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Budget 2024 : रेल यात्रियों को बेहतर सुविधाएं देने पर होगा यूनियन बजट 2024 का फोकस

Budget 2024 : डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर से बड़ा बदलाव आने वाला है। ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर बनकर तैयार हो गया है। वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के जल्द पूरा हो जाने की उम्मीद है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि इससे इंडियन रेलवे की सूरत बदल जाएगी। माल ढुलाई के लिए रेलवे का आकर्षण बढ़ेगा

अपडेटेड Jan 09, 2024 पर 5:06 PM
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Budget 2024 : सरकार ने 2030 तक 800 वंदे भारत ट्रेनें चलाने का प्लान बनाया है। हर साल कई दर्जन वंदे भारत ट्रेनें नए रूटों पर लॉन्च की जा रही हैं। इस वित्त वर्ष में 75 वंदे भारत ट्रेनें चलाने का लक्ष्य है। इससे यात्रियों का सफर में लगने वाला समय बचेगा और ट्रैवल एक्सपीरिएंस बेहतर होगा।

Budget 2024 : केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार बनने के बाद से रेलवे के इंफ्रास्ट्रक्चर को बेहतर बनाने पर फोकस बढ़ा है। खासकर 1 फरवरी, 2017 को रेल बजट के यूनियन बजट का हिस्सा बन जाने के बाद से हर साल रेल बजट में नई ट्रेनों के ऐलान की परंपरा बंद हो गई। साथ ही रेलवे के इंफ्रास्ट्रक्चर पर सरकार ने खर्च बढ़ाना शुरू किया। 1 फरवरी, 2022 को पेश यूनियन बजट में वित्तमंत्री Nirmala Sitharaman ने रेलवे के लिए 1.37 लाख करोड़ रुपये का ऐलान किया था। अगले साल के बजट में इसे बढ़ाकर 2.4 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया। एक्सपर्ट्स का कहना है आवंटन का बड़ा हिस्सा नई रेल लाइने बिछाने और रेल इंफ्रास्ट्रक्चर को आधुनिक बनाने पर किया गया है। सरकार का फोकस माल ढुलाई के लिए रेलवे को सड़के के मुकाबले एक किफायती विकल्प बनाने और इंडस्ट्री को लुभाने पर है।

डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर से आएगा बड़ा बदलाव

डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर से बड़ा बदलाव आने वाला है। ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर बनकर तैयार हो गया है। वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के जल्द पूरा हो जाने की उम्मीद है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि इससे इंडियन रेलवे की सूरत बदल जाएगी। माल ढुलाई के लिए रेलवे का आकर्षण बढ़ेगा। साथ ही यात्री ट्रेनों के लिए रेल लाइने खाली मिलेंगी। इसका बड़ा फायदा रोड ट्रैफिक को भी होने वाला है। दरअसल, दिल्ली-हावड़ा और दिल्ली-मुंबई को जोड़ने वाले सड़कों पर दबाव कम होगा। अभी इन रूट्स का काफी ज्यादा इस्तेमाल माल ढुलाई के लिए होता है।


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वंदे भारत की स्पीड 130 किलोमीटर करने की तैयारी

जानकारों का कहना है कि रेल इंफ्रास्ट्रक्चर को आधुनिक बनाने का काम काफी हद तक पूरा हो गया है। अब सरकार का फोकस यात्री सुविधाओं को बेहतर बनाने पर होगा। सरकार पहले से ही वंदे भारत और अमृत भारत जैसी ट्रेनों का इस्तेमाल बढ़ाने की कोशिश कर रही है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने लोकसभा में बताया था कि वंदे भारत ट्रेनों की स्पीड और बढ़ाने की कोशिश हो रही है। इसके लिए आबादी वाले इलाकों में फेंसिंग पर काम चल रहा है। काम पूरा होने पर वंदे भारत टेनों की स्पीड बढ़कर 110-130 किलोमीटर प्रति घंटा तक पहुंच जाएगी।

500 से ज्यादा रेलवे स्टेशनों पर आधुनिक सुविधाएं

सरकार ने 2030 तक 800 वंदे भारत ट्रेनें चलाने का प्लान बनाया है। हर साल कई दर्जन वंदे भारत ट्रेनें नए रूटों पर लॉन्च की जा रही हैं। इस वित्त वर्ष में 75 वंदे भारत ट्रेनें चलाने का लक्ष्य है। इससे यात्रियों का सफर में लगने वाला समय बचेगा और ट्रैवल एक्सपीरिएंस बेहतर होगा। देश भर में 508 रेलवे स्टेशनों को आधुनिक बनाने का टारगेट तय किया गया है। वाराणसी, भोपाल, अयोध्या सहित कई रेलवे स्टेशनों को आधुनिक बनाने का काम पूरा हो चुका है। रेलवे का दावा है कि कई स्टेशनों पर यात्रियों को एयरपोर्ट जैसी सुविधाएं मिलेंगी।

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