इस बार फाइनेंस मिनिस्ट्री (Finance Ministry) एक संक्षिप्त डॉक्युमेंट पेश करना चाहती है। इसमें इकोनॉमी की सेहत की जानकारी होगी। यह इकोनॉमिक सर्वे जैसा होगा। मिनिस्ट्री इसे 1 फरवरी को अंतरिम बजट से पहले पेश करना चाहती है। एक सरकारी अधिकारी ने यह जानकारी दी। आम तौर पर लोकसभा चुनावों से पहले केंद्र सरकार अंतरिम बजट पेश करती है। फुल फाइनेंशियल स्टेटमेंट जून-जुलाई के दौरान नई सरकार पेश करती है। अधिकारी ने बताया कि इस बार पेश होने वाला डॉक्युमेंट पूरी तरह से इकोनॉमिक सर्वे नहीं होगा बल्कि एक संक्षिप्त डॉक्युमेंट होगा, जो सर्वे जैसा होगा।
इस डॉक्युमेंट्स में कई जानकारियां होंगी
अधिकारी ने बताया कि यह जून-जुलाई में पेश होने वाले डॉक्युमेंट जितना बड़ा नहीं होगा। लेकिन, इसमें कई अहम जानकारियां होंगी। इसमें जीडीपी ग्रोथ का अनुमान होगा। नॉमिनल जीडीपी ग्रोथ का टारगेट होगा। ऑयल प्राइसेज के अनुमान सहित ऐसी कई जानकारियां होंगी। अधिकारी ने नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर यह जानकारी दी।
आर्थिक सर्वे में इकोनॉमी की सेहत की जानकारी होती है
अधिकारी ने बताया कि मिनिस्ट्री अभी फाइनेंशियल ईयर 2023-24 के इकोनॉमिक परफॉर्मेंस की जानकारी जुटा रही है। उन्होंने बताया कि इस बारे में अभी बातचीत चल रही है कि इस डॉक्युमेंट में कौन-कौन सी जानकारियां होंगी। सरकार हर साल यूनियन बजट के एक दिन पहले इकोनॉमिक सर्वे पेश करती है। आम तौर पर इसे 31 जनवरी को पेश किया जाता है। इसे चीफ इकोनॉमिक एडवाइजर (CEA) की देखरेख में आर्थिक मामलों का विभाग (DEA) तैयार करता है। अभी वी अनंतर नागेश्वरन चीफ इकोनॉमिक एडवाइजर हैं। आर्थिक सर्वे को भी इकोनॉमी की सेहत बताने वाला रिपोर्ट माना जाता है। इसमें सीईओ इकोनॉमिक रिफॉर्म्स के आइडिया के बारे में भी बताते हैं।
1 फरवरी को पेश होगा अंतरिम बजट
आम तौर पर इकोनॉमिक सर्वे के दो हिस्से होते हैं। लेकिन, 2022 में इसे एक ही वॉल्यूम में पेश किया गया था। 2023 के लिए पेश सर्वे में इस फाइनेंशियल ईयर में रियल जीडीपी ग्रोथ 6-6.8 फीसदी रहने का अनुमान व्यक्त किया गया था। यह भी कहा गया था कि यह अनुमान दुनिया में होने वाले पॉलिटिकल और इकोनॉमिक डेवलपमेंट पर निर्भर करेगा। परंपरा के मुताबिक, केंद्र सरकार 1 फरवरी को अगले फाइनेंशइयल ईयर का वोट ऑन अकाउंट पेश करेगी। लोकसभा चुनाव जिस साल होने वाले होते हैं, सरकार सिर्फ अंतरिम बजट पेश करती है। पूर्ण बजट पेश करने की जिम्मेदारी नई सरकार पर होती है।