Budget 2024-2025 : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने 1 फरवरी, 2023 को पेश बजट में इकोनॉमी ग्रोथ की रफ्तार बढ़ाने के लिए एक खास स्ट्रेटेजी पेश की थी। इसमें 7 तरह की प्राथमिकताएं शामिल थीं, जो एक-दूसरे से जुड़ी थीं। उन्होंने इन्हें सप्तऋषि नाम दिया था। इनमें ओवरऑल डेवलपमेंट, दूरदराज इलाकों में विकास, इंफ्रास्ट्रक्चर और इनवेस्टमेंट, ग्रोथ के रास्ते की बाधाओं को हटाना, ग्रीन ग्रोथ, युवा शक्ति और फाइनेंशियल सेक्टर में स्टैबिलिटी शामिल थीं। सरकार का मानना था कि इकोनॉमिक ग्रोथ की यह स्ट्रेटेजी लंबी अवधि में अच्छे नतीजे देगी। तब सरकार की इस स्ट्रेटेजी की काफी चर्चा हुई थी। आइए इस सप्तऋषि के बारे में विस्तार से जानते हैं।
सरकार ने इसके तहत एग्रीकल्चर, हेल्थ, एजुकेशन और स्किलिंग में अपनी प्राथमिकताएं तय की थी। इनमें एग्रीकल्चर के लिए डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर, एग्रीकल्चर एक्सीलरेटर फंड, कपास की उत्पादकता बढ़ाने की कोशिश शामिल थी। सरकार का मानना था कि आत्मनिर्भर हॉर्टीकल्चर क्लीन प्लांट प्रोग्राम से बीमारीमुक्त प्लांटिंग मैटेरियल की उपलब्धता बढ़ेगी। हेल्थ सेक्टर में 157 नए नर्सिंग कॉलेज शुरू करने का प्लान था। सरकार ने फार्मास्युटिकल्स रिसर्च पर फोकस बढ़ाने का लक्ष्य तय किया था।
2. दूरदराज के इलाकों की सुध
इसके तहत वित्तमंत्री ने देश के दूरदराज के इलाकों तक सेवाएं पहुंचाने पर जोर दिया था। यह बताया गया था कि आयुष, फिशरीज, एनिमल हस्बेंड्री, स्किल डेवलपमेंट, जनशक्ति जैसे मंत्रालयों के जरिए दूर के इलाकों में भी सुविधाएं पहुंचाई जाएंगी। वित्तमंत्री ने इसके लिए एस्पिरेशनल ब्लॉक प्रोग्राम पेश किया था। प्रधानमंत्री पीवीटीजी डेवलपमेंट मिशन का ऐलान किया गया था, जिसका मकसद ट्राइबल ग्रुप के लिए स्थितियां बेहतर बनाना था। इसके लिए अगले तीन साल के वास्ते 15,000 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया था।
3. इंफ्रास्ट्रक्चर और इनवेस्टमेंट
सरकार ने इकोनॉमिक ग्रोथ के लिए बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर की जरूरत को देखते हुए लगातार तीसरे साल इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए आवंटन बढ़ाया थाष। 10 लाख करोड़ रुपये का आवंटन किया गया, जो जीडीपी का 3.3 फीसदी था। रेलवे के लिए 2.4 लाख करोड़ रुपये का आवंटन किया गया। 50 एयरपोर्ट, हेलीपोर्ट्स, वाटर एयरोड्रम और लैंडिंग ग्राउंड तैयार करने का ऐलान किया गया था। इसका मकसद देश में रीजनल एयर कनेक्टिविटी बढ़ाना था।
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने ईज ऑफ डूइंग बिजनेस पर जोर दिया था। इसके लिए 39,000 कंप्लायंसेज को खत्म करने और 3,400 लीगल प्रोविजेंस को अपराध की श्रेणी से बाहर करने का प्लान था। मेक AI इन इंडिया के तहत तीन सेंटर फॉर एक्सीलेंस बनाने का प्लान था। सेक्योर डॉक्युमेंट स्टोरेज के लिए एनटिटी डिजीलॉकर प्लान का ऐलान था। 5G सर्विसेज पर फोकस बढ़ाने और इंजीनियरिंग इंस्टीट्यूशंस में 100 लैब्स बनाने का प्लान वित्तमंत्री ने बताया था।
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने 'LiFE' विजन के बारे में बताया था। इसका मतलब पर्यावरण को ध्यान में रख विकास योजनाओं पर अमल करना है। नेशनल ग्रीन हाइड्रोजन मिशन के लिए 19,700 करोड़ रुपये का आवंटन था। इससे 2030 तक 5 एमएमटी सालाना प्रोडक्शन का लक्ष्य रखा गया। एनर्जी ट्रांजिशन के लिए बजट में 35,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया। वेस्ट टू वेल्थ प्लांट बनाने के लिए गोवर्द्धन स्कीम का ऐलान किया गया।
सरकार ने युवाओं को सशक्त बनाने की अपनी प्रतिबद्धता को ध्यान में रख नेशनल एजुकेशन पॉलिसी, जॉब क्रिएशन पॉलिसी और बिजनेस सपोर्ट पॉलिसी पर फोकस बढ़ाने का ऐलान किया था। प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना 4.0 लॉन्च किया गया। इंडस्ट्री के लिए स्किल डेवलपमेंट पर फोकस बढ़ाया गया। इसमें AI, रोबोटिक्स सहित कई चीजें शामिल थीं। इसके अलावा 30 स्किल इंडिया इंटरनेशनल सेंटर का ऐलान किया गया था।
वित्तमंत्री ने इकोनॉमिक डेवलपमेंट के लिए कई उपायों के ऐलान किए थे। इनमें MSME के लिए पुनर्गठित क्रेडिट गारंटी स्कीम के लिए 9,000 करोड़ रुपये का आवंटन शामिल था। इसके तहत क्रेडिट कॉस्ट में 1 फीसदी कमी के साथ अतिरिक्त 2 लाख करोड़ रुपये गारंटीमुक्त क्रेडिट उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया था। महिलाओं के लिए एक स्पेशल सेविंग्स स्कीम का ऐलान किया गया था। इसका नाम महिला सम्मान सेविंग्स सर्टिफिकेट है।