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Budget 2024 : रियल एस्टेट सेक्टर वित्तमंत्री से इंडस्ट्री का दर्जा चाहता है, जानिए इसके फायदे

Budget 2024 : रियल एस्टेट ऐसा सेक्टर है, जिसमें पूंजी की बहुत ज्यादा जरूरत पड़ती है। इसलिए रियल एस्टेट कंपनियों को काफी कर्ज लेना पड़ता है। इस सेक्टर को इंडस्ट्री का दर्जा मिलने से उन्हें रियायती दर पर कर्ज मिलेगा। इससे प्रोजेक्ट की लागत में भी कमी आएगी, जिसका फायदा ग्राहकों को भी होगा

अपडेटेड Jan 15, 2024 पर 11:00 AM
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Budget 2024 : रियल एस्टेट कंपनियां होम लोन के इंटरेस्ट पर मिलने वाले डिडक्शन की लिमिट बढ़ाने की भी मांग कर रही हैं। अभी इनकम टैक्स एक्ट, 1961 के सेक्शन 24बी के तहत होम लोन के इंटरेस्ट पर सालाना 2 लाख रुपये का डिडक्शन मिलता है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि इसे बढ़ाकर कम से कम 4-5 लाख रुपये करने की जरूरत है।

Budget 2024 : कई साल के बाद रियल एस्टेट सेक्टर (Real Estate Sector) में रौनक लौट रही है। घरों डिमांड बढ़ी है। रियल एस्टेट कंपनियों की इनवेंट्री में कमी आई है। इससे रियल एस्टेट कंपनियों की सेहत में सुधार आया है। रियल एस्टेट के प्रतिनिधियों ने अंतरिम बजट से अपनी मांग के बारे में बताया है। उनका मानना है कि अगर सरकार की तरफ से इस सेक्टर को मदद मिलती है तो रियल्टी मार्केट तेजी से ग्रोथ करेगा। रियल्टी सेक्टर रोजगार के मौके पैदा करने में आगे है। साथ ही इस सेक्टर की ग्रोथ का पॉजिटिव असर दूसरी इंडस्ट्री पर भी पड़ता है। इनमें स्टील, सीमेंट, पेंट सहित कई इंडस्टीज शामिल है। वित्तमंत्री Nirmala Sitharaman 1 फरवरी को यूनियन बजट (Union Budget 2024) पेश करेंगी। रियल्टी सेक्टर उम्मीद है कि वित्तमंत्री इस सेक्टर के लिए बड़े ऐलान करेंगी।

बजट 2024 : इंडस्ट्री का दर्जा मिलने से होंगे ये फायदे

रियल एस्टेट सेक्टर सबसे पहले सरकार से अपने लिए इंडस्ट्री का दर्जा चाहता है। लंबे समय से वह इसकी मांग करता आ रहा है। उसे उम्मीद है कि वित्तमंत्री इस बार उसकी मांग पूरी कर सकती हैं। सरकार के इस कदम से रियल्टी सेक्टर को मजबूती मिलेगी। गुरुग्राम की रियल एस्टेट कंपनी सिग्नेचर ग्लोबल के फाउंडर और चेयरमैन प्रदीप अग्रवाल ने कहा कि देश की इकनोॉमिक ग्रोथ में रियल एस्टेट सेक्टर की अहमियत को देखते हुए सरकार को इसे इंडस्ट्री का दर्जा देना चाहिए। इससे इस सेक्टर में न सिर्फ निवेश बढ़ेगा बल्कि सस्टेनेबल डेवलपमेंट के लिए माहौल बनेगा। प्रोजेक्ट्स के एप्रूवल के लिए सरकार को सिंगल विडो सिस्टम शुरू करना चाहिए। नोएडा की रियल्टी कंपनी ट्राइडेंट रियल्टी के ग्रुप चेयरमैन एस के नारवर ने कहा कि अगर रियल एस्टेट को इंडस्ट्री का दर्जा मिल जाता है तो कंपनियों को लोन लेने में आसानी होगी। उन्हें इंटरेस्ट रेट भी कम चुकाना होगा।

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बजट 2024 : रियल एस्टेट में पूंजी की ज्यादा जरूरत

रियल एस्टेट ऐसा सेक्टर है, जिसमें पूंजी की बहुत ज्यादा जरूरत पड़ती है। इसलिए रियल एस्टेट कंपनियों को काफी कर्ज लेना पड़ता है। इस सेक्टर को इंडस्ट्री का दर्जा मिलने से उन्हें रियायती दर पर कर्ज मिलेगा। इससे प्रोजेक्ट की लागत में भी कमी आएगी, जिसका फायदा ग्राहकों को भी होगा। साथ ही रियल एस्टेट का इकोनॉमी की ग्रोथ में बड़ा योगदान है। अगर रियल एस्टेट तेजी से ग्रोथ करता है तो इकोनॉमी की रफ्तार तेज बनी रहेगी। इसलिए सरकार को इस सेक्टर को इंडस्ट्री का दर्जा देना चाहिए।

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बजट 2024 : होम लोन इंटरेस्ट पर डिडक्शन बढ़ाने की जरूरत

रियल एस्टेट कंपनियां होम लोन के इंटरेस्ट पर मिलने वाले डिडक्शन की लिमिट बढ़ाने की भी मांग कर रही हैं। अभी इनकम टैक्स एक्ट, 1961 के सेक्शन 24बी के तहत होम लोन के इंटरेस्ट पर सालाना 2 लाख रुपये का डिडक्शन मिलता है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि इसे बढ़ाकर कम से कम 4-5 लाख रुपये करने की जरूरत है। इसकी वजह यह है कि पिछले 10 साल से इस सीमा में कोई बदलाव नहीं किया गया है। इस बीच घरों की कीमतें बढ़ी है। ऐसे में घर खरीदने के लिए ग्राहकों को ज्यादा अमाउंट का होम लोन लेना पड़ता है। इसलिए सरकार को यह लिमिट बढ़ानी चाहिए। इससे घर खरीदने में लोगों की दिलचस्पी बढ़ेगी। हालांकि, यह ध्यान में रखना जरूरी है कि सेक्शन 24B के तहत डिडक्शन इनकम टैक्स की सिर्फ पुरानी रीजीम में मिलता है।

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