सरकार का आर्थिक सर्वे आज यानी 22 जुलाई को पेश होगा। आम तौर पर इकोनॉमिक सर्वे बजट से एक दिन पहले पेश होता है। इसे फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण संसद में पेश करेंगी। इसे लोकसभा में दोपहर 1 बजे और राज्यसभा में दोपहर 2 बजे पेश किया जाएगा। इसके बाद दोपहर 2:30 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस होगी। आर्थिक सर्वे में अर्थव्यवस्था के बारे में व्यापक जानकारी होती है। इसमें इकोनॉमी की चुनौतियों और उनके समाधान के बारे में भी बताया जाता है।
इकोनॉमिक सर्वे कैसे तैयार होता है?
इकोनॉमिक सर्वे (Economic Survey) बनाने का काम वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग में होता है। इसे इकोनॉमिक डिवीजन में चीफ इकोनॉमिक एडवाइजर (CEA) की निगरानी में तैयार किया जाता है। इसमें इकोनॉमी की ग्रोथ की संभावनाओं का उल्लेख होता है। साथ ही ग्रोथ के रास्ते की बाधाओं के बारे में भी बताया जात है। यह भी बताया जाता है कि इकोनॉमी की तेज ग्रोथ के लिए कौन-कौन से कदम उठाए जाने चाहिए। इसमें अर्थव्यवस्था के अलग-अलग सेक्टर की चुनौतियों और उनके समाधान के बारे में बताया जाता है।
Economic Survey में क्या होता है?
इकोनॉमिक सर्वे के तीन हिस्से होते हैं। पहला हिस्सा सबसे अहम होता है। इसमें इकोनॉमी से जुड़ी मुख्य बातें शामिल होती हैं। आर्थिक मसलों के बारे में चीफ इकोनॉमिक एडवाइजर की राय भी शामिल होती है। इसमें यह भी बताया जाता है कि इकोनॉमी की सेहत को लेकर सरकार की सोच क्या है। दूसरे हिस्से में अलग-अलग सेक्टर का प्रदर्शन और उससे जुड़े डेटा होते हैं। देश का पहला इकोनॉमिक सर्वे 1950-51 के दौरान पेश हुआ था। तब यह बजट का हिस्सा था। 1964 में इसे बजट से अलग कर दिया गया। तब से इसे यूनियन बजट पेश होने के एक दिन पहले पेश किया जाता है।
निर्मला सीतारमण के नाम दर्ज होगा यह रिकॉर्ड
23 जुलाई को यूनियन बजट पेश करने के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का नाम रिकॉर्ड में दर्ज हो जाएगा। वह लगातार सबसे ज्यादा बार बजट पेश करने वाली वित्तमंत्री बन जाएंगी। पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई के नाम लगातार छह बार यूनियन बजट पेश करने का रिकॉर्ड है। उन्होंने वित्त मंत्री के रूप में 1959 और 1964 के बीच पांच बार यूनियन बजट पेश किया था। उन्होंने एक अंतरिम बजट भी पेश किया था। सीतारमण 23 जुलाई को अपना सातवां बजट पेश करेंगी। सीतारमण यूनियन बजट पेश करने के मामले में मनमोहन सिंह, अरुण जेटली, पी चिदंबरम और यशवंत सिन्हा से आगे निकल चुकी हैं, जिनके नाम 5-5 बार बजट पेश करने का रिकॉर्ड है।
यह इकोनॉमिक सर्वे किस मामले में अलग है?
आम तौर पर अंतरिम बजट से पहले इकोनॉमिक सर्वे पेश नहीं होता है। इस बार 1 फरवरी को अंतरिम बजट से पहले आर्थिक सर्वे पेश नहीं हुआ था। लोकसभा चुनाव वाले साल में आर्थिक सर्वे फुल बजट के बाद ही पेश होता है। इसलिए इस साल अंतरिम बजट से पहले इकोनॉमिक सर्वे की जगह 'इंडियन इकोनॉमी-ए रिव्यू' नाम से एक रिपोर्ट पेश की गई थी। इसमें दो चेप्टर्स थे, जिनमें इंडियन इकोनॉमी की सेहत के बारे में बताया गया था।