केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (FM Nirmala Sitharaman) ने 1 फरवरी को लोकसभा में यूनियट बजट 2023 (Union Budget 2023) पेश किया। अगले साल होने वाले आम चुनाव से पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने नरेंद्र मोदी सरकार के अंतिम पूर्ण बजट में सभी तबकों को साधने का प्रयास किया। उन्होंने जहां एक तरफ मध्यम वर्ग और नौकरीपेशा लोगों को आयकर मोर्चे पर राहत देने की घोषणा की। वहीं लघु बचत योजनाओं के तहत निवेश सीमा बढ़ाकर बुजुर्गों और नई बचत योजना के जरिए महिलाओं को भी सौगात दी है। इसके साथ ही बुनियादी ढांचे पर खर्च में 33 प्रतिशत की बड़ी वृद्धि करने का भी प्रस्ताव किया है।
निर्मला सीतारमण ने बजट के बाद शुक्रवार को न्यूज 18 को पहला TV इंटरव्यू दिया। वित्त मंत्री ने अपने सुपर एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में नेटवर्क18 ग्रुप के एडिटर इन चीफ राहुल जोशी से बात करते हुए कहा कि इस बजट को पेश करने से पहले हमने हर क्षेत्र के लोगों से बातचीत की। बजट को सबके लिए फायदेमंद बनाने के लिए हमने सबकी राय ली। हमने इस बजट को सर्वसमावेशी बनाने के लिए हर सेक्टर के लोगों से चर्चा की। उन्होंने कहा कि खुले तौर पर सभी लोगों के सुझावों पर विचार हुआ।
वित्त मंत्री ने कहा कि बजट को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लगातार चर्चा होती रही। बजट से पहले सबकी राय ली गई और सभी सेक्टर के लोगों से बात की गई। वित्तमंत्री ने कहा कि देश ने पूरी मजबूती से कोरोना का सामना किया। उन्होंने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था धीरे-धीरे पटरी पर लौट रही है। कोरोनाकाल की चुनौतियों पर सीतारमण ने कहा कि हमें आने वाले सभी इनपुट के लिए होमवर्क करना था और इसका अर्थ क्या है इसकी गहराई से गुजरना था। अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर तमाम तरफ से आ रहे सुझावों पर उन्होंने कहा कि केवल इसलिए कि हम एक रास्ता या दूसरा चुन सकते हैं, हमें यह समझने की समझ होनी चाहिए कि हम किस लिए गए थे।
वित्त मंत्री ने कहा कि तमाम वैश्विक अनिश्चितताओं के बावजूद हम आर्थिक सुधारों को अपने हाथ से जाने नहीं देना चाहते थे। कोरोना महामारी जैसी स्थिति को संभालने के लिए मेरे सामने कोई मिसाल नहीं थी। फॉलो करने के लिए कोई उदाहरण नहीं थे। उन्होंने कहा कि महामारी के बाद हम हितधारकों के साथ बातचीत में लगे रहे। पीएम नरेंद्र मोदी ने बातचीत का नेतृत्व किया। वित्त मंत्री ने कहा की पीएम मोदी ने हमसे बातचीत जारी रखी। सरकार द्वारा लिए गए निर्णय के साथ खड़े होने का श्रेय भारत की जनता को जाता है। हम बहुत कुछ कर सकते हैं, जैसे एक मजबूत नेतृत्व, पीएम का नेतृत्व..लेकिन महत्वपूर्ण यह है कि भारत के लोगों ने हमारी रणनीतियों को कैसे आत्मसात किया।