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Budget 2024: जानिए आपको टैक्स के मामले में निर्मला सीतारमण ने कितना दिया झटका और कितनी दी राहत

Union Budget 2024: बजट से पहले मिडिल क्लास को इनकम टैक्स में बड़ी राहत की उम्मीद जताई जा रही थी। आज निर्मला सीतारमण ने टैक्सपेयर्स को कोई बड़ी राहत नहीं दी है। उन्हें छोटी-छोटी कुछ राहत दी गई है। कम इनकम वाले लोगों के लिए भी कोई ऐलान नहीं किया गया है

अपडेटेड Jul 23, 2024 पर 1:52 PM
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India Budget 2024: अगर झटके की बात करें तो वित्त मंत्री ने सबसे बड़ा झटका लॉन्ग टर्म कैपटल गेंस टैक्स के रूप में दिया है। पहले लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस पर 10 फीसदी टैक्स लगता था। अब उसे बढ़ाकर 12.5 फीसदी कर दिया गया है।

इनकम टैक्सपेयर्स को वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने थोड़ी राहत दी है। साथ ही थोड़ा झटका भी दिया है। लेकिन, एक बात तय है कि बजट से पहले जिस तरह से मिडिल क्लास और कम इनकम वाले लोगों को राहत मिलने की उम्मीद जताई गई थी, वह पूरी नहीं हुई है। प्रमुख उद्योग चैंबर सीसीआई और पीएचडीसीसीआई सहित कई टैक्स एक्सपर्ट्स ने मिडिल क्लास पर टैक्स का बोझ कम करने की सलाह सरकार को दी थी। ऐसा लगता है कि सरकार ने इस पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया है। आइए पहले यह देख लेते हैं कि टैक्सपेयर्स को इस बजट से कितनी राहत मिली है।

सबसे बड़ी राहत

टैक्सपेयर्स को सबसे बड़ी राहत स्टैंडर्ड डिडक्शन (Standard Deduction) के रूप में मिली है। वित्तमंत्री ने स्टैंडर्ड डिडक्शन बढ़ाकर 75,000 रुपये कर दिया है। पहले यह 50,000 रुपये था। ध्यान रखने वाली बात यह है कि सिर्फ इनकम टैक्स की नई रीजीम (Income Tax New Regime) का इस्तेमाल करने वाले टैक्सपेयर्स को 75,000 स्टैंडर्ड डिडक्शन का फायदा मिलेगा। इनकम टैक्स की ओल्ड रीजीम के टैक्सपेयर्स को सिर्फ पहले की तरह 50,000 रुपये स्टैंडर्ड डिडक्शन का फायदा मिलेगा।


दूसरी बड़ी राहत

इनकम टैक्स में दूसरा बड़ा ऐलान नई रीजीम में टैक्स स्लैब से जुड़ा है। वित्तमंत्री ने नई रीजीम में टैक्स स्लैब में थोड़ा बदलाव किया है। 0 से 3 लाख रुपये तक की इनकम पर कोई टैक्स नहीं लगेगा। 3 से 7 लाख रुपये की इनकम पर 5 फीसदी टैक्स लगेगा। 7 से 10 लाख रुपये की इनकम पर 10 फीसदी टैक्स लगेगा। 10 से 12 लाख रुपये की इनकम पर 15 फीसदी टैक्स लगेगा। 12 से 15 लाख रुपये की इनकम पर 20 फीसदी टैक्स लगेगा। 15 लाख रुपये से ज्यादा की इनकम पर 30 फीसदी टैक्स लगेगा।

बजट के बाद इनकम टैक्स की नई रीजीम में टैक्स स्लैब

इनकम टैक्स
0 से 3 लाख रुपये तक जीरो %
3,00,001 रुपये से 7 लाख रुपये तक 5 %
7,00,001 रुपये से 10 लाख रुपये तक 10%
10,00,001 रुपये 12 लाख रुपये तक 15 %
12,00,001 से 15 लाख रुपये तक 20%
15 लाख रुपये से ज्यादा इनकम 30%

बजट से पहले नई रीजीम में टैक्स स्लैब

पहले नई रीजीम में 0 से 3 लाख रुपये तक की इनकम पर टैक्स नहीं लगता था। इसमें कोई बदलाव नहीं किया गया है। पहले 3 लाख रुपये से ज्यादा से लेकर 6 लाख रुपये तक की इनकम पर 5 फीसदी टैक्स लगता था। 6 लाख से 9 लाख रुपये तक की इनकम पर 10 फीसदी टैक्स लगता था। 9 से 12 लाख रुपये तक की इनकम पर 15 फीसदी टैक्स लगता था। 12 से 15 लाख रुपये तक की इनकम पर 20 फीसदी टैक्स लगता था। 15 लाख रुपये से ज्यादा की इनकम पर 30 फीसदी टैक्स लगता था।

पहले नई टैक्स रीजीम में टैक्स के स्लैब्स

इनकम  टैक्स
0 से 3 लाख रुपये तक 0%
3,00,001 रुपये से 6 लाख रुपये तक 5%
6,00,001 रुपये से 9 लाख रुपये तक 10%
9,00,001 रुपये 12 लाख रुपये तक 15%
12,00,001 रुपये 12 लाख रुपये तक 20%
15 लाख रुपये से ज्यादा इनकम 30%

सबसे बड़ा झटका

अगर झटके की बा करें तो वित्त मंत्री ने सबसे बड़ा झटका लॉन्ग टर्म कैपटल गेंस टैक्स के रूप में दिया है। पहले लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस पर 10 फीसदी टैक्स लगता था। अब उसे बढ़ाकर 12.5 फीसदी कर दिया है। इसका मतलब है कि अब 10 फीसदी की जगह 12.5 फीसदी लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस टैक्स चुकाना होगा। लेकिन, निर्मला सीतारमण ने लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस टैक्स में राहत भी दी है। पहले लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस टैक्स 1 लाख रुपये से ज्यादा के गेंस पर लगता था। अब इसे बढ़ाकर उन्होंने 1.25 लाख रुपये कर दिया है। इसका मतलब है कि अगर वित्त वर्ष में आपको 1.25 लाख रुपये से ज्यादा लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस होता है तो ही आपको टैक्स चुकाना होगा।

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दूसरा बड़ा झटका

दूसरा बड़ा झटका वित्तमंत्री ने शॉर्ट टर्म कैपिटल गेंस टैक्स में दिया है। इसे 15 फीसदी से बढ़ाकर 20 फीसदी कर दिया गया है। इसका मतलब है कि अगर आप 12 महीने से पहले शेयर या इक्विटी म्यूचुअल फंड्स की यूनिट्स बेच देते हैं तो आपको कैपिटल गेंस पर 20 फीसदी टैक्स चुकाना होगा। ऐसा लगता है कि सरकार का फोकस निवेशकों को लंबी अवधि के निवेश के लिए प्रोत्साहित करना है। तीसरा झटका फ्यूचर एंड ऑप्शंस पर एसटीटी का बढ़ना है। लेकिन, फ्यूचर एंड ऑप्शंस करने वाले लोगों पर ही इसका असर पड़ेगा। पहले फ्यूचर्स पर 0.0125 फीसदी टैक्स लगता था। अब यह बढ़कर 0.02 फीसदी हो गया है। ऑप्शन पर पहले 0.0625 फीसदी टैक्स लगता था। अब यह बढ़कर 0.10 हो गया है।

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