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Budget 2024: इनकम टैक्सपेयर्स को बड़ी राहत दे सकती हैं वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण

वित्त मंत्रालय इनकम टैक्स की नई रीजीम को अट्रैक्टिव बनाने जा रहा है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि वित्त मंत्रालय इनकम टैक्स की नई रीजीम को डिफॉल्ट रीजीम पहले ही बना चुका है। इसका मतलब है कि सैलरीड टैक्सपेयर्स को अपने एंप्लॉयर को यह बताना होगा कि वह इनकम टैक्स की पुरानी रीजीम का इस्तेमाल करना चाहता है। अगर कोई टैक्सपेयर्स यह नहीं बताता है तो यह मान लिया जाएगा कि वह नई रीजीम का इस्तेमाल करना चाहता है

अपडेटेड Dec 05, 2023 पर 6:41 PM
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इनकम टैक्स की नई रीजीम में टैक्स की दर कम है। लेकिन, टैक्सपेयर्स को डिडक्शंस और एग्जेम्प्शंस के फायदे नहीं मिलते हैं।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) 1 फरवरी, 2024 को अंतरिम बजट पेश कर सकती हैं। वह टैक्सपेयर्स को बड़ी राहत देने का ऐलान कर सकती हैं। हालांकि, यह अंतरिम बजट होगा। अंतरिम बजट में सरकार आम तौर पर कोई बड़ा ऐलान खासकर इनकम टैक्स के प्रावधानों में बदलाव नहीं करती है। लेकिन, 2019 में पेश अंतरिम बजट में सरकार ने इनकम टैक्स के मामले में बड़ी राहत दी थी। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने 1 फरवरी, 2024 को अंतरिम बजट पेश किया था। लोकसभा चुनावों के बाद नई सरकार बनने पर वित्त वर्ष 2020-21 का पूर्ण बजट 5 जुलाई को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पेश किया था।

सूत्रों ने बताया है कि वित्त मंत्रालय इनकम टैक्स की नई रीजीम को अट्रैक्टिव बनाने जा रहा है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि वित्त मंत्रालय इनकम टैक्स की नई रीजीम को डिफॉल्ट रीजीम पहले ही बना चुका है। इसका मतलब है कि सैलरीड टैक्सपेयर्स को अपने एंप्लॉयर को यह बताना होगा कि वह इनकम टैक्स की पुरानी रीजीम का इस्तेमाल करना चाहता है। अगर कोई टैक्सपेयर्स यह नहीं बताता है तो यह मान लिया जाएगा कि वह नई रीजीम का इस्तेमाल करना चाहता है। सरकार इनकम टैक्स की पुरानी रीजीम का इस्तेमाल धीरे-धीरे खत्म करना चाहती है।

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बजट 2023 में सरकार ने इनकम टैक्स की नई रीजीम को अट्रैक्टिव बनाने के लिए कई कदम उठाए थे। नई रीजीम में टैक्स एग्जेम्प्शन की लिमिट 2.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 3 लाख रुपये कर दी गई थी। सूत्रों का कहना है कि सरकार इस बार नई रीजीम में टैक्स स्लैब को आकर्षक बनाने के उपाय कर सकती है। अभी नई रीजीम में 15 लाख रुपये से ज्यादा इनकम पर टैक्स रेट 15 फीसदी है। सरकार इसमें कमी कर सकती है। सरकार सालाना 50,000 रुपये स्टैंडर्ड डिडक्शन का फायदा पहले ही नई रीजीम में भी देने का ऐलान कर चुकी है।

इनकम टैक्स की नई रीजीम में टैक्स की दर कम है। लेकिन, टैक्सपेयर्स को डिडक्शंस और एग्जेम्प्शंस के फायदे नहीं मिलते हैं। सेक्शन 80सी के तहत निर्धारित इंस्ट्रूमेंट में निवेश करने पर टैक्स बेनेफिट नहीं मिलता है। इस सेक्शन के तहत म्यूचुअल फंड की टैक्स स्कीम, पीपीएफ, लाइफ इंश्योरेंस की पॉलिसी, सुकन्या समृद्धि योजना सहित करीब एक दर्जन योजनाओं में निवेश कर डिडक्शन क्लेम किया जा सकता है। इस सेक्शन के तहत दो बच्चों के ट्यूशन फीस पर डिडक्शन क्लेम करने की भी इजाजत है।

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