वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण एजुकेशन सेक्टर में रिफॉर्म्स का ऐलान यूनियन बजट में कर सकती हैं। इसकी वजह यह है कि प्रोफेशनल कोर्सेज में एडमिशन की मौजूदा प्रक्रिया सवालों के घेरे में आ गई है। नेशनल टेस्टिंग एजेंसी का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा है। कई प्रवेश परीक्षाओं के आयोजन में गड़बड़ी के आरोप लगे हैं। ऐसे में उम्मीद है कि सरकार मौजूदा व्यवस्था में बुनियादी बदलाव का फैसला कर सकती है। इसका ऐलान यूनियन बजट में हो सकता है। एनडीए सरकार का फोकस पहले से एजुकेशन में डिजिटाइजेशन और स्किल डेवलपमेंट पर रहा है।
तेज इकोनॉमिक ग्रोथ के लिए एजुकेशन पर बढ़ेगा फोकस
सरकार ने 2023 के बजट में मिनिस्ट्री ऑफ एजुकेश (Ministry of Education) के लिए 1,12,898.97 करोड़ रुपये का आवंटन किया था। यह एजुकेशन मिनिस्ट्री के लिए बजट में किया गया सबसे ज्यादा आवंटन था। इससे एक साल पहले सरकार ने पहली बार शिक्षा के लिए 1 लाख करोड़ रुपये का आवंटन किया था। इसे एजुकेशन को लेकर एनडीए सरकार की प्रतिबद्धता का संकेत माना गया था। एक्सपर्ट्स का कहना है कि तेज इकोनॉमिक ग्रोथ के लिए एजुकेशन पर फोकस बढ़ाने की जरूरत है। साथ ही मानव संसाधन के कौशल को बढ़ाना होगा।
स्कूल एजुकेशन के लिए 73,000 करोड़ ऐलोकेशन
इस साल 1 फरवरी को पेश अंतरिम बजट में सरकार ने स्कूल एजुकेशन के लिए 73,000 करोड़ रुपये का आवंटन किया था। यह वित्त वर्ष 2023-24 के 72,473 करोड़ रुपये के संशोधित अनुमान से ज्यादा था। सरकार ने मिनिस्ट्री ऑफ एजुकेशन के तहत आने वाली पीएम श्री स्कीम के लिए 6,050 करोड़ रुपये का आवंटन किया था। इस स्कीम के तहत सरकार ने मौजूदा सरकारी स्कूलों को मॉडल स्कूल में अपग्रेड करने का प्लान बनाया है।
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युवाओं को सक्षम बनाने के लिए स्कीम
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी को अंतरिम बजट पेश करते हुए कहा था, "सरकार अमृत पीढ़ी यानी युवा को सक्षम बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। हमारी समृद्धि इस बात पर निर्भर है कि हमारे युवा कितने सक्षम और कुशल हैं। बड़े रिफॉर्म्स के लिए नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2020 बनाई गई है। पीएम श्री स्कूल में क्वालिटी एजुकेशन मिल रहा है। इसमें इंडिविजुअल्स के समग्र विकास पर फोकस किया जा रहा है।"सरकार ने अंतरिम बजट में समग्र शिक्षा अभियान, केंद्रीय विद्यालय और नवोदय विद्यालय के बजट में भी इजाफा किया था। लेकिन, सबसे ज्यादा आवंटन स्कूल एजुकेशन के लिए किया गया था।