Budget 2024-25: इनकम टैक्स के मौजूदा नियमों के तहत अगर किसी व्यक्ति की सालाना आय 5 लाख रुपये से कम है, तो उसे पुरानी टैक्स रिजीम के तहत किसी तरह के इनकम टैक्स का भुगतान नहीं करना पड़ता है। वहीं अगर व्यक्ति ने नई टैक्स रिजीम को चुना है तो उसे सालाना 7 लाख रुपये तक की आय पर कोई इनकम टैक्स नहीं देना पड़ता है। यह राहत इनकम टैक्स की धारा 87A (Income tax Section 87A) के तहत मिलती है। हालांकि इस बीच इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) यूटिलिटी पर एक ऐसा अपडेट आया है, जिसके चलते कई लोगों को अब यह राहत नहीं मिल रही हैं। ऐसे अधिकतर मामले शेयर बाजार से जुड़ी कमाई के मामले में देखे जा रहे हैं।
रिपोर्टों के मुताबिक, शेयर बाजार से कमाई करने वाले लोग इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) भरते समय धारा 87A के तहत छूट क्लेम नहीं कर पा रहे हैं। भले ही उनकी सालाना आय 5 लाख रुपये से कम है। अब इंडस्ट्री उम्मीद कर रही है कि अगले हफ्ते 23 जुलाई को बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण लोगों को इस नए अपडेट से राहत देंगी। आइए समझते हैं कि ये पूरा मामला क्या है?
शेयर बाजार से कमाई पर देना होता है कैपिटल गेंस टैक्स
बता दें कि यूजर्स को शेयर बाजार से होने वाली कमाई पर कैपिटल गेंस टैक्स देना होता है। ये दो तरह के होते हैं- शॉर्ट-टर्म कैपिटल गेंस टैक्स और लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस। बता दें कि अगर शेयर की होल्डिंग एक साल के कम है, तो यूजर्स को शॉर्ट-टर्म कैपिटल गेंस टैक्स देना होता है। वहीं अगर होल्डिंग अवधि एक साल से अधिक होता है तो उसे लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस टैक्स देना होता है।
5 जुलाई से पहले तक जब कोई टैक्सपेयर नई टैक्स रिजीम के तहत इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) भरता था, तो उसकी कुल टैक्सेबल इनकम में शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन भी शामिल रहता था। अगर यह कुल राशि 7 लाख से कम होती थी, तो उसे धारा 87A के तहत छूट मिलती थी और जीरो इनकम टैक्स देना होता था। हालांकि 5 जुलाई के अब ऐसा हो रही है कि टैक्सपेयर को सिर्फ उसकी मूल आय पर ही टैक्स छूट का फायदा मिल रहा है और इसमें शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन से हुई आय को नहीं शामिल किया जा रहा है। भले ही उसकी कुल आय 7 लाख रुपये से कम हो। ऐसे में उसे मूल आय के अलावा दूसरी आय पर टैक्स भरना पड़ रहा है।
नरेंद्र मोदी की अगुआई में बनी एनडीए सरकार अगले हफ्ते 23 जुलाई को अपना पहला बजट पेश करेगी। माना जा रहा है कि सरकार इस बार आम जनता को टैक्स के बोझ से कुछ राहत देगी। ऐसे में इस बात की संभावना जताई जा रही है सरकार न्यू टैक्स रिजीम में टैक्स छूट लिमिट या रिबेट के दायरे को बढ़ाए।