Budget Speech Highlights: स्टैंडर्ड डिडक्शन की लिमिट बढ़ी, इनकम टैक्स स्लैब्स में बदलाव; ये हैं बजट 2024 के खास ऐलान!
Nirmala Sitharaman Speech Highlights: 2014 में पहली बार नरेंद्र मोदी सरकार के अस्तित्व में आने के बाद से इस सरकार का 13वां बजट है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 7वीं बार संसद में बजट पेश किया है। वित्त मंत्री ने कहा कि गरीब, महिला, युवा और किसान पर फोकस करने की जरूरत है। हमारा लक्ष्य हर भारतवासी की आकांक्षाओं को पूरा करना है
Union budget 2024 Key Highlights: बजट की थीम में पूरे साल और उसके बाद के समय को ध्यान में रखा गया है।
Union budget 2024 key Highlights and Important Announcements: 23 जुलाई को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ससंद में पूर्ण बजट 2024 पेश किया। यह सीतारमण का सातवां और मोदी सरकार के तीसरे टर्म का पहला बजट रहा। इस साल चुनावों के चलते फरवरी महीने में अंतरिम बजट 2024 पेश हुआ था। बजट में टैक्सपेयर्स के लिए स्टैंडर्ड डिडक्शन की लिमिट में बढ़ोतरी और इनकम टैक्स स्लैब्स में बदलाव की घोषणा समेत कई ऐलान हुए हैं। बजट स्पीच के प्रमुख पॉइंट्स और आगे के अपडेट्स की तुरंत जानकारी के लिए मनीकंट्रोल हिंदी के साथ बने रहिए...
Nirmala Sitharaman Budget speech Highlights: वित्त मंत्री के बजट भाषण के प्रमुख पॉइंट्स इस तरह हैं...
बजट अनुमान: वित्त वर्ष 2024-25 के लिए, उधार के अलावा कुल प्राप्तियां और कुल व्यय क्रमशः ₹32.07 लाख करोड़ और ₹48.21 लाख करोड़ होने का अनुमान है। शुद्ध कर प्राप्तियां ₹25.83 लाख करोड़ होने का अनुमान है। राजकोषीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद का 4.9% होने का अनुमान है। सरकार का लक्ष्य अगले वर्ष घाटे को 4.5 प्रतिशत से नीचे लाना है।
बच्चों के लिए NPS: NPS-वात्सल्य नामक एक योजना शुरू की जाएगी, जिसमें अव्यस्कों यानि 18 साल से कम उम्र के बच्चों के माता-पिता और उनके अभिभावकों की ओर से योगदान दिया जा सकेगा। जब नाबालिग, बालिग हो जाएगा तब इस स्कीम को एक सामान्य एनपीएस खाते में बदला जा सकेगा।
- ई-श्रम पोर्टल को दूसरे कई पोर्टल्स के साथ वन-स्टॉप श्रम सेवा समाधान प्रदान करने के लिए इंटीग्रेट किया जाएगा। इसमें ऐसी व्यवस्था शामिल होगी, जो नौकरी चाहने वालों को संभावित एंप्लॉयर्स और कोशल प्रदान करने वालों के साथ जोड़ेगी। उद्योग और व्यापार के लिए अनुपालन सुगम बनाने के लिए श्रम सुविधा और समाधान पोर्टल का नवीनीकरण किया जाएगा।
डायरेक्ट टैक्सेज
सैलरीड एंप्लॉयीज के लिए नई आयकर व्यवस्था के तहत स्टैंडर्ड डिडक्शन की लिमिट को 50000 रुपये से बढ़ाकर 75000 रुपये किया गया। इसके अलावा टैक्स स्लैब्स में भी बदलाव किया गया है।
3,00,000 रुपये तक टैक्सेबल इनकम: शून्य
3,00,001 से लेकर 7,00,000 रुपये तक टैक्सेबल इनकम: 5%
7,00,001 से लेकर 10,00,000 रुपये तक टैक्सेबल इनकम: 10%
10,00,001 से लेकर 12,00,000 रुपये तक टैक्सेबल इनकम: 15%
12,00,001 से लेकर 15,00,000 रुपये तक टैक्सेबल इनकम: 20%
15,00,000 रुपये से ज्यादा टैक्सेबल इनकम: 30%
बजट में पुरानी आयकर व्यवस्था के तहत किसी तरह का कोई बदलाव नहीं किया गया है। नए ऐलानों के बाद नई आयकर व्यवस्था में वेतनभोगी कर्मचारी को इनकम टैक्स में 17500 रुपये तक का टैक्स बेनिफिट होगा। पेंशनर्स के लिए फैमिली पेंशन पर डिडक्शन को 15000 रुपये से बढ़ाकर 25000 रुपये करने का प्रस्ताव रखा गया है।
टैक्स अपील दायर करने के लिए मौद्रिक सीमा ITAT के लिए 60 लाख रुपये, हाई कोर्ट्स के लिए 2 करोड़ रुपये और सुप्रीम कोर्ट के लिए 5 करोड़ रुपये तक बढ़ा दी गई है।
कैपिटल गेन्स टैक्स से छूट की सीमा 1 लाख से बढ़ाकर 1.25 फीसदी की गई। इसके अलावा लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स को 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 12.5 प्रतिशत किया गया है। सभी फाइनेंशियल और नॉन-फाइनेंशियल एसेट्स से होने वाले लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स पर 12.5 प्रतिशत की दर से टैक्स लगेगा। एक वर्ष से अधिक समय तक अपने पास रखे गए लिस्टेड फाइनेंशिसल एसेट्स को लॉन्ग टर्म एसेट्स के रूप में क्लासिफाई किया जाएगा।
कुछ फाइनेंशियल एसेट्स के मामले में शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स की दर अब 15 प्रतिशत से बढ़कर 20 प्रतिशत होगी।
हर तरह के स्टार्टअप्स के लिए एंजेल टैक्स हटाने का ऐलान किया गया। विदेशी कंपनियों के लिए कॉरपोरेट टैक्स की दर 40 प्रतिशत से घटाकर 35 प्रतिशत की गई। आयकर अधिनियम 1961 की व्यापक समीक्षा की घोषणा की गई। इससे विवाद और मुकदमेबाजी कम होगी। इसे 6 महीने में पूरा करने का प्रस्ताव है।
- अगले 6 महीनों में सीमा शुल्क ढांचे की व्यापक समीक्षा की जाएगी। ई-कॉमर्स पर टीडीएस दर को घटाकर 0.1% किया जाएगा। प्रस्ताव है कि धर्मार्थ कार्यों के लिए दो टैक्स एग्जेंप्शन व्यवस्थाओं को एक में मिला दिया जाए। टैक्स दाखिल करने की तारीख तक टीडीएस में देरी को अपराधमुक्त करने का प्रस्ताव रखा गया है।
इनकम टैक्स एक्ट को पढ़ने और समझने में आसान बनाया जाएगा। सर्च मामलों में 10 वर्षों की मौजूदा समयसीमा के स्थान पर सर्च के वर्ष से पहले 6 वर्ष की समयसीमा करने का प्रस्ताव है।
ब्रूडस्टॉक, पॉलीकीट वॉर्म्स, श्रिम्प और फिश फीड पर बेसिक कस्टम ड्यूटी को घटाकर 5 प्रतिशत करने का प्रस्ताव रखा गया है। कैंसर के इलाज में इस्तेमाल होने वाली 3 दवाओं को बेसिक कस्टम ड्यूटी से छूट दी गई है। सरकार ने स्टील और कॉपर पर बेसिक कस्टम ड्यूटी घटाई। लेदर, फुटवियर पर भी बेसिक कस्टम ड्यूटी में कटौती का प्रस्ताव रखा गया है। गोल्ड और सिल्वर पर कस्टम ड्यूटी घटाकर 6 प्रतिशत करने और प्लेटिनम पर कस्टम ड्यूटी घटाकर 6.5 प्रतिशत करने का प्रस्ताव रखा गया। 25 महत्वपूर्ण खनिजों को सीमा शुल्क से छूट दी जाएगी और उनमें से 2 पर बेसिक कस्टम ड्यूटी को कम किया जाएगा।
ब्रूडस्टॉक, पॉलीकीट वॉर्म्स, श्रिम्प और फिश फीड पर बेसिक कस्टम ड्यूटी को घटाकर 5 प्रतिशत करने का प्रस्ताव है। बत्तख या गूज से मिलने वाले रियल डाउन फिलिंग मैटेरियल पर बेसिक कस्टम ड्यूटी कम करने का प्रस्ताव है। स्पैंडेक्स यार्न की मैन्युफैक्चरिंग के लिए मिथाइलेन डाइफिनाइल डाइआइसोसाइनेट पर बेसिक कस्टम ड्यूटी को 7.5 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत करने का प्रस्ताव है। मोबाइल फोन्स, मोबाइल PCBS और मोबाइल चार्जर पर BCD घटाकर 15% करने का प्रस्ताव रखा गया।
- जीएसटी ने आम आदमी पर कर का बोझ कम किया है, व्यापार और उद्योग के लिए अनुपालन बोझ और रसद लागत को कम किया है। केंद्र और राज्य सरकार के रेवेन्यू में वृद्धि हुई है। वित्त मंत्री ने कहा कि हम टैक्स स्ट्रक्चर को सरल और तर्कसंगत बनाने का प्रयास कर रहे हैं और बाकी क्षेत्रों में इसे विस्तारित करने का प्रयास कर रहे हैं।
- प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) और विदेशों में निवेश संबंधी नियमों को आसान बनाया जाएगा, ताकि एफडीआई का फ्लो बढ़ सके और विदेशों में निवेश के लिए भारतीय रुपये के इस्तेमाल को मुद्रा के रूप में बढ़ाया जा सके।
- NPS में एंप्लॉयर की ओर से किए जा रहे योगदान को कर्मचारी के वेतन के 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 14 प्रतिशत करने का प्रस्ताव है।
- प्राइवेट सेक्टर, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और एंटरप्राइजेज में नई आयकर व्यवस्था का विकल्प चुनने वाले कर्मचारियों की आय से वेतन के 14 प्रतिशत तक व्यय की कटौती का प्रस्ताव है।
MSME
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक बाहरी असेसमेंट पर निर्भर रहने के बजाय MSME को ऋण देने के लिए अपनी आंतरिक क्षमता का निर्माण करेंगे। वे अर्थव्यवस्था में MSME की डिजिटल मौजूदगी की स्कोरिंग के आधार पर एक नया क्रेडिट असेसमेंट मॉडल विकसित करने या विकसित करवाने में अग्रणी भूमिका निभाएंगे।
उन उद्यमियों के लिए मुद्रा लोन की सीमा मौजूदा 10 लाख रुपये से बढ़ाकर 20 लाख रुपये कर दी जाएगी, जिन्होंने तरुण श्रेणी के तहत पिछले लोन्स का लाभ उठाया है और सफलतापूर्वक भुगतान किया है। खरीदारों को ट्रेड्स प्लेटफॉर्म पर अनिवार्य रूप से शामिल करने के लिए कारोबारी की सीमा को 500 करोड़ रुपये से घटाकर 250 करोड़ रुपये किया जाएगा। एमएसएमई क्षेत्र में 50 मल्टी प्रोडक्ट फूड इरेडिएशन यूनिट्स लगाने के लिए वित्तीय मदद दी जाएगी। एमएसएमई और पारंपरिक कारीगरों को अंतरराष्ट्रीय बाजारों में अपने प्रोडक्ट्स को बेचने में सक्षम बनाने के लिए पीपीपी मोड में ई-कॉमर्स निर्यात केंद्र सेट अप किए जाएंगे।
MSME को टर्म लोन की सुविधा के लिए, एक क्रेडिट गारंटी योजना शुरू की जाएगी। यह योजना एमएसएमई के ऋण जोखिमों को कम करने पर काम करेगी। एक सेल्फ-फाइनेंस गारंटी फंड होगा, जो प्रत्येक आवेदक को 100 करोड़ रुपये तक का कवर प्रदान करेगा, जबकि ऋण राशि इससे अधिक हो सकती है।
- देश में घरेलू क्रूज ऑपरेट करने वाली विदेशी शिपिंग कंपनियों के लिए सरल टैक्स व्यवस्था लाई जाएगी। देश में कच्चे हीरे की बिक्री करने वाली विदेशी खनन कंपनियों के लिए सुरक्षित हार्बर दर का प्रस्ताव रखा गया है।
- बजट स्पीच में कहा गया कि जन विश्वास विधेयक 2.0 कारोबार करने में आसानी को और बेहतर बनाएगा। राज्यों को कारोबार सुधार कार्य योजना के एग्जीक्यूशन और डिजिटलीकरण के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। डेटा मैनेजमेंट और गवर्नेंस को बेहतर बनाने के लिए सेक्टर-वार डेटाबेस तैयार किया जाएगा।
भूमि सुधार: भूमि सुधारकी दिशा में बढ़ते हुए शहरी क्षेत्रों में भूमि रिकॉर्ड का जीआईएस मैपिंग के साथ डिजीटलीकरण किया जाएगा। शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में भू-प्रशासन, शहरी नियोजन, उपयोग और भवनों से संबंधित उप-नियम में सुधार का प्रस्ताव है। ग्रामीण क्षेत्रों में सभी जमीनों को एक यूनीक भूखंड पहचान संख्या दी जाएगी। ग्रामीण क्षेत्रों में भूमि रजिस्ट्रेशन कार्यालय बनाए जाएंगे।
इनोवेशन, अनुसंधान एवं विकास को बढ़ावा: बुनियादी अनुसंधान और प्रोटोटाइप विकास के लिए अनुसंधान राष्ट्रीय अनुसंधान कोष की स्थापना की जाएगी। वाणिज्यिक स्तर पर निजी क्षेत्र द्वारा संचालित अनुसंधान और इनोवेशन को बढ़ावा देने के लिए 1 लाख करोड़ रुपये का फाइनेंसिग पूल भी बनाया जाएगा।
- पीएम स्वनिधि योजना की सफलता के आधार पर, स्ट्रीट वेंडर्स के लिए सरकार एक और योजना का विजन रखती है। इसका उद्देश्य चयनित शहरों में अगले 5 वर्षों में 100 साप्ताहिक हाट या स्ट्रीट फूड हब के विकास को सपोर्ट करना है।
- जिन राज्यों में हाई स्टैंप ड्यूटी लगती है, उन्हें इसे सभी के लिए कम करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। इसके अलावा महिला द्वारा खरीदी जाने वाली प्रॉपर्टी पर स्टैंप ड्यूटी को और नीचे लाने पर विचार किया जाएगा।
- वायदा और विकल्प (F&O) कारोबार में सिक्योरिटी ट्रांजेक्शन टैक्स (STT) की दर बढ़ाने का प्रस्ताव है। इस फैसले का मकसद जोखिम भरे कारोबार में खुदरा निवेशकों की भागीदारी को कम करना है। वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में कहा, ‘‘सिक्योरिटीज में किसी ऑप्शन की बिक्री पर STT की दर को ऑप्शन प्रीमियम के 0.0625 प्रतिशत से बढ़ाकर 0.1 प्रतिशत करने और सिक्योरिटीज में फ्यूचर्स की बिक्री पर STT की दर को ऐसे फ्यूचर ट्रेड की कीमत के 0.0125 प्रतिशत से बढ़ाकर 0.02 प्रतिशत करने का प्रस्ताव है।''
- घरेलू मैन्युफैक्चरिंग, गहन और स्थानीय वैल्यू एडिशन, निर्यात प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देना और सरलीकरण करना, साथ ही सामान्य जनता और उपभोक्ताओं के हित को सुरक्षित रखना सरकार का प्रस्ताव है।
- स्पेस इकोनॉमी के लिए 1000 करोड़ रुपये का वेंचर कैपिटल फंड स्थापित करने का प्रस्ताव दिया है।
- वित्तीय घाटा 2024-25 तक सकल घरेलू उत्पाद का 4.9% रहने का अनुमान है। लक्ष्य घाटे को 4.5% से नीचे पहुंचाना है।
- मजबूत इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण के लिए महत्वपूर्ण निवेश किए गए हैं। इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास के लिए
कैपिटल एक्सपेंडिचर का टारगेट 11.11 लाख करोड़ रुपये पर अपरिवर्तित रखा गया है। यह जीडीपी का 3.4 प्रतिशत है।
टूरिज्म
गया स्थित विष्णुपद मंदिर और बोधगया में महाबोधि मंदिर को विश्वस्तरीय तीर्थ स्थल और पर्यटन गंतव्यों के रूप में विकसित करने के लिए सहायता प्रदान की जाएगी। नालंदा को एक पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा और इसकी गौरवपूर्ण महत्ता के लिए अनुरूप पुनुरुत्थान किया जाएगा।ओडिशा को एक श्रेष्ठ पर्यटन गंतव्य बनाने के लिए मदद दी जाएगी। राजगीर को व्यापक रूप से विकसित किया जाएगा।
- 25,000 ग्रामीण बस्तियों को सभी मौसमों के अनुकूल सड़कें प्रदान करने के लिए प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना चरण 4 का शुभारंभ किया जाएगा। असम को बाढ़ प्रबंधन और संबंधित परियोजनाओं के लिए सहायता मिलेगी। बाढ़ के कारण व्यापक नुकसान झेलने वाले हिमाचल प्रदेश को भी बहुपक्षीय सहायता के माध्यम से पुनर्निर्माण के लिए सपोर्ट मिलेगा। इसके अतिरिक्त, उत्तराखंड, जिसे भूस्खलन और बादल फटने से काफी नुकसान हुआ है, को आवश्यक सहायता प्रदान की जाएगी।
- पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के तहत 1.28 करोड़ से अधिक पंजीकरण किए गए और 14 लाख आवेदन प्राप्त हुए। बिजली भंडारण और समग्र ऊर्जा मिश्रण में रिन्यूएबल एनर्जी के निर्बाध एकीकरण को सुविधाजनक बनाने के लिए पंप्ड स्टोरेज प्रोजेक्ट्स को बढ़ावा देने के लिए एक नई नीति लाई जाएगी। एडवांस्ड अल्ट्रा सुपर क्रिटिकल थर्मल पावर टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल से एनटीपीसी और बीएचईएल का एक जॉइंट वेंचर 800 मेगावाट का कमर्शियल प्लांट स्थापित किया जाएगा।
इनसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड: परिणामों को बेहतर बनाने के लिए इनसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड के अंतर्गत एक इंटीग्रेटेड टेक्नोलॉजी प्लेटफॉर्म बनाया जाएगा। एलएलपी के स्वैच्छिक डिसक्लोजर के लिए सेंटर फॉर प्रोसेसिंग एक्सीलरेटेड कॉरपोरेट एक्जिट की सेवांए प्रदान की जाएंगी ताकि क्लोजर के समय को कम किया जा सके। ऋण वसूली अधिकरणों को मजबूत किया जाएगा और वसूली में तेजी के लिए अतिरिक्त अधिकरणों की स्थापना की जाएगी।
- राष्ट्रीय औद्योगिक कॉरिडोर विकास कार्यक्रम के तिहत 12 औद्योगिक पार्कों को मंजूरी दी जाएगी। खनिजों के घरेलू उत्पादन, रिसाइक्लिंग और विदेशों में महत्वपूर्ण खनिज एसेट्स की खरीद के लिए महत्वपूर्ण खनिज मिशन शुरू किया जाएगा।
- सरकार सहकारी क्षेत्र के नियमित, सुव्यवस्थित और सर्वांगीण विकास के लिए राष्ट्रीय सहकारिता नीति लेकर आएगी। ग्रामीण अर्थव्यवस्था का तेजी से विकास और बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर पैदा करना, नीतिगत लक्ष्य होगा।
- 21,400 करोड़ रुपये की लागत से बिहार के पीरपैंती में 2400 मेगावाट का नया बिजली प्लांट स्थापित करने सहित बिजली प्रोजेक्ट शुरू किए जाएंगे। बिहार में नए हवाई अड्डे, मेडिकल कॉलेज और खेल इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण किया जाएगा। बहुपक्षीय विकास बैंकों से बाहरी सहायता के लिए बिहार सरकार के अनुरोधों पर शीघ्रता से काम किया जाएगा।
- सरकार ने आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम में प्रतिबद्धताओं को पूरा करने के लिए प्रयास किए हैं। राज्य की पूंजी की आवश्यकता को समझते हुए, बहुपक्षीय एजेंसियों के माध्यम से विशेष वित्तीय सहायता की सुविधा प्रदान की जाएगी। चालू वित्त वर्ष में भविष्य के वर्षों में अतिरिक्त राशि के साथ 15,000 करोड़ रुपये की व्यवस्था की जाएगी।
- हब और स्पोक व्यवस्था के तहत 5 साल में 1000 आईटीआई को अपग्रेड किया जाएगा। राज्यों और उद्योगों के सहयोग से परिणाम और गुणवत्ता पर ध्यान दिया जाएगा।
- भारत की टॉप कंपनियां 5 साल में 1 करोड़ युवाओं को कौशल प्रशिक्षण देंगी। 5000 रुपये महीने के स्टाइपेंड के साथ 12 माह की प्रधानमंत्री इंटर्नशिप लाई जाएगी।
- महिलाओं और बालिकाओं को लाभ पहुंचाने वाली योजनाओं के लिए 3 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए जा रहे हैं। राष्ट्र की खाद्य सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए पोलावरम सिंचाई प्रोजेक्ट को पूरा किया जाएगा।
- विशाखापटनम-चेन्नई औद्योगिक गलियारे में कोप्पार्थी क्षेत्र और हैदराबाद-बेंगलुरु औद्योगिक गलियारे में ओरवाकल क्षेत्र में जरूरी इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए फंड उपलब्ध कराया जाएगा।
- सरकार ने ऐलान किया है कि उद्योगों में काम करने वाले लोगों के लिए रेंटल हाउसिंग स्कीम को लॉन्च किया जाएगा। इसके तहत उनके रहने के लिए डॉरमेट्रीज बनाई जाएंगी।
- जनजातीय समुदायों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार लाने के लिए प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान की शुरुआत की जाएगी।
- अमृतसर कोलकाता औद्योगिक गलियारे में गया में औद्योगिक केंद्र का विकास होगा। 26,000 करोड़ रुपये की कुल लागत से पटना-पूर्णिया एक्सप्रेसवे, बक्सर-भागलपुर एक्सप्रेसवे को विकसित किया जाएगा। साथ ही बोधगया, राजगीर, वैशाली और दरभंगा में सड़कों के काम में तेजी लाई जाएगी। बस्कर में गंगा नदी पर नया 2 लोन वाला एक पुल बनाया जाएगा।
- राज्यों को उनके इंफ्रास्ट्रक्चर निवेश में मदद के लिए 1.5 लाख करोड़ रुपये के लॉन्ग टर्म ब्याज रहित लोन का प्रावधान किया गया है।
- प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना का चरण चार, 25000 ग्रामीण बसावटों के लिए 12 महीने रोड कनेक्टिविटी मुहैया कराएगा।
- त्वरित सिंचाई लाभ कार्यक्रम कोसी-मेची अंतरराज्यीय लिंक जैसे प्रोजेक्ट के लिए 11500 करोड़ रुपये उपलब्ध कराए जाएंगे।
- सरकार जनजातीय इलाकों का विकास करेगी। इसके तहत 63000 गावों को विकसित किया जाएगा।
- एमएसएमई और मैन्युफेक्चरिंग, विशेषकर श्रम प्रधान मैन्युफैक्चरिंग पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
- बजट में आंध्र प्रदेश के लिए 15000 करोड़ रुपये के प्रावधान का ऐलान हुआ है।
- पूर्वोत्तर क्षेत्र में इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक की 100 से अधिक शाखाएं शुरू की जाएंगी।
- पीएम आवास योजना के तहत 3 करोड़ एडिशनल घर बनाए जाएंगे। ये ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में होंगे।
- एजुकेशन लोन के मोर्चे पर सरकार घरेलू संस्थानों में उच्च शिक्षा के लिए 10 लाख रुपये तक के लोन के लिए वित्तीय मदद देगी।
- वर्कफोर्स में महिलाओं की हिस्सेदारी बढ़ाई जाएगी। इसके तहत महिला वर्कर्स के लिए हॉस्टल बनाए जाएंगे।
- वर्कफोर्स में प्रवेश करने वाले सभी कर्मचारियों को 1 महीने का सैलरी सपोर्ट मिलेगा। यह तीन किस्तों में ₹15,000 तक होगा। पात्रता सीमा ₹1 लाख प्रति माह वेतन होगी। इस योजना से 2.1 करोड़ युवाओं को लाभ मिलेगा। इसके अलावा सरकार ईपीएफओ कॉन्ट्रीब्यूशन के लिए कंपनियों को 3,000 रुपये प्रति माह प्रदान करेगी। पहली बार नौकरी करने वालों को डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के तहत 15,000 रुपये की मदद दी जाएगी।
- सरकार प्रधानमंत्री पैकेज के हिस्से के रूप में रोजगार से जुड़ी प्रोत्साहन के लिए 3 योजनाएं लागू करेगी। ये ईपीएफओ में एनरोलमेंट पर बेस्ड होंगी और पहली बार कर्मचारियों को मान्यता देने और कर्मचारियों और एंप्लॉयर्स को सहायता देने पर फोकस करेंगी।
- किसानों द्वारा खेती के लिए 32 खेत और बागवानी फसलों की 109 नई उच्च उपज वाली और क्लाइमेट रिजीलिएंट किस्में जारी की जाएंगी। अगले 2 वर्षों में, 1 करोड़ किसानों को प्रमाणीकरण और ब्रांडिंग द्वारा समर्थित प्राकृतिक खेती में शामिल किया जाएगा। इस वर्ष कृषि और संबद्ध क्षेत्रों के लिए आवंटन 1.52 लाख करोड़ रुपये है।
- बजट 2024-25 की 9 अहम प्राथमिकताएं हैं, जिनमें कृषि की उत्पादकता बढ़ाना, रोजगार और कौशल विकास, इंक्लूसिव मानव संसाधन विकास, मैन्युफैक्चरिंग, ऊर्जा की सुरक्षा, इंफ्रास्ट्रक्चर, इनोवेशन और नेक्स्ट जनरेशन रिफॉर्म शामिल हैं।
- बजट की थीम में पूरे साल और उसके बाद के समय को ध्यान में रखा गया है। बजट का फोकस रोजगार, मिडिल क्लास, MSMEs, कृषि और स्किलिंग पर होगा।
- प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना 5 साल के लिए बढ़ाई गई है, जिसका फायदा 80 करोड़ लोगों को मिला है।
- जैसा कि अंतरिम बजट में उल्लेख किया गया है, हमें गरीब, महिला, युवा और किसान पर फोकस करने की जरूरत है। हमारा लक्ष्य हर भारतवासी की आकांक्षाओं को पूरा करना है।
- भारत की आर्थिक वृद्धि अच्छी है और आगे भी इसके अच्छे रहने की उम्मीद है।इनफ्लेशन के 4 फीसदी के टारगेट के करीब हम पहुंच रहे हैं। हमारा फोकस इनक्लूसिव ग्रोथ है। इस सोच के साथ हमारी लड़ाई इनफ्लेशन के साथ जारी है।