Budget 2024 : क्या है फिस्कल डेफिसिट, इकोनॉमी के लिए यह क्यों बहुत अहम है?

Budget 2024 : यूनियन बजट 2023 में सरकार ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए फिस्कल डेफिसिट का 5.9 फीसदी का लक्ष्य तय किया था। शीतकालीन सत्र में सरकार ने संसद को बताया कि इस वित्त वर्ष में फिस्कल डेफिसिट तय लक्ष्य तक रहने की उम्मीद है

अपडेटेड Dec 26, 2023 पर 1:28 PM
Story continues below Advertisement
Budget 2024 : एक्सपर्ट्स के मुताबिक, फिस्कल डेफिसिट का तय सीमा के अंदर रहना इकोनॉमी के लिए खराब नहीं है। लेकिन, इसका बढ़ना कई तरह की मुसीबत पैदा कर सकता है।

Budget 2024 : फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) 1 फरवरी, 2024 को यूनियन बजट (Union Budget 2024) पेश करेंगी। यूनियन बजट में लोगों का ध्यान सबसे ज्यादा इनकम टैक्स से जुड़े ऐलान पर होता है। लेकिन, इकोनॉमिस्ट्स का ज्यादा ध्यान फिस्कल डेफिसिट (Fiscal Deficit) से जुड़े ऐलान पर होता है। यूनियन बजट 2023 में सरकार ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए फिस्कल डेफिसिट का 5.9 फीसदी का लक्ष्य तय किया था। शीतकालीन सत्र में सरकार ने संसद को बताया कि इस वित्त वर्ष में फिस्कल डेफिसिट तय लक्ष्य तक रहने की उम्मीद है। सवाल है कि फिस्कल डेफिसिट का मतलब क्या है? सरकार का इस पर ज्यादा फोकस क्यों होता है? सरकार हर साल यूनियन बजट में फिस्कल डेफिसिट का लक्ष्य क्यों तय करती है? आइए इन सवालों के जवाब जानने की कोशिश करते हैं।

फिस्कल डेफिसिट की वजह क्या है?

आम तौर पर वित्त वर्ष के दौरान सरकार का खर्च उसके रेवेन्यू से ज्यादा हो जाता है। इस ज्यादा खर्च को फिस्कल डेफिसिट कहा जाता है। अतिरिक्त खर्च को पूरा करने के लिए सरकार को कर्ज लेना पड़ता है। विकासशील अर्थव्यवस्ता में फिस्कल डेफिसिट सामान्य है। इसकी वजह यह है कि सरकार को कई वजहों से अपने रेवेन्यू के मुकाबले ज्यादा खर्च करना पड़ता है। उदाहरण के लिए सरकार अपने लोगों के स्वास्थ्य, शिक्षा आदि पर ज्यादा खर्च करती है। वह इनसे जुड़ी कई योजनओं पर खर्च पड़ती है। इकोनॉमिक ग्रोथ बढ़ाने के लिए भी उसे अपना खर्च बढ़ाना पड़ता है। इसके उसका कुल खर्च उसके रेवेन्यू के मुकाबले ज्यादा हो जाता है। इसके लिए सरकार को बाजार से कर्ज लेना पड़ता है। वह बॉन्ड के जरिए यह कर्ज लेती है।


यह भी पढ़ें : Budget 2024-2025 : इलेक्ट्रिक व्हीकल्स का इस्तेमाल बढ़ाने पर जारी रहेगा फोकस, FAME II की अवधि बढ़ा सकती है सरकार

क्या फिस्कल डेफिसिट तय लक्ष्य के अंदर रहेगा?

एक्सपर्ट्स के मुताबिक, फिस्कल डेफिसिट का तय सीमा के अंदर रहना इकोनॉमी के लिए खराब नहीं है। लेकिन, इसका बढ़ना कई तरह की मुसीबत पैदा कर सकता है। यही वजह है कि सरकार हर यूनियन बजट में फिस्कल डेफिसिट का टारगेट तय करती है। फिर, फिस्कल डेफिसिट को उस टारगेट के अंदर रखने की कोशिश करती है। 1 फरवरी, 2023 को वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने इस वित्त वर्ष के लिए फिस्कल डेफिसिट के लिए 5.9 फीसदी का टारगेट तय किया था। उम्मीद है कि सरकार का फिस्कल डेफिसिट इस टारगेट को पार नहीं करेगा।

इकोनॉमी के लिए क्यों अहम है फिस्कल डेफिसिट?

फिस्कल डेफिसिट के ज्यादा होना इकोनॉमी के लिए अच्छा नहीं होता है। इसकी वजह यह है कि ज्यादा फिस्कल डेफिसिट होने का मतलब है कि सरकार को ज्यादा कर्ज लेना पड़ेगा। ज्यादा कर्ज लेने से सरकार को उसके इंटरेस्ट पर ज्यादा पैसे चुकाने होंगे। इंटरेस्ट पर ज्यादा पैसे चुकाने से सरकार के हाथ में दूसरे जरूरी खर्चों जैसे शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, बंदरगाह आदि के लिए ज्यादा पैसे नहीं बचेंगे। इसका असर देश की इकोनॉमिक ग्रोथ पर पड़ेगा। इकोनॉमिक ग्रोथ की रफ्तार सुस्त पड़ सकती है।

MoneyControl News

MoneyControl News

First Published: Dec 26, 2023 1:21 PM

हिंदी में शेयर बाजार स्टॉक मार्केट न्यूज़,  बिजनेस न्यूज़,  पर्सनल फाइनेंस और अन्य देश से जुड़ी खबरें सबसे पहले मनीकंट्रोल हिंदी पर पढ़ें. डेली मार्केट अपडेट के लिए Moneycontrol App  डाउनलोड करें।