Budget 2024 : अगर आप शेयर बाजार में ट्रेडिंग करते है तो आपको बजट में खुशखबरी मिल सकती है। सरकार कैपिटल गेंस टैक्स के नियमों को आसान बनाने का ऐलान अंतरिम बजट 2024 में कर सकती है। शेयरों और म्यूचुअल फंड्स की यूनिट्स को एक टाइम पीरियड के बाद बेचने पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस टैक्स लगता है। एक्सपर्ट्स लंबे समय से यह मांग करते आ रहे हैं। अभी लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस टैक्स के नियम अलग-अलग एसेट के लिए अलग-अलग हैं। इससे टैक्सपेयर्स कनफ्यूजन में रहता है। अगर इन नियमों की कमियां दूर की जाती है तो टैक्स कंप्लायंस बढ़ेगा, जिसका फायदा सरकार और शेयर मार्केट निवेशकों को होगा।
टैक्स रेट में होना चाहिए बदलाव
वित्तमंत्री Nirmala Sitharaman 1 फरवरी को बजट पेश करेंगी। यह अंतरिम बजट होगा। पूर्ण बजट अप्रैल-मई के लोकसभा चुनावों के बाद केंद्र में जो नई सरकार बनेगी वह पेश करेगी। बजट के लिए शेयर मार्केट एक्सपर्ट्स अपने सुझाव सरकार के आगे रख रहे हैं। एक्सपर्ट्स के मुताबिक शेयर और म्यूचुअल फंड्स की यूनिट्स के लिए लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस के लिए टैक्स का रेट 10 फीसदी होना चाहिए, जबकि शॉर्ट टर्म कैपिटल गेंस के लिए टैक्स का रेट 15 फीसदी होना चाहिए।
नियमों में होना चाहिए बदलाव
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि डेट म्यूचुअल फंड्स से हुए गेंस को शॉर्ट टर्म गेंस माना जाएगा। डेट म्यूचुअल फंड्स की यूनिट्स कितने समय के लिए रखा गया है, इससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा। फिर, इंडिविजुअल के टैक्स स्लैब के हिसाब से उस पर टैक्स लगेगा। एक्सपर्ट्स का मानना है कि सरकार को हर तरह के एसेट के लिए कैपिटल गेंस टैक्स के एक समान नियम बनाने चाहिए। इससे टैक्सपेयर्स के बीच कैपिटल गेंस टैक्स के नियमों को लेकर कनफ्यूजन नहीं होगा। इससे टैक्स कंप्लायंस बढ़ेगा जिसका फायदा सरकार को होगा। अगर सरकार अंतरिम बजट में इसका ऐलान नहीं कर सकती तो वह जुलाई में पेश होने वाले पूर्ण बजट में इस बारे में कदम उठा सकती है।