव दिए हैं।

6. 80D की छूट को बढ़ाने का हो सकता है ऐलान

जैसे-जैसे केंद्रीय बजट नजदीक आ रहा है, हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम के लिए धारा 80D में बदलाव की उम्मीद बढ़ गई है। इसकी सीमा 25,000 रुपये से बढ़ाकर 50,000 रुपये और वरिष्ठ नागरिकों के लिए 1 लाख रुपये तक की जा सकती है।

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